ग्वालियरमध्य प्रदेश

शिवपुरी जिला सहकारी बैंक में 80 करोड़ रुपये का गबन, 126 आरोपितों को भेजा जेल

 भोपाल ।  प्रदेश के शिवपुरी जिला सहकारी बैंक में 80 करोड़ रुपये से अधिक का गबन हुआ। 126 अधिकारियों-कर्मचारियों को जेल भेजा। प्रदेश के इतिहास में इतनी बड़ी कार्रवाई इससे पहले नहीं हुई। यह बात सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने कांग्रेस विधायक केपी सिंह के ध्यानाकर्षण के उत्तर में सदन में बताई। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि बैंक की स्थिति को सुधारने के लिए जल्द ही कदम उठाया जाएगा। केपी सिंह ने कहा कि बैंक में हुए गबन के कारण खातेदार परेशान है। जरूरत पड़ने पर भी वे अपनी जमा रकम नहीं निकाल पा रहे हैं। लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। वहीं, भाजपा विधायक बीरेन्द्र रघुवंशी ने कहा कि गांवों में जाना मुश्किल हो गया है। एक-एक हजार रुपये के लिए लोग परेशान हो रहे हैं। इस पर सहकारिता मंत्री ने कहा कि गबन का यह मामला 2008 से चल रहा था। इस बीच कांग्रेस की सरकार भी रही। जैसे ही हमारे संज्ञान में मामला कड़ी कार्रवाई करते हुए चार मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित अन्य को जेल भेजा। अपेक्स बैंक 50 करोड़ रुपये बैंक को देने तैयार था लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक के प्रविधान के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। बजट में सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इससे कुछ रास्ता निकालेंगे।

श्वान के काटने की घटना पर जताई चिंता

भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से श्वान को काटने की बढ़ती घटना को लेकर चिंता जताई। मध्य प्रदेश में मानव अधिकार आयोग ने भी श्वान के काटने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है और सरकार से जरूरी कदम उठाने को लेकर के अनुशंसाएं की हैं। साथ ही श्वान के काटने पर मृतक के परिजनों को दो लाख , घायल को 10 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक की राशि बतौर क्षतिपूर्ति देने के लिए निर्देश दिए हैं।

इस मामले में सरकार को कदम उठाना चाहिए। नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा कि आवारा पशु, खासतौर से श्वान की आबादी को नियंत्रित करने की दिशा में जनसहयोग और एनजीओ के माध्यम से काम करेंगे और पालतू पशु को लेकर कानूनी प्रविधान किए जाएंगे। अनुसूचित जनजाति वर्ग पर बढ़ते अत्याचार को लेकर कांग्रेस के सदस्य आसंदी के सामने पहुंचे अनुसूचित जनजाति वर्ग पर बढ़ते अत्याचार के मामलों पर चर्चा ने कराने को लेकर कांग्रेस के विधायक आसंदी के सामने आ गए। उन्होंने सरकार पर स्थिति को नियंत्रित करने पर असफल होने का आरोप लगाया और नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर निकल गए। विधानसभा अध्यक्ष ने पूछा कि क्या ये बहिर्गमन है तो नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह ने कहा कि नहीं, वे अपनी बात रखने के लिए बाहर गए हैं।

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