एक लाख की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने किया भृत्य को गिरफ्तार
शिवपुरी
आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक आरएस परिहार के भृत्य अवधेश शर्मा को मंगलवार की दोपहर लोकायुक्त की टीम ने 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। चपरासी ने यह रिश्वत जिला संयोजक आरएस परिहार के कहने पर पोहरी के शासकीय अनुसूचित जाति उत्कृष्ट सीनियर बालक छात्रावास अधीक्षक हेमराज सहरिया से मांगी थी। हेमराज ने मामले की शिकायत लोकायुक्त को दर्ज कराई जिस पर से जिला संयोजक आरएस परिहार सहित चपरासी अवधेश शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त ने आपराधिक प्रकरण दर्ज कर, रिश्वत की मांग करने की ऑडियो रिकॉर्ड किया और आज भृत्य को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
डीओ को कलेक्टर सभागार में से किया गिरफ्तार
दरअसल शासकीय अनुसूचित जाति उत्कृष्ट सीनियर बालक छात्रावास में अध्यनरत छात्रों की 4 लाख रुपये की शिक्षावृति शासन की ओर से आनी थी। यह राशि आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक आरएस परिहार के हस्ताक्षर से स्वीकृत होकर छात्रावास के खाते में पहुंचनी थी। इस राशि की स्वीकृति के लिए आरएस परिहार द्वारा अपने चपरासी अवधेश शर्मा के माध्यम से एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी जा रही थी। छात्रावास अधीक्षक के हेमराज के अनुसार उसने काफी प्रयास किया कि उससे ली जाने वाली रिश्वत न ली जाए लेकिन जब उस पर दबाब बनाया गया तो उसने 9 मार्च को लोकायुक्त ग्वालियर में मामले की शिकायत दर्ज कराई। उक्त शिकायत के आधार पर लाेकायुक्त ने जिला संयोजक आरएस परिहार सहित भृत्य अवधेश शर्मा के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर 16 मार्च को एक सिपाही के साथ टेप रिकॉर्डर लेकर हेमराज को कलेक्ट्रेट भेजा, जहां अवधेश शर्मा ने हेमराज से बात करते हुए कहा कि साहब द्वारा एक लाख रुपये की मांग की जा रही है। यह राशि नहीं दी तो शिक्षावृति खाते में नहीं आएगी। इस पूरी रिकॉर्डिंग के दौरान दोनों के बीच डीलिंग हुई और 80 हजार रुपए में मामला तय किया हुआ। पैसे के लेनदेन की रिकॉर्डिंग के उपरांत आज लोकायुक्त की टीम निर्धारित रणनीति के तहत कलेक्ट्रेट परिसर में दाखिल हुई और वहीं पर अवधेश शर्मा को 80 हजार रूपये के साथ गिरफ्तार किया गया। अवधेश शर्मा ने गिरफ्तारी के उपरांत बताया कि उसने यह रिश्वत आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक आरएस परिहार के कहने पर ली है। उक्त बयानों के आधार पर जिला संयोजक आरएस परिहार कलेक्ट्रेट सभागार से गिरफ्तार किया गया क्योंकि तत्समय वह कलेक्ट्रेट सभागार में जनसुनवाई कार्यक्रम में उपस्थित थे।