भोपालमध्य प्रदेश

 ईवी क्रांति का केंद्र बनेगा मंडीदीप

भोपाल । देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2030 तक देश को 100 प्रतिशत ई-मोबिलिटी वाली अर्थ व्यवस्था बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए देश में नई और एडवांस तरह की बैट्रियों की जरूरत होगी। अभी ईवी में लिथियम आयन बैट्रीज लगती हैं। इन बैट्रीज को बनाने में ग्रेफाइड इनोड की जरूरत होती है। आने वाले दिनों में देश की कुल ग्रेफाइड इनोड की 60 प्रतिशत जरूरतें भोपाल से चंद किमी दूर मंडीदीप से पूरी होंगी।
यहां एचईजी कंपनी एक हजार करोड़ के निवेश से ली ऑन इनोड प्लांट स्थापित कर रही है। इनोड का निर्माण तांबे की पतली चादर से होता है। बैटरी सेल को बनाने में 15 प्रतिशत इनोड पर ही खर्च आता है। फिलहाल, प्लांट की प्रोडक्शन क्षमता सालाना 12 गीगा वॉट आवर्स की होगी। बैटरी की क्षमता गीगा वॉट ऑवर्स से नापी जाती है। जीडब्ल्यूएच यानी गीगावाट घंटे, एक अरब (1000000000) वाट घंटे का प्रतिनिधित्व करने वाली ऊर्जा की एक इकाई है और एक मिलियन किलोवाट घंटे के बराबर है।
फिलहाल, देश में इनोड की मौजूदा जरूरत 3 गीगा वॉट आवर्स की है। 2026 तक कम से कम 20 गीगा वॉट आवर्स और 2030 तक 70 गीगा वॉट आवर्स की जरूरत होगी। आने वाले सालों में इनोड की मांग में 250 प्रतिशत से ज्यादा इजाफा होने वाला है। अभी देश की जरूरत का 90 प्रतिश ग्रेफाइड इनोड जापान और चीन से आता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button