मध्य प्रदेश

गर्म पानी से भरे तपेले में डालकर युवक की हत्‍या, तीन आरोपितों को उम्रकैद

रतलाम ।    न्यायालय ने छत नहीं भरने के विवाद को लेकर युवक को गर्म पानी से भरे तेपेले में डालकर उसकी हत्या करने के बहुचर्चित मामले में अभियुक्त 32 वर्षीय पंकज हारी पुत्र कालू हारी, 29 वर्षीय दिनेश हारी पुत्र वारजी हारी व 19 वर्षीय कैलाश हारी पुत्र नारायण हारी तीनों निवासी ग्राम सेमलिया थाना बाजना को उम्रकैद की सजा सुनाई। तीनों अभियुक्तों पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया। फैसला बुधवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेशकुमार गुप्ता ने सुनाया। लोक अभियोजक विमल छिपानी ने बताया कि 32 वर्षीय कैलाश निनामा पुत्र मांगू निनामा निवासी ब्याटोंक 23 फरवरी 2022 की रात अपने परिचित योगेश हारी के घर पर नौतरा कार्यक्रम में गया था। रात करीब दस बजे कुछ लोग भोजन कर रहे थे। कैलाश निनामा भोजन करके परिचित योगेश हारी के घर के आंगन में खड़ा था। तभी अभियुक्त पंकज हारी, दिनेश हारी व कैलाश हारी कैलाश के पास पहुंचकर उसके साथ गाली गलोच करने लगे थे। इसी बीच अभियुक्त दिनेश हारी ने कैलाश निनामा से कहा कि वह उसके भाई महिपाल के मकान की छत क्यों नहीं भर रहा है। कैलाश निनामा ने कहा था कि आप लोग सामान व रुपया दोगे तो वह छत भर देगा। इस पर विवाद करते हुए पंकज ने कैलाश को दो थप्पड़ मार दिए थे। कैलाश निनामा द्वारा गाली-गलोच करने व मारपीट करने से मना किया तो तीनों ने मिलकर उसे उठाकर पास में रखे गर्म पानी से भर तपेले में डाल दिया था। इससे वह बुरी तरह झुलस गया था।

तीन दिन बाद इंदौर में हुई थी मौत

कैलाश निनामा को बाजना के सरकारी अस्पताल व वहां से जिला अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया था। हालत में सुधार नहीं होने पर उसे इंदौर रेफर किया गया था, जहां तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई थी। उसका शव 27 फरवरी की शाम अंतिमसंस्कार के लिए उसके पैतृत गांव ब्याटोंक ले जाया गया था। उसकी मौत की खबर से लोगों में रोष फैल गया था व बड़ी संख्या में लोगों ने उसके घर पहुंचकर आरोपितों को गिरफ्तार करने की मांग की थी। घटना को लेकर विवाद की स्थिति न बने, इसके लिए ब्याटोंक व उसके आसपास के गांव केलकच्छ तथा सेमलिया में दुकानें बंद रही थी। तीनों गांवों में पुलिस बल भी तैनात किया गया था। पुलिस ने पहले जानलेवा हमले का मामला दर्ज किया था। कैलाश की मौत के बाद प्रकरण में हत्या की धारा बढ़ाई गई थी। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी लोक अभियोजक विमल छिपानी ने की।

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