स्वच्छता अभियान में भारी पड़ेगी भेल प्रशासन की लापरवाही

भोपाल
एक तरफ स्वच्छता अभियान के मद्देनजर शहर में साफ-सफाई जोर शोर चल रही है, वहीं दूसरी तरफ भेल टाउनशिप में सीवेज की गंदगी और कचरा भेल कर्मियों के लिए लंबे समय से परेशानी का सबब बना हुआ है। भेल नगर प्रशासक की इस लापरवाही का खामियाजा भोपाल नगर निगम को भुगतना पड़ सकता है। क्योंकि टाउनशिप के अंदर नगर निगम के 4 जोन और 8 वार्डों में साफ-सफाई का स्तर गिरा हुआ है।
ज्ञात हो कि 60 साल पहले टाउनशिप को डवलप किया गया था। इधर आज भी 5 हजार से अधिक आवासों में भेल कर्मी रहते हैं। इन लोगों का आरोप हैं कि टाउनशिप के आवासों की सीवेज लाइन क्लीनिंग काम ठप है। शिकायत करने पर भेल नगर प्रशासक सफाई करता नहीं है और निगम ध्यान नहीं दे रहा।
इस कारण टाउनशिप में गंदगी का अंबार लग रहा है। ऐसे में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए आने वाली टीम टाउनशिप में गंदगी को देख कर स्वच्छता के नंबरों जरूर कम देगी।
यह हैं जिम्मेदार अफसर
भेल टाउनशिप का जिम्मा भेल नगर प्रशासक एसएस सिंह पर है। यह इस विभाग में पिछले 12-13 साल से जमे हुए हैं। पहले यह एजीएम हुआ करते थे। बाद में इनका प्रमोशन हुआ और अब यह विभाग के जीएम है। नगर निगम के जोन 11, 12, 14 और 15 और वार्ड 44,59,70,56,57,60,63,62 टाउनशिप में आते हैं। टाउनशिप में सफाई का जिम्मा भेल नगर प्रशासक का है। ननि नाले की सफाई के अलावा दूसरा काम नहीं करता।
भेल टाउनशिप में सीवेज लाइन क्लीनिंग का काम ठप है। सीवेज लाइन क्लिनिंग का ठेका 5 साल पहले समाप्त हुआ था। उसके बाद से अब तक दोबार ठेका नहीं हुआ। लाइन के चौक होने पर रहवासी स्वयं के खर्च पर क्लीनिंग करवाते हैं। टाउनशिप वासियों को हर तीन महीने में अपने आवास की लाइन क्लीनिंग करवानी पड़ती है।
इन क्षेत्रों में लगा गंदगी का अंबार
टाउनशिप के पिपलानी, बड़खेड़ा, गोविंदपुरा के आवासों में रहने वाले नागरिक अंदुरुनी सड़क पर फैले कचरे से बहुत परेशान है। रहवासी कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सफाई नहीं होती। इस कारण उक्त क्षेत्रों की अंदुरुनी सड़कों पर गंदगी का अंबार लगा रहता है।