फर्जी दस्तावेज लगाकर ले लिया लीज पर तालाब
- 30 एकड़ के लगभग जमीन में फैला है तालाब, 20 वर्षों से ज्यादा समय से एक ही व्यक्ति को दिया जा रहा है काम
सीहोर। बुदनी विधानसभा केे अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बायां के तालाब को फर्जी दस्तावेेज लगाकर ठेकेे पर लेने का मामला सामनेे आया है। यह तालाब लगभग 30 एकड़ में फैला हुआ है। नियमानुसार इस तालाब में ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत केे अधीन आने वाला कोई व्यक्ति मछलीपालन का कार्य कर सकता है, लेकिन जनपद पंचायत द्वारा बुदनी नगर पंचायत केे निवासी कोे यह कार्य दे दिया गया है। बताया जा रहा है कि उसने फर्जी दस्तावेेज लगाकर तालाब में मछलीपालन का कार्य लिया है औैर 20 वर्षों से ज्यादा समय सेे वह इस तरह से जरूरतमंदोें की अधिकारों पर डाका भी डाल रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौैहान का विधानसभा क्षेेत्र इस समय गड़बड़ियों कोे लेकर ज्यादा चर्चाओें में बना हुआ है। यह गड़बड़ियां पंचायतोें में सबसेे ज्यादा सामने आ रही है। यहां पर जनपद पंचायत बुधनी द्वारा गलत तरीके से बायां केे तालाब कोे ठेके पर दे दिया गया है। दरअसल बायां में स्थित तालाब पर मछलीपालन का कार्य किया जाता है। इस वर्ष भी यह काम लखनलाल मांझी पिता कोदूलाल मांझी को दिया गया है। नियमानुसार इस काम को जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायत के अधीन आने वाला कोेई व्यक्ति ले सकता है, लेकिन लखनलाल मांझी पिता कोदूलाल मांझी का नाम नगर पंचायत बुधनी में दर्ज हैै। (हमारेे पास इसके दस्तावेज मौैजूद हैं।)
20 वर्षों सेे चल रहा हैै फर्जीवाड़ा-
जनपद पंचायत बुदनी के अधीन आने वाली ग्राम पंचायत बायां में 20 वर्षों सेे यह फर्जीवाड़ा चल रहा है। कई बार इसकोे लेकर शिकायतेें की गईं, लेकिन जिम्मेदारोें द्वारा इसमें जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई हैै। यही कारण है कि इसका लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिला। बायां में रहने वाले कई मांझी परिवार हैं, जिन्होंने तालाब में मछलीपालन केे लिए काम लेने का प्रयास कई बार किया, लेकिन उन्हें काम नहीं दिया गया। हमारे पास जो दस्तावेेजों आए हैं उनमेें स्थानीय ग्रामीणों के फर्जी दस्तावेज लगाकर काम लेना बताया जा रहा है। हालांकि इस मामले में ग्राम पंचायत द्वारा भी लिखित में जनपद पंचायत बुदनी का अवगत कराया गया है कि लखनलाल पिता कोदूलाल मांझी नाम से कोई भी व्यक्ति ग्राम पंचायत बायां का स्थानीय निवासी नहीं हैं। इसके बाद भी जनपद पंचायत द्वारा इस मामले मेें कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
हर वर्ष होती है नीलामी प्रक्रिया-
लाखों रूपए की कमाई करनेे वाले बायां केे तालाब की हर वर्ष नीलामी होती है। इस तालाब को लगातार कई वर्षों सेे एक ही व्यक्ति कोे लीज पर दिया जा रहा है। इससे साफ है कि विभागीय अधिकारियोें की उससे लंबी सांठ-गांठ है। बताया जा रहा है कि लखनलाल मांझी पिता कोदूलाल मांझी द्वारा ग्राम पंचायत बायां केे किसी लखनलाल केे नाम से दस्तावेेज लगाकर तालाब को लीज पर लिया जा रहा है, जबकि अन्य जरूरतमंदों को इसे मिलना चाहिए, लेकिन वेे बेेबस हैं औैर तालाब में मछलीपालन नहीं कर पा रहे हैं। जनपद पंचायत बुदनी ने 3 मई 2020 को समाचार पत्र के माध्यम से विज्ञप्ति जारी की थी। इसके बाद इस संबंध में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकाली गई, जिसमेें सामनेे आया है कि फर्जी दस्तावेज लगाकर तालाब कोे लीज पर लिया जा रहा है।
पंचायत से भी नहीं ली गई अनुमति-
बायां स्थित तालाब ग्राम पंचायत केे अधिकार क्षेत्र मेें आता है। नियमानुसार लीज पर देने से पहले ग्राम पंचायत की अनुमति भी लेनी होती है, लेकिन मत्स्य पालन विभाग द्वारा अनुमति नहीं ली गई।
ये हैैं नियम-
मछलीपालन नीति 2008 के तहत 10 हेक्टेयर तक के तालाबों को ग्राम पंचायत में निवासरत किसी व्यक्ति को ही लीज पर दिया जा सकता है। 10 से 100 हेक्टेयर तक केे तालाब कोे ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत के अधीन आने वाले व्यक्ति को ही लीज पर दिया जा सकता है। नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला कोई भी व्यक्ति मछलीपालन के लिए लीज पर नहीं ले सकता, लेकिन यहां पर नगरीय क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति को तालाब लीज पर दे दिया गया है।
इनका कहना है-
10 हेक्टेयर तक के तालाब ग्राम पंचायत स्तर पर ही दिए जाते हैं और 10 से लेकर 100 हेक्टेेयर तक के तालाबों के लिए जनपद पंचायत स्तर पर औपचारिकताएं पूरी की जाती हैैं। बायां केे तालाब का मामला भी संज्ञान मेें आया था और उसे नियमानुसार ही दिया गया है। इसमेें किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी या लापरवाही नहीं हुई है।
– भारत सिंह मीना, सहायक संचालक, मत्सस्य पालन विभाग, जिला सीहोर
लखनलाल ने अवैध तरीकेे से तालाब मेें मछलीपालन का काम लिया है। वह न तो बायां का निवासी है और न ही उसकेे पास ग्राम पंचायत बायां केे कोई दस्तावेज हैं। उसने फर्जी दस्तावेज लगाकर तालाब में मछली पालन का कार्य लिया है। इस संबंध में पंचायत द्वारा जनपद पंचायत को लिखित में भी अवगत करा दिया गया है।
– छोटेलाल आदिवासी, सरपंच, ग्राम पंचायत बायां