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अर्पिता के घर से अबतक मिले 50 करोड़ नकद , 5 किलो सोना बरामद

 कोलकाता

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को टीचर भर्ती घोटाले में कोलकाता के आसपास तीन जगहों पर फिर छापेमारी की. इस दौरान अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया स्थित एक और फ्लैट से ईडी को करीब 29 करोड़ कैश (28.90 करोड़ रुपए) और 5 किलो सोना मिला. ईडी की टीम को ये पैसा गिनने में करीब 10 घंटे का समय लगा. चौंकाने वाली बात ये है कि अर्पिता ने ये पैसा फ्लैट के टॉयलेट में छिपा रखा था.

दरअसल, ईडी ने टीचर भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में हाल ही में पश्चिम बंगाल में ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था. अर्पिता मुखर्जी पार्थ चटर्जी की करीबी हैं. 5 दिन पहले ही ईडी को अर्पिता के फ्लैट से 21 करोड़ कैश और तमाम कीमती सामान मिले थे. ईडी ने अर्पिता को 23 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था.

उधर, ईडी की इस कार्रवाई के बाद से विपक्षी पार्टियां टीएमसी पर पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से बाहर करने की मांग कर रही है. इतना ही नहीं शिक्षक भर्ती घोटाले में मनी ट्रेल की जांच कर रही ईडी ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य से भी पूछताछ की.

ईडी ने बुधवार सुबह दक्षिण कोलकाता के राजडांगा और बेलघरिया में कई ठिकानों पर छापे मारे, ये प्रॉपर्टियां कथित रुप से अर्पिता मुखर्जी की हैं. ईडी की पूछताछ में अर्पिता मुखर्जी ने इन संपत्तियों का खुलासा किया था.

ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि इस बार उत्तर कोलकाता के बेलघरिया स्थित फ्लैट से नकदी मिली है जिसकी मालकिन मुखर्जी हैं। रथाला इलाके में अर्पिता के दो फ्लैट को ताला तोड़कर खोला गया क्योंकि उनकी चाबी नहीं थी। उन्होंने बताया, हमें हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में दो में से एक फ्लैट में बड़ी मात्रा में नकदी मिली है। उन्होंने बताया कि फ्लैटों की तलाशी के दौरान कई अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। ईडी ने फ्लैट को सील कर दिया है। जांच एजेंसी ने पार्थ के सहयोगी और व्यवसायी मनोज जैन के बल्लीगंज स्थित आवास पर भी तलाशी ली है।

सुबह से जारी थी कार्रवाई
मुखर्जी ने पूछताछ के दौरान ईडी को कोलकाता के आसपास की अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी। अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह से ही इन संपत्तियों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। मंत्री और मुखर्जी से पूछताछ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुखर्जी जांच में सहयोग कर रही हैं, लेकिन मंत्री का रवैया असहयोगात्मक है।

 
ईडी को इन फ्लैट में घुसने के लिए दरवाजा तोड़ना पड़ा था, क्योंकि जांच एजेंसी को इनकी चाबी नहीं मिली थी. ईडी अफसरों ने समाचार एजेंसी से बातचीत में बताया कि हमें एक हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के एक फ्लैट से अच्छी रकम मिली है. कैश को गिनने के लिए तीन नोट गिनने की मशीनें लानी पड़ीं. इतना ही नहीं फ्लैट से कई अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. मंत्री और मुखर्जी से पूछताछ को लेकर पूछे गए सवाल पर ईडी अधिकारी ने बताया कि अर्पिता जांच में सहयोग कर रही हैं, जबकि पार्थ चटर्जी ऐसा नहीं कर रही हैं.

उधर, पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से बाहर करने की मांग तेज हो गई है. राज्य में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल ला गणेशन से राजभवन में मुलाकात की और चटर्जी को कैबिनेट से बाहर करने की मांग की.

 

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