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7 बार कुरान में हिजाब का जिक्र, लेकिन ड्रेस कोड के संदर्भ में नहीं: हाईकोर्ट के फैसले पर बोले आरिफ मोहम्मद खान

बेंगलुरु
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर रोक लगाने वाले सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम में 'आवश्यक धार्मिक प्रथा' नहीं है और छात्र यूनिफॉर्म के रूप में 'उचित प्रतिबंध' पर आपत्ति नहीं कर सकते। अदालत ने राज्य के 5 फरवरी के आदेश को बरकरार रखा और कहा कि यह संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करता है। इस मामले पर तमाम नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अब केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की है। केरल के गवर्नर ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हिजाब को इस्लाम में 'आवश्यक धार्मिक प्रथा' नहीं बताया गया है और इसीलिए फैसले देते समय कोर्ट का काम आसान हो गया।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "इस्लाम स्वयं यह परिभाषित करता है कि धार्मिक प्रथा के लिए क्या आवश्यक है, इसलिए न्यायपालिका का काम आसान हो गया है। कुरान में हिजाब का 7 बार जिक्र किया गया है, लेकिन ड्रेस कोड के संदर्भ में नहीं।" खान ने पहले भी कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों द्वारा जारी किए गए हिजाब पर प्रतिबंध का समर्थन किया था। अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यपाल ने कहा, "हमें इसका स्वागत करना चाहिए और इन युवा लड़कियों को अपने, समाज और देश के लिए बेहतर करने में मदद करनी चाहिए।" हालांकि, उन्होंने कहा कि फैसले को लेकर कोई उत्साह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं उन्हें (हिजाब समर्थक मुस्लिम लड़कियों को) भारत के निर्माण और उनके परिवार की देखभाल के लिए शुभकामनाएं देता हूं।"  

 

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