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यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के लिए नई एडवाइजरी, सीमावर्ती इलाकों में नहीं जाने की सख्त हिदायत

कीव/नई दिल्ली
यूक्रेन में फंसे करीब 16 हजार भारतीयों को युद्धग्रस्त देश से बाहर निकालने के लिए भारत सरकार लगातार कोशिश कर रही है और भारत सरकार की तरफ से एक नई एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें यूक्रेन में फंसे छात्रों को सीमावर्ती इलाकों में नहीं जाने की सख्त सलाह दी गई है। 12999/- रुपये में खरीदने के लिए बेस्ट स्मार्टफोन भारत की नई एडवाइजरी भारत की नई एडवाइजरी भारतीय दूतावास की तरफ से जारी नई एडवाइजरी में कहा गया है कि, '' सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे सीमा चौकियों पर भारत सरकार के अधिकारियों के साथ पूर्व समन्वय के बिना किसी भी सीमा चौकी पर न जाएं। भारत सरकार ने कहा है कि, बिना किसी पूर्व कॉर्डिनेशन के सीमावर्ती इलाकों में नहीं जाएं और भारत सरकार के अधिकारियो के साथ लगातार संपर्क बनाकर ही बॉर्डर पोस्ट के पास जाएं। भारत सरकार ने हेल्पलाइन नंबर और आपातकालीन नंबर स्थापित किए हैं। सीमावर्ती इलाकों में स्थिति काफी संवेदनशील है और भारतीय दूतावास लगातार पड़ोसी देशों के साथ संपर्क में हैं।''

छात्रों की वापसी शुरू आपको बता दें कि, भारत सरकार ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों की वापस घर लाना शुरू कर दिया है और भारतीय छात्रों को यूक्रेन के रास्ते भारत लाया जा रहा है। हालांकि, गुरुवार से भारतीय छात्रों की घरवापसी की तैयारी शुरू हो गई थी, लेकिन अब भारत सरकार की तरफ से कहा गया है कि, पोलैंड और हंगरी के रास्ते भी छात्रों को बाहर निकाला जाएगा। आपको बता दें कि, यूक्रेन में भारी तादाद में भारतीय छात्र पढ़ने के लिए जाते हैं, लेकिन रूसी हमले के बाद भारतीय छात्र वहां फंस गये हैं और कई ऐसी तस्वीरें सामने आईं हैं, जिनमें देखा जा रहा है कि, जान बचाने के लिए भारतीय छात्र बंकरों में छिपे हुए हैं, जबकि भारत सरकार की तरफ से रेस्क्यू मिशन को तेज कर दिया गया है और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कल भी यूक्रेन के विदेश मंत्री से फोन पर बात की है।

 यूएनएससी में भी नहीं निकला नतीजा यूएनएससी में भी नहीं निकला नतीजा यूक्रेन युद्ध रोकने में यूनाइटेड नेशंस पूरी तरह से असहाय नजर आया और रूस के वीटो करने के बाद उसके खिलाफ लाया गया निंदा प्रस्ताव गिर गया। वोटिंग के दौरान भारत, चीन, और संयुक्त अरब अमीरात वोटिंग में शामिल नहीं हुआ, जबकि, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, नॉर्वे, आयरलैंड, अल्बानिया, गबोन, मैक्सिको, ब्राजील ने रूस के खिलाफ वोट डाला। यूनाइटेड नेशंस में रूस ने कहा कि, उसका मकसद यूक्रेन पर कब्जा करना नहीं है और ना ही वो यूक्रेन के लोगों के खलाफ युद्ध कर रहा है और उसके निशाने पर यूक्रेन के लोग भी नहीं हैं। लेकिन, रूस ये लड़ाई, डोनबास क्षेत्र के लोगों को बचाने के लिए उठा रहा है।

 

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