हमारा दुश्मन एक, घर आकर डांट देना मुझे; जाट नेताओं से क्या-क्या बोले शाह
नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश में चुनावों के सामाजिक समीकरणों को देखते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 200 से ज्यादा प्रमुख जाट नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान शाह ने जाट नेताओं से भगवा पार्टी को समर्थन देने की अपील करते हुए कहा कि दोनों मिलकर एक दुश्मन से लड़े थे। जाट समुदाय की प्रतीक पगड़ी पहने शाह ने जाट समुदाय से अपनी पार्टी के पुराने रिश्ते को स्पष्ट करते हुए कहा,'मुझसे पूछा जाता है कि हम तो सिर्फ 50 साल पुरानी पार्टी हैं तो फिर हम साथ मिलकर 650 वर्षों से कैसे लड़ रहे हैं। मैंने कहा कि आप मुगलों से लड़े, हम भी उनसे लड़े। यह हमारा रिश्ता है!' शाह ने जाट समुदाय की नाराजगी तो दूर करने की कोशिश तो की ही, साथ ही रालोद नेता जयंत चौधरी के प्रति भी नरम रुख दिखाते हुए कहा, हम भी उन्हें चाहते थे, लेकिन उन्होंने गलत घर चुन लिया। अगली बार उनसे बात कर लेना।
यूपी में चुनाव का पहला चरण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। यहां सामाजिक समीकरणों में जाट समुदाय बेहद अहम है। शाह ने इसी समुदाय को साधने के लिए दिल्ली में भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के आवास पर उनसे मुलाकात की। दो घंटे चली इस मुलाकात का जिम्मा केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान संभाल रहे थे। शाह ने जाट नेताओं से भावुक अपील भी की। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा, 2014 में आपने सरकार बनाई। 2017 में बहुत डराया, धमकाया और हड़काया, उनकी जगह कोई और होता तो रो देता, लेकिन आपने कहा हम आपको वोट देंगे और प्रचंड बहुमत से सरकार बना दी। वर्ष 2019 में भी यही किया। आपने हमेशा हमारी झोली वोटों से भरी।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रालोद नेता जयंत चौधरी से हाथ मिलाया है। इससे जाटों का समर्थन इस गठबंधन के साथ भी जा सकता है। इसके ऊपर किसानों का गुस्सा और जाट आरक्षण ने भी भाजपा की चुनौती को काफी बढ़ा दिया है। ऐसे में उस चुनौती से पार पाने के लिए और 2017 के प्रदर्शन को फिर दोहराने के लिए गृह मंत्री अमित शाह खुद चुनावी मैदान में कूद गए हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि एक बार फिर बीजेपी को जाटों का पूरा समर्थन मिल जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 200 से ज्यादा प्रमुख जाट नेताओं से मुलाकात के दौरान राजा महेंद्र प्रताप सिंह का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका सम्मान हमने किया। मोदी जी ने और योगी जी ने किया है। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह के बाद सबसे ज्यादा मंत्री जाट समाज से भाजपा ने ही दिए हैं। तीन राज्यपाल, कई सांसद कई विधायक भाजपा ने जाट समाज से दिए हैं। अमित शाह ने भरोसा दिलाया कि आपने जो काम बताया मैंने लिखा तो नहीं पर सब मान कर चलना कि पूरे होंगे, उन्होंने कहा कि भाजपा पर जाट समाज का अधिकार है। सूत्रों के अनुसार शाह ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि राहुल कहते है कि आलू की फैक्टरी लगाएंगे। राहुल को पता नही रबी और खरीफ की फसल क्या है और वो किसानों की बात करते हैं। योगी सरकार में सुरक्षा है, बेटी बहन सुरक्षित है। जेवर एयरपोर्ट का नाम बदलने की मांग पर शाह ने कहा कि पहले बन तो जाने दो नाम भी बदल देंगे।
हमें आपसे पूरी उम्मीद
शाह ने कहा कि जब भी हम आपके पास आए, आपने हमारी झोली वोटों से भर दी। कई बार हमने आपकी बात को नहीं माना, तब भी आपने हमें वोट दिया। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि उन्होंने खुद अपनी राष्ट्रीय राजनीति को उत्तर प्रदेश से शुरू किया था और जो भी तीन चुनाव लड़े गए, जाटों का पूरा समर्थन मिला। शाह ने इस बात का भी जिक्र किया कि जाट समुदाय हमेशा से खुद की बजाय देश को आगे रखता है।
इसके साथ जाट समाज के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राम मंदिर और काशी कोरीडोर का जिक्र करते हुए कहा कि 600 सालों से राम मंदिर की लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन मोदी सरकार ने मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी अमित शाह ने ऐसी बैठक की थी। तब भी जाट वोटों पर विशेष ध्यान दिया गया था। तब भाजपा ने 143 में से 108 सीटें जीती थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में ही जाट वोट पड़े और 29 सीटों में से 21 पर जीत दर्ज की गई थी।
अखिलेश यादव पर साधा निशाना
शाह ने अखिलेश यादव पर भी बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आप बताओ कि अखिलेश कि सरकार लाओगे क्या ? झगड़ा करना है तो मेरे साथ कर लो, बाहर के व्यक्ति को बीच में क्यों लाते हो? गृह मंत्री अमित शाह ने यहां तक अपील कर दी कि अगर डांटना है तो बालियान के साथ मेरे घर पर आ जाना, लेकिन वोट गलत जगह डालने की गलती मत करना।