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OIC में पाकिस्तान कश्मीर पर उगल रहा था जहर, सऊदी-UAE निवेश के लिए देख रहे थे जमीन, भड़के इमरान

इस्लामाबाद/नई दिल्ली
पाकिस्तान में 22 मार्च को इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक चल रही थी, जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ जहर उगल रहे थे, लेकिन, जिस वक्त इमरान खान भारत के खिलाफ झूठी बयानबाजी कर रहे थे, उस वक्त दो बड़े मुस्लिम देश, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात… कश्मीर में भारी निवेश करने की कार्ययोजना तैयार कर रहे थे। सऊदी अरब और यूएई के साथ हांगकांग की कंपनियां भी कश्मीर में निवेश के लिए मौजूद है। ओआईसी पर ही बरसे इमरान खान ओआईसी पर ही बरसे इमरान खान ओआईसी में बोलते हुए इमरान खान ने कहा कि, दुनिया में डेढ़ अरब मुसलमान रहते हैं, लेकिन अभी तक फिलीस्तीन और कश्मीर का मुद्दा सुलझाने में नाकामयाब रही है। इमरान खान ने कश्मीर पर बोलते हुए कहा कि, 'हमारा (मुस्लिम देशों का) कश्मीर के ऊपर कोई प्रभाव नहीं है और वो हमें गंभीरता से नहीं ले रहे हैं'। इमरान खान न कश्मीर मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि, 'कश्मीर में रहने वाले लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार नहीं दिया जा रहा है'। इमरान खान ने इस्लामिक देशों के प्रतिनिधियों के सामने कहा कि, 'भारत कब्जे वाले क्षेत्र की जनसांख्यिकी को बदल दिया है, जो एक "युद्ध अपराध" था।'

 संयुक्त मोर्चा बनाने का आह्वान संयुक्त मोर्चा बनाने का आह्वान इस्लामिक सहयोद संगठन में बोलते हुए इमरान खान ने आगे कहा कि, 'भारत कश्मीर को लेकर प्रेशर महसूस नहीं करता है, क्योंकि भारत पर दवाब नहीं डाला जाता है।' इमरान खान ने कहा कि, 'हर देश की विदेश नीति अलग अलग होती है, लिहाजा, उसपर मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूं, लेकिन हमें इसके खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बनाने की जरूरत है। नहीं तो कश्मीर और फिलीस्तीन में अत्याचार होते रहेंगे'। इमरान खान ने आगे कहा कि, ''इस्लामोफोबिया की इस लहर के जवाब में कुछ मुस्लिम राष्ट्राध्यक्षों ने कहा कि वे उदारवादी मुसलमान हैं और जब आप यह कहते हैं, तो आप स्वचालित रूप से कहते हैं कि कुछ चरमपंथी मुसलमान हैं।" वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि, 'विदेशी हस्तक्षेप की वजह से मुस्लिम देशों में आतंकवाद फैल रहा है'।

 कश्मीर में निवेश की प्लानिंग कश्मीर में निवेश की प्लानिंग पाकिस्तान में जारी ओआईसी सम्मेलन में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारी भी पहुंचे थे, वहीं चीन के विदेश मंत्री भी इस्लामिक देशों के सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे थे, लेकिन, जिस वक्त इमरान खान कश्मीर के मुद्दे पर बोल रहे थे, उस वक्त सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और हांगकांग का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को जम्मू और कश्मीर में एक निवेश सम्मेलन में शामिल हो रहे थे। बीबीसी ऊर्दू की रिपोर्ट के मुतबाकि, भारत सरकार ने निवेश के लिए 2 हजार एकड़ जमीन विदेशी कंपनियों को निवेश करने के लिए मुहैया कराई है। बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट के अनुसार, भारत पहुंचे तीन देशों के प्रतिनिधिमंडल अगले तीन दिन और कश्मीर में रहेंगे और कश्मीर में अवसरों की समीक्षा करेंगे।

रिपोर्ट के मुताबिक, इन तीन देशों के प्रतिनिधिमंडल में 30 सदस्य मौजूद हैं, जो अभी कश्मीर में हैं। पाकिस्तान को बड़ा झटका पाकिस्तान को बड़ा झटका पाकिस्तान ओआईसी की बैठक में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से कश्मीर मुद्दे पर साथ मांग रहा था और बैठक में चीन के विदेश मंत्री भी मौजूद थे, लेकिन उसी चीन के प्रभाव वाले हांगकांग के प्रतिनिधि भी कश्मीर में मौजूद थे। यानि, आप समझ सकते हैं, कि सऊदी अरब, यूएई और चीन के लिए पाकिस्तान की कितनी अहमियत है। आपको बता दें कि, कश्मीर के लोगों को अब ये अधिकार दे दिया गया है, कि वो अपनी जमीन का क्या इस्तेमाल करें, इसका अधिकार अब वो खुद कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें अब प्रशासन से इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी। पाकिस्तानी अखबार 'ट्रिब्यून. पीके' ने लिखा है, कि जिस वक्त इमरान कश्मीर-कश्मीर कर रहे थे, उनके बगल में बैठे मुस्लिम देशों के प्रतिनिधि कश्मीर में निवेश की संभावनाएं तलाश रहे थे।

कश्मीर में यूएई करेगा बड़ा निवेश कश्मीर में यूएई करेगा बड़ा निवेश आपको बता दें कि, कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद यूएई की सबसे बड़ी कंपनी कश्मीर में एक विशालयाक प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। आपको बता दें कि, पिछले साल अक्टूबर महीने में दुबई ने जम्मू-कश्मीर में बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में निवेश को मंजूरी दी थी और भारत सरकार ने कहा था, कि, दोनों देशों के बीच कश्मीर में इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए एमओयू पर साइन कर लिए गये हैं। मोदी सरकार ने प्रोजेक्ट फाइनल होने का दावा किया था और कहा था कि, दोनों देशों के बीच कश्मीर को लेकर एमओयू उस वक्त फाइनल किया गया है।

 मुस्लिम देश द्वारा पहला समझौता मुस्लिम देश द्वारा पहला समझौता संयुक्त अरब अमीरात के 7 अमीरातों में से एक दुबई ने भारत के साथ कश्मीर को लेकर उस वक्त समझौता किया है, जब अनुच्छेद 370 खत्म करने को लेकर पाकिस्तान लगातार अलग अलग मुस्लिम देशों से मदद मांग रहा है और हस्तक्षेप की मांग कर रहा है। अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद दुबई पहला मुस्लिम बहुल राज्य है, जिसने कश्मीर में निवेश करने का समझौता किया है। भारत सरकार के मुताबिक, इस समझौते के तहत कश्मीर में एक टेक्नोलॉजी पार्क, आईटी टावर, मल्टीपर्पस टावर, लॉजिस्टिक सेंटर, एक मेडिकल कॉलेज और एक स्पेशल अस्पताल सहित इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का निर्माण होगा। 

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