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ट्रांसफार्मर पड़े थे वर्षों से विधायक के बहनोई के स्‍टोन क्रशर में, अब सख्‍त हुआ विभाग तो वजह नहीं समझ पा रहे लोग

देवघर
भाजपा सरकार के कार्यकाल में मंत्री रहे सारठ विधायक रणधीर सिंह और उनके बहनोई अशोक राय के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। आरोप है कि अशोक राय ने अपने बंद स्टोन क्रशर परिसर में अनाधिकृत तरीके से 37 ट्रांसफार्मर रखा था। वहीं जब इसके खिलाफ विभाग ने कार्रवाई की तो विधायक ने धौंस जमाने और सरकारी काम में बाधा डालने का प्रयास किया। मामले में मधुपुर में पदस्‍थापित विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता सरजात कुरैशी ने चितरा थाने में लिखित शिकायत की है। गुरुवार देर रात चितरा थाना में दिए आवेदन में उन्‍होंने विधायक और उनके बहनोई अशोक राय पर प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया है। शुक्रवार को चितरा थाना प्रभारी चंदन पांडेय ने बताया कि लिखित शिकायत मिली है। आवेदन के अनुसार प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है।

वहीं कार्यपालक अभियंता ने बताया कि उनके नेतृत्व में गठित जांच दल ने वहां पहुंचकर सभी ट्रांसफार्मर जब्त किए। कहा कि यह जांच का विषय है कि आखिर यहां यह ट्रांसफार्मर कैसे रखे गए थे। उन्‍होंने बताया कि जीएम को सूचना मिली थी कि वहां अनाधिकृत तरीके से ट्रांसफार्मर रखे गए हैं, उनके निर्देश पर ही छापेमारी की गई थी, लेकिन विधायक अपना प्रभाव दिखाकर अपने पक्ष में रिपोर्ट करवाना चाह रहे थे। इधर, इस छापेमारी से सियासत गर्मा गई है। जनता भी इस बात से अवाक है कि यहां तो वर्षों से ट्रांसफार्मर रखे रहते थे, फिर आज अचानक यह क्या हो गया। अभियंता ने यह की है शिकायत: थाना में दिए गए आवेदन में कार्यपाल अभियंता ने कहा है कि गुरुवार को एक छापेमारी दल का गठन किया गया था। दल में सहायक विद्युत अभियंता रोशन कुमार, कनीय अभियंता प्रभातेश्वर तिवारी, डेविड हांसदा व अन्य को शामिल किया गया था। दिन में छापेमारी दल ने अशोक राय के शहरजोरी स्थित बंद पड़े स्टोन क्रेशर परिसर में जाकर जांच किया। वहां 16 व 25 केवीए के 37 ट्रांसफार्मर अवैध रूप से रखे हुए थे। छानबीन के दौरान पता चला कि ये सब यहां पर पिछले छह से सात वर्ष से रखा हुआ है। उन्‍होंने कहा कि इतनी संख्‍या में ट्रांसफार्मर यहां कैसे आए, यह जांच का विषय है। इसे बिजली विभाग के केन्द्रीय भंडार देवघर में जमा होना था, जिसे निजी परिसर में रखा गया था। इस कारण बिजली विभाग को 7.17 लाख से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है।

कहा कि जांच के क्रम में सारठ विधायक रणधीर सिंह भी वहां मौजूद थे। उन्होंने अपने पावर का दुरुपयोग करते हुए अपने पक्ष में रिपोर्ट बनाकर कनीय अभियंता को अपने प्रभाव में लेकर उनका हस्ताक्षर करवा लिया। इसकी सूचना कार्यपालक अभियंता को हुई तो उन्हें इस बारे में देवघर उपायुक्त को बताया। उसके बाद मधुपुर एसडीओ को कार्रवाई में सहयोग करने के लिए वहां भेजा गया। उनके आने के बाद वहां की कार्रवाई पूरी की गई। सभी सामान को जब्त कर केंद्रीय भंडार देवघर भेज दिया गया। घटनास्थल पर ही जब्ती सूची बनाई गई। इससे स्पष्ट होता है कि बिजली विभाग के निजी परिसर में ट्रांसफार्मर को रखने में विधायक रणधीर सिंह भी शामिल हैं। मांग की गई है कि विधायक रणधीर सिंह, अशोक राय पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए कार्रवाई की जाए।

विधायक ने साधी चुप्‍पी, कॉल भी नहीं किया रिसीव
इधर, कार्रवाई के बाद विधायक ने चुप्‍पी साध ली है। भाजपा सरकार में मंत्री रहे सारठ के विधायक रणधीर सिंह से जब उनका पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर कॉल किया गया तो उन्होंने कॉल तक रिसीव नहीं किया।

 

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