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सरकारी कॉलेज में 13 लाख की पुताई का विवाद गहराया, जांच टीम ने जब्त किए दस्तावेज

सीहोर। शासकीय महाविद्यालय भैरूंदा में करीब 13 लाख रुपए की पुताई को लेकर शुरू हुआ विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है। छात्र की शिकायत पर प्रशासन ने जांच की कमान संभालते हुए पूरे प्रकरण को गंभीरता से लिया है। कॉलेज प्रबंधन द्वारा 1,43,215 स्क्वायर फीट क्षेत्र में 9 रुपये प्रति स्क्वायर फीट की दर से पुताई का दावा किया गया है, लेकिन परिसर में अधूरे काम और बिल में भारी अंतर को लेकर सवाल लगातार उठ रहे हैं।
बता दें 10 दिसंबर को सीहोर के शासकीय कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जीएल जैन के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति ने भैरूंदा कॉलेज पहुंचकर भौतिक सत्यापन किया। टीम ने पुताई की गुणवत्ता, कवरेज क्षेत्र और संपूर्ण भुगतान प्रक्रिया की गहन पड़ताल की। निरीक्षण के दौरान चेक रजिस्टर, बिल, भुगतान रिकॉर्ड, टेंडर फाइल सहित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए। पूरे निरीक्षण की वीडियो और फोटो रिकॉर्डिंग भी की गई। जांच समिति प्रमुख डॉ. जैन ने बताया कि छात्र की शिकायत के आधार पर सभी तथ्य एकत्र किए जा रहे हैं, रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को भेजी जाएगी।
काम नियम अनुसार, आरोप बेबुनियाद
इधर पूर्व प्राचार्य भारत सिंह हरियाले ने दावा किया है पुताई का काम नियमित समिति द्वारा 9 रुपए प्रति स्क्वायर फीट की दर पर स्वीकृत था। सभी भुगतान प्रक्रिया नियमों के अनुसार हुई और जांच टीम को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
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लाख का बजट, 13 लाख का बिल!
शिकायतकर्ता छात्र अजय कुमार टांक के अनुसार पुताई का बजट 5 लाख था, लेकिन लगभग 13 लाख का भुगतान कर दिया गया। उनके मुताबिक समिति की सहमति नहीं ली गई और आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों में कई विसंगतियां मिलीं।
प्राचार्य ने भी उठाए सवाल
वर्तमान प्राचार्य एसएस मीणा ने भी पुष्टि की कि पुताई और फ्रांसिंग का स्वीकृत बजट 5 लाख रुपये था, जबकि भुगतान 12.88 लाख दिखाया गया है। बजट और भुगतान में बड़ा अंतर संदेह पैदा कर रहा है।

जांच रिपोर्ट पर टिकी निगाहें
4 दिसंबर को गठित जांच समिति दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है। रिपोर्ट जल्द जिला प्रशासन को भेजी जाएगी, जिसके बाद यह स्पष्ट होगा कि क्या पुताई वाकई 1.43 लाख स्क्वायर फीट में हुई, भुगतान प्रक्रिया पारदर्शी थी या अनियमितताओं से भरी, लापरवाही किस स्तर पर हुई।

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