वीआईटी में खाने के 12 सैंपल फेल, दाल-राजमा में मिले खतरनाक पेस्टीसाइड

सीहोर। उच्च शिक्षा के प्रतिष्ठित केंद्र वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी वीआईटी में छात्रों के स्वास्थ्य के साथ बेहद खतरनाक खिलवाड़ हो रहा है। कैंपस में छात्रों को जो भोजन परोसा जा रहा है, वह पोषण नहीं बल्कि धीमा जहर साबित हो रहा है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की लैब रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि छात्रों की थाली में परोसी जाने वाली दाल, चावल और राजमा में जानलेवा कीटनाशक (पेस्टीसाइड) और इंसेक्टिसाइड के अवशेष मौजूद हैं। विभाग ने 12 सैंपलों को सीधे तौर पर अनसेफ घोषित कर दिया है।
पिछले कई दिनों से कैंपस के छात्र लगातार पेट दर्द, फूड प्वाइजनिंग और संक्रमण की शिकायत कर रहे थे। छात्रों के भारी विरोध और हंगामे के बाद जब एफडीए की टीम ने दबिश दी तो सच्चाई सामने आई। 5 अलग-अलग कैटरर्स से लिए गए 32 सैंपलों में से 12 की रिपोर्ट ने प्रबंधन और अभिभावकों की नींद उड़ा दी है। तुअर दाल, उड़द दाल, राजमा, आटा और मैदा जैसी बुनियादी चीजों में कीटनाशकों का मिलना बड़े स्तर पर लापरवाही को दर्शाता है।
कैंपस के 4 प्रमुख कैटरर्स जांच में फेल
विश्वविद्यालय की मेस का संचालन करने वाले बड़े नामों की गुणवत्ता पर अब सवालिया निशान लग गया है। जांच में 5 में से 4 प्रमुख कैटर्स की रिपोर्ट पूरी तरह फेल आई है, जिनमें जेएमबी कैटरर्स, रेसेंस प्राइवेट लिमिटेड, एबी कैटरिंग, सफल सिनर्जी शामिल हैं। बताया जा रहा है एफडीए अब इन चारों के फूड लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई कर रहा है।
विशेषज्ञों की राय: लिवर और आंतों को खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कीटनाशक युक्त भोजन का लंबे समय तक सेवन युवाओं के लिवर को संक्रमित कर सकता है। इससे आंतों की गंभीर बीमारी, टाइफाइड और शारीरिक क्षमता में गिरावट जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। एक ओर जहां संस्थान छात्रों के भविष्य संवारने का दावा करता है, वहीं दूसरी ओर बुनियादी खान-पान में इस स्तर की लापरवाही छात्रों के जीवन को दांव पर लगा रही है।



