बेंगलूरु। सूरज से राज जानने के लिए भारत का पहला मिशन आदित्य एल—1 शनिवार को सफलताूपर्वक लांच हो गया। सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आदित्य एल 1 को पीएसएलवी—सी 57 के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। आदित्य एल को पृथ्वी की 235 x 19500 किमी की ऑर्बिट में छोडा गया। इसमें 63 मिनट 19 सेकंड का समय लगा। ये स्पेसक्राफ्ट यह 16 दिन तक पृथ्वी के चक्कर लगाएगा और 110 दिन में 15 लाख किलोमीटर का सफर तय कर एल—पाइंट पर पहुंचेगा। इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज की स्टडी आसानी से की जा सकती है। इस मिशन की अनुमानित लागत 378 करोड़ रुपए है।
बेहद खास मिशन
आदित्य एल—1 अपने प्रक्षेपण के करीब 4 महीने में सूर्य के प्रभामंडल के लैंगेजियन पाइंट—1 पर पहुंचेगा। इसमें बेहद खास विजिबल इमीशन लाइन कोरोनाग्राफ पैलोड लगा है, जो सूर्य की किरणों और चुंबकीय क्षेत्र का बारीकी से अध्ययन कर सकेगा। यह सूर्य पर होगी वाली किसी भी घटना का समय पर और सटीक डाटा उपलब्ध कराएगा, जिससे हम अपने सौरमंडल के पॉवरहाउस का और बारीकी से अध्ययन कर सकेंगे। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि आगामी प्रोजेक्ट में हमारी निगाहें चंद्रयान—4 पर हैं, जिसकी घोषणा जल्द की जा सकती है। इधर अक्टूबर में गगनयान की लांचिंग भी की जानी है। इस मिशन में भारत पहली बार इंसान को अंतरिक्ष में भेजेगा।