किसान अतिवर्षा से पहले ही परेशान, अब खाद के लिए भी हैरान
डीएपी-यूरिया खाद की किल्लत ने बढ़ाई अन्नदाताओं की चिंता, बाजार में मिल रही नकली खाद, वह भी महंगी
सीहोर। एक तरफ जिलेभर का किसान अति वर्षा, प्राकृतिक आपदा से पहले ही परेशान है, तो वहीं अब किसानों की इस परेशानी को डीएपी, यूरिया खाद की किल्लत ने भी बढ़ा दिया है। किसान इस समय खेतों की सोयाबीन, मक्का सहित अन्य फसलों को काटने के साथ ही आगामी गेहूं, चना सहित अन्य फसलों की बोवनी की तैयारी में भी लगे हुए हैं, लेकिन सीहोर जिले में डीएपी, यूरिया खाद की बहुत मारामारी चल रही है। किसानों को जहां सहकारी समितियां से खाद की पर्याप्त उपलब्धता नहीं हो पा रही है तो वहीं उन्हें बाजार में नकली खाद वह भी महंगे दंगों पर टिकाया जा रहा है। इधर जिले के भैरुंदा, रेहटी, बुधनी तहसील के कई किसानों को अब तक अपनी मूंग की उपज का पैसा भी नहीं मिल पाया है।
किसानों पर दोहरी मार, कैसे लगेगी नैय्या पार –
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के जिले के किसान भी परेशानियों के बीच में अपनी खेती कर रहे हैं। एक तरफ इस बार किसानों को अतिवर्षा, प्राकृतिक आपदा ने तोड़कर रख दिया है, तो वहीं उन्हें डीएपी, यूरिया खाद की किल्लत ने भी परेशान करके रखा हुआ है। सीहोर जिले में सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को प्रति एकड़ एक बोरी डीएपी एवं दो बोरियां यूरिया खाद दिया जा रहा है। ये किसानों के लिए पर्याप्त नहीं है। किसानों की मांग है कि उन्हें एक एकड़ पर दो बोरी डीएपी एवं पांच बोरी यूरिया खाद दिया जाए, ताकि वे अपनी फसलों की बेहतर पैदावार ले सकें। अब सहकारी समितियों द्वारा जहां कम मात्रा में खाद दिया जा रहा है तो वहीं खाद के लिए किसान बाजार में भी पहुंच रहे हैं। बाजार में जहां किसानों को नकली खाद टिकाया जा रहा है तो वहीं उनसे खाद के वास्तविक दामों से 500 से 1000 रुपए तक भी वसूले जा रहे हैं। ऐसे में किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है।
खाद महंगा लेने को मजबूर, औने-पौने दामों पर बिक रही फसल –
सहकारी समितियों द्वारा किसानों को पर्याप्त खाद नहीं दिए जाने कारण वे बाजार में पहुंचकर खाद लेने को मजबूर हैं। किसान महंगा खाद लेने को भी तैयार हैं, लेकिन उनकी फसलें भी उन्हें घाटा दे रही है। इस समय किसानों की सोयाबीन, मक्का निकल रही है तो वहीं वे अभी फसल को लेकर मंडियों में भी पहुंच रहे हैं। मंडियों में भी किसानों की फसलों को व्यापारियों द्वारा औने-पौने दामों पर खरीदा जा रहा है। सरकार ने इस वर्ष सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल किया है, लेकिन मंडियों में इससे भी कम दाम पर किसानों की सोयाबीन खरीदी जा रही है।
किसानों को नहीं मिला मूंग का पैसा –
राज्य सरकार ने किसानों से समर्थन मूल्य 8558 पर मूंग की खरीदी की थी। नियमानुसार तो मूंग की फसल का पैसा 15 दिनों में आना चाहिए था, लेकिन दो माह बीतने के बाद भी कई किसानों को अब तक अपनी मूंग की उपज का पैसा नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के जिम्मेदारों द्वारा सहकारी समितियां से पैसों की मांग की जा रही है और पैसे नहीं देने के कारण उन्होंने अब तक बिल अटका रखे हैं। इसके कारण किसानों के पैसे नहीं मिले हैं।
मांगों को लेकर कर चुके हैं प्रदर्शन –
किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर धरना, प्रदर्शन भी कर रहे हैं। पिछले दिनों सीहोर जिला मुख्यालय के नजदीकी गांव चंदेरी सहित कई गांव के किसानों ने भी अपनी सोयाबीन की फसलों का उचित मूल्य सहित खराब हो चुकी फसल के मुआवजे को लेकर जल सत्याग्रह किया था तो वहीं किसान स्वराज संगठन के बैनर तले हजारों की संख्या में किसानों ने जिले के भेरूंदा में भी ट्रैक्टर यात्रा निकाली थी। इसके अलावा मशाल रैली भी निकालकर प्रदर्शन किया था। किसानों की मांग है कि उनकी सोयाबीन की उपज 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल, गेहूं 3 हजार रुपए, मक्का 2500 रुपए, धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी जाए। इसके अलावा किसानों को समय पर खाद, बिजली की भी पर्याप्त उपलब्धता हो।
इनका कहना है –
सीहोर जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। लगातार खाद की रैक आ रही है। यदि डीएपी की कमी हो रही है तो किसानों को बताया गया है कि वे सुपर फास्टफेस्ट खाद का उपयोग करें। किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराया जाएगा।
– केके पांडे, उप संचालक कृषि, जिला सीहोर
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के ग्रह जिले सीहोर के किसान ही खाद के लिए परेशान हो रहे हैं तो फिर अन्य जगह क्या स्थितियां होंगी। पिछले दिनों वे बुधनी के भैरूंदा पहुंचे लेकिन कृषि को लेकर कोई चर्चा नहीं की। किसानों के हितों में कोई घोषणा नहीं की, जबकि कार्यक्रम में ज्यादातर किसान ही मौजूद थे। किसानों को सरकार खाद की उपलब्धता करवाए वरना कांग्रेस पार्टी सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी।
– विक्रम मस्ताल शर्मा, कांग्रेस नेता