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जिंदगीभर समाज सेवा करते रहे, अंतिम समय में भी तीन लोगों को जीवनदान दे गए गिरीश यादव

- वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं समाजसेवी गिरीश यादव के निधन पर मां की प्रेरणा से पुत्र विनय यादव, विपुल यादव ने लिया अंगदान का फैसला

सीहोर। जिले के बुधनी नगर निवासी वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं समाजसेवी गिरीश यादव का दुखद निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे और उनका भोपाल के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। स्व. गिरीश यादव यूं तो जिंदगीभर समाज सेवा करते रहे, लोगों की मदद करते रहे। उनकी मदद का क्रम उनके जाने के बाद भी जारी रहा, क्योंकि पिताजी की इच्छानुसार उनके निधन के बाद मां की प्रेरणा से उनके ज्येष्ठ पुत्र विनय यादव एवं छोटे पुत्र विपुल यादव ने पिताजी के अंगदान का निर्णय लिया। स्व. गिरीश यादव तीन लोगों को जीवनदान दे गए। उनका लीवर, किडनी एवं दोनों आंखें दान कर दी गई। तीन जिंदगियों को बचाने के लिए कुछ समय के लिए राजधानी भोपाल भी थम गई, क्योंकि दो ग्रीन कॉरीडोर बनाकर उनके अंगों को इंदौर एवं भोपाल के एम्स अस्पताल ले जाया गया।
थम गई राजधानी, बनाए ग्रीन कॉरीडोर-

राजधानी में शुक्रवार को दो ग्रीन कॉरीडोर बनाए गए। दोनों ही कॉरीडोर बंसल अस्पताल से बने। इसमें एक कॉरीडोर बंसल से एम्स अस्पताल तक बना और दूसरा कॉरीडोर बंसल से इंदौर के लिए बना। ग्रीन कॉरीडोर के लिए राजधानी की कुछ प्रमुख सड़कें थोड़ी देर के लिए थम गईं। ट्रैफिक डीसीपी संजय सिंह ने बताया कि भोपाल में शुक्रवार को दो ग्रीन कॉरीडोर बनाए गए। इसमें किसी तरह का रूट डायवर्ट नहीं किया, बल्कि जिन रास्तों से एंबुलेंस को गुजरना था, सिर्फ वहीं कुछ देर के लिए ट्रेफिक हॉल्ट लेकर एम्बुलेंस को रास्ता दिया गया। एम्स तक पहुंचने में एम्बुलेंस को कुछ मिनट का समय लगा, जबकि इंदौर का सफर करीब तीन घंटे में पूरा किया।
ब्रेन स्ट्रोक से हुआ गिरीश यादव का निधन –
बुधनी निवासी वरिष्ठ समाजसेवी गिरीश यादव उम्र 73 वर्ष को कुछ दिन पहले ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। जिस वजह से उनके परिजनों ने उन्हें बंसल अस्पताल में भर्ती कराया। गुरुवार को डॉक्टरों ने मरीज को ब्रेनडेड घोषित कर दिया। स्वर्गीय गिरीश यादव की धर्मपत्नी गीता यादव की प्रेरणा से बड़े पुत्र विनय यादव एवं छोटे पुत्र विपुल यादव ने चिकित्सकों के परामर्श पर अपने पिता की देह से अंगदान करने का निर्णय लिया। ज्येष्ठ पुत्र विनय यादव ने बताया कि उनके पिता गिरीश यादव बुधनी में एडवोकेट थे और अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई व समाज सेवा में खर्च किया। यही वजह रही कि हमने उनकी देह से अंगदान करने का निर्णय लिया है, ताकि पिता जी का शरीर शांत होने के बाद भी किसी के काम आ सके।
किडनी एम्स और लिवर इंदौर भेजा –
विनय यादव ने बताया कि चिकित्सकों की टीम ने तमाम तरह की जांचें करने के बाद हमारे पिताजी को ब्रेनडेड घोषित किया, फिर हमने अंगदान की सहमति दी। इसके बाद शुक्रवार को पूरी प्रक्रिया शुरू हुई। दो किडनी में से एक किडनी भोपाल एम्स में दी गई, जहां एक 21 वर्षीय युवती का किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा। दूसरी किडनी बंसल अस्पताल में ही एक मरीज को दी गई, जबकि लीवर इंदौर में किसी मरीज को दिया जा रहा है। इसके लिए इंदौर तक ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया।
हार्ट का नहीं हो सका इस्तेमाल-
ब्रेनडेड हुए मरीज की उम्र 73 वर्ष थी। जिस कारण उनके हार्ट का डोनेशन नहीं हो सका। चिकित्सकों ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक के कारण मरीज के बाकी अंग तो ठीक थे, लेकिन हार्ट पर्याप्त रूप से काम नहीं कर रहा था। यही कारण रहा कि हार्ट किसी के काम नहीं आ सका। स्वर्गीय गिरीश यादव के निधन से बुधनी सहित क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

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