सीहोर। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निमार्णाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में बुधवार से आठ दिवसीय आयोजन शुरू हो रहा है। इस दौरान 6 जुलाई से पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा श्री शिव महापुराण की कथा सुनाई जाएगी। इसके बाद 13 जुलाई को गुरूपूर्णिमा के अवसर पर भव्य गुरूदीक्षा कार्यक्रम भी होगा। इस आस्था के महाकुंभ में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। आयोजन को लेकर विठलेश सेवा समिति, प्रशासन और अन्य समाजसेवी संगठनों के द्वारा व्यवस्था की जा रही है। प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं के भोजन बनाए जाने के लिए बड़ी संख्या में कारीगरों की टीम का गठन किया गया है। इसके अलावा यहां पर श्रद्धालुओं के ठहरने की उचित व्यवस्था की गई है।
कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर, पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी, एसडीएम अमन मिश्रा भी कथा स्थल पर पहुंचे और करीब 1000 फीट बने भव्य पांडाल का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने, वाहनों के पार्किंग सहित अन्य समुचित व्यवस्था में पूरा सहयोग देने के निर्देश दिए। उन्होंने यहां पर मौजूद नगर पालिका सीएमओ संदीप श्रीवास्तव को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं के पेयजल व्यवस्था, साफ-सफाई के अलावा शौचालय आदि का इंतजाम किया जाए। इस संबंध में जानकारी देते हुए विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि हजारों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भव्य भोजन शाला के अलावा श्रद्धालुओं के ठहरने आदि की व्यवस्था के साथ अनेक स्थानों पर वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है। बुधवार से दोपहर एक बजे से चार बजे तक शिव महापुराण का आयोजन किया जाएगा। बारिश को ध्यान में रखते हुए 1000 फीट लंबाई का पांडाल निर्मित किया गया है। इसके अलावा दो भव्य पंडाल भी आस-पास बनाए गए हैं। वहीं अन्य पंडालों में आधा दर्जन से अधिक एलईडी के द्वारा भी पुराण का प्रसारण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जब तक उक्त भव्य आयोजन किया जाएगा। उस दौरान रुद्राक्ष आदि का वितरण नहीं किया जाएगा। रुद्राक्ष वितरण का कार्यक्रम आगामी दिनों तक पूरी तरह बंद रहेगा।
बेहतर इंतजाम को लेकर चल रही है तैयारियां-
पांडाल के अलावा कुबेरेश्वर धाम में अनेक स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई है। भीड़ बढ़ने पर ओपन स्पेश में भी बैठने का इंतजाम किया जाएगा। लोगों को कथा श्रवण करने के दौरान किसी तरह की समस्या हो, इसका ख्याल रखा जा रहा है। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि बारिश होने पर भी पानी पांडाल में नहीं आएगा, सीधा बाहर चला जाएगा और श्रद्धालु बगैर अवरोध के कथा श्रवण कर सकेंगे। पांडाल में कथा सुनने के लिए हजारों भक्तों के एक साथ बैठने की उचित व्यवस्था की गई है। साथ ही उनके आने-जाने के लिए द्वार बनाए गए हैं।