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इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनोमिक कॉरिडोर खोलेगा व्यापार के नए द्वार

6 हजार किमी के कॉरिडोर में 3500 किमी समुद्री मार्ग

नई दिल्ली। जी20 समिट के अहम फैसले ने यूरोप में भारतीय व्यापार को आसान करने और तेजी से बढाने के द्वार खोल दिए हैं। शिखर सम्मेलन में इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनोमिक कॉरिडोर बनाने की घोषणा की गई है। इसका मतलब है कि भारत से यूरोप के देशों तक का रास्ता सीधा और आसान हो जाएगा। यह प्रोजेक्ट भारत, सऊदी अरब, यूएई, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय यूनियन सहित कुल 8 देशों के सहयोग से पूरा होगा। इसका फायदा इजरायल और जॉर्डन को भी मिलेगा।

भारत के लिए क्यों है खास
मुंबई से शुरू होने वाला यह नया कॉरिडोर चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का विकल्प होगा। यह कॉरिडोर 6 हजार किमी लंबा होगा। इसमें 3500 किमी समुद्र मार्ग शामिल है। कॉरिडोर के बनने के बाद भारत से यूरोप तक सामान पहुंचाने में करीब 40% समय की बचत होगी। अभी भारत से किसी भी कार्गो को शिपिंग से जर्मनी पहुंचने में 36 दिन लगते हैं, इस रूट से 14 दिन की बचत होगी। यूरोप तक सीधी पहुंच से भारत के लिए आयात-निर्यात आसान और सस्ता होगा।

 

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