किसान स्वराज संगठन ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन, उग्र आंदोलन की चेतावनी

सीहोर। भैरुंदा क्षेत्र के किसानों की लगातार बढ़ती परेशानियों और कृषि संकट को देखते हुए किसान स्वराज संगठन आज सडक़ों पर उतर आया। संगठन ने भैरुंदा तहसील कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम एक 9 सूत्रीय ज्ञापन तहसीलदार सौरभ शर्मा को सौंपा। ज्ञापन में कीट प्रकोप से बर्बाद फसलों के मुआवजे, एमएसपी पर मक्का खरीदी, गहराते खाद संकट और गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाने सहित कई ज्वलंत मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया है। ज्ञापन सौंपने के दौरान बड़ी संख्या में किसान और संगठन पदाधिकारी मौजूद रहे। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
बर्बाद फसलों का मुआवजा और बीमा राशि
संगठन ने बताया कि जिले सहित भैरुंदा क्षेत्र में सोयाबीन फसलों पर भारी कीट प्रकोप और अतिवृष्टि का असर पड़ा है। सर्वे होने के बावजूद किसानों को अब तक फसल बीमा राशि नहीं मिल सकी है, जिससे किसान आर्थिक रूप से टूट चुके हैं। संगठन ने बीमा राशि का तत्काल भुगतान करने की मांग की है।
मक्का की एमएसपी पर खरीदी की गुहार
मक्का उत्पादक किसानों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए संगठन ने कहा कि मंडियों में मक्का आधे दामों पर बिक रही है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने मांग की है कि मक्का की शासकीय खरीदी एमएसपी पर शुरू की जाए या भावांतर योजना लागू कर अंतर भरपाई दी जाए।

खाद संकट और रात भर की कतारें
क्षेत्र में खाद संकट चरम पर है। संगठन ने बताया कि पिछले चार महीनों से किसान डीएपीए यूरिया और अन्य खादों के लिए भटक रहे हैं। ठंड के बावजूद आज सुबह मार्केटिंग सहकारी समिति के बाहर करीब 300 किसान सुबह 4 बजे से लंबी कतारों में खड़े दिखाई दिए। संगठन ने सोसायटी और शासकीय गोदामों में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराने और अग्रिम उठाव की व्यवस्था करने की मांग की है।
गेहूं का समर्थन मूल्य 3000 करने की मांग
बढ़ती लागत और महंगाई का हवाला देते हुए संगठन ने गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 3000 प्रति क्विंटल करने की मांग की है, ताकि किसानों को न्यूनतम आय सुरक्षा मिल सके।
किसान विरोधी विधेयक
संगठन ने बीज विधेयक 2025 और बिजली विधेयक 2025 को किसान विरोधी बताते हुए तत्काल निरस्त करने की मांग की। साथ ही खलघाट आंदोलन के दौरान चार जिलों के लगभग 800 किसानों पर दर्ज प्रकरणों को तुरंत वापस लेने की मांग की गई है।
फोरलेन निर्माण में बिना मुआवजा कब्जा
संगठन ने आरोप लगाया कि भैरुंदा से गोपालपुर मार्ग तक फोरलेन निर्माण के दौरान किसानों की जमीन और खड़ी फसल पर बिना मुआवजा कब्जा किया गया है। उन्होंने निर्माण कार्य रोकने, उचित मुआवजा देने और नुकसान की भरपाई की मांग उठाई।
बिजली संबंधी समस्याएं
संगठन ने 5 और 7 एचपी कनेक्शन वाले किसानों पर बिजली विभाग द्वारा अतिरिक्त भार डाले जाने और कई किसानों पर बिजली चोरी के झूठे प्रकरण दर्ज किए जाने का विरोध किया और ऐसे सभी प्रकरण तत्काल वापस लेने की मांग की।
अंत में संगठन ने कोलार नदी पर झोलियापुर बेराज का विस्तार कर बड़ा बांध बनाने की मांग की, ताकि गर्मी में मूंग और अन्य फसलों के लिए सिंचाई उपलब्ध हो सके। किसान स्वराज संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ही इन समस्याओं का समाधान नहीं किया तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।



