जानिए क्या है विद्यार्थियों के लिए मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना

कक्षा 5वीं से 12वीं तक के स्कूली विद्यार्थियों के लिए है उपयोगी

सीहोर। प्रदेश के कक्षा 5वीं से 12वीं तक के स्कूली छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा, नवाचारी शिक्षा देने एवं बच्चों में उनकी वैज्ञानिक सोच, कल्पना शक्ति एवं रचनात्मकता को व्यवहारिक रूप देने के लिए प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना शुरू की जा रही है। इस योजना के तहत बच्चों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे। इसमें प्रथम पुरस्कार 51 हजार, द्वितीय पुरस्कार 31 हजार एवं तृतीय पुरस्कार 21 हजार रुपए दिए जाएंगे। बच्चों द्वारा किए गए नवाचार को जमा करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप बच्चों के समग्र मूल्यांकन की दृष्टि से प्रश्न-पत्र निर्धारण पद्धति को बेहतर बनाने के लिए राज्य स्तरीय आकलन केंद्र बनाया गया है। इसमें ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों को प्रश्न-पत्र बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे शिक्षक बच्चों के लिए ऐसे प्रश्न-पत्र तैयार करें, जिनसे बच्चों में शिक्षा को लेकर जिज्ञासा एवं उत्साह का भाव जागृत हो एवं उनका वास्तविक मूल्यांकन हो सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी और अहम भूमिका शिक्षक की है। समाज का सबसे ज्यादा विश्वास शिक्षक पर होता है और यह विश्वसनीयता बनाए रखने की जिम्मेदारी शिक्षक की है।
नवाचार जमा करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2023-
राज्य मुक्त विद्यालयीन शिक्षा बोर्ड के संचालक ने बताया कि मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना अंतर्गत कक्षा 5वीं से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों को उत्कृष्ट नवाचारों के लिए प्रथम पुरस्कार स्वरूप 51 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार स्वरूप 31 हजार रुपए, तृतीय पुरस्कार स्वरूप 21 हजार रुपए एवं सांत्वना पुरस्कार स्वरूप 11 हजार रुपए दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त बच्चों के मेंटर (शिक्षक) को बच्चों के पुरस्कार की 20% राशि पुरस्कार स्वरूप अलग से दी जाएगी। नवाचार जमा करने संबंधी प्रक्रिया एवं आवश्यक जानकारी साझा करने के लिए ईएफए स्कूल को नोडल सेंटर बनाया गया है। छात्र अकेले अथवा समूह में अपने नवाचार जमा कर सकते हैं। नवाचार जमा करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2023 है एवं इसका परिणाम 10 अगस्त 2023 को जारी किया जाएगा। परीक्षा के प्रश्न-पत्र 3 स्तर से गुजरते हैं- मापन, आकलन एवं मूल्यांकन। इन तीनों विधाओं को सम्मिलित करते हुए राज्य स्तरीय आकलन केंद्र की स्थापना की गई है।