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कुबेरेश्वर धाम : रुद्राक्ष महोत्सव एवं शिव पुराण के आयोजन में जुटा प्रशासन, अधिकारियों की लगाई ड्यूटी

श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए बेहतर व्यवस्थाओं के लिए कलेक्टर ने दिए निर्देश

सीहोर। कुबेरेश्वर धाम में 7 मार्च से शिव महापुराण कथा प्रारंभ होने जा रही है। जिला प्रशासन कुबेरेश्वर धाम आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा और आवागमन सुगम बनाने के लिए व्यवस्थाओं में जुट गया है। लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क, विद्युत विभाग, नगर पालिका तथा जनपद पंचायत सहित अनेक विभाग के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा आवश्यक व्यवस्था के लिए द्रुत गति से तैयारी की जा रही हैं।
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय से पहले सुनिश्चित कर ली जाएं। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि व्यवस्थाएं बेहतर हों, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा है कि जिन अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है वे 5 मार्च को ही अपने ड्यूटी स्थान पर पहुंचकर उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य को भली-भांति समझ लें। एसडीएम तन्मय मिश्रा ने बताया कि मुख्य मार्ग के आसपास खेतों को प्लेन कर पार्किंग स्थल बनाए जा रहे हैं। इन पार्किंग स्थलों पर वाहन उतारने के लिए जगह-जगह रैंप भी बनाए जा रहे हैं, ताकि वाहन आसानी से मुख्य मार्ग से उतारे और चढ़ाए जा सकें। उन्होंने बताया कि खेत मालिकों से पार्किंग के लिए बैठक कर उन्हें पार्किंग शुल्क वाले रसीद कट्टे जनपद पंचायत की ओर से प्रदान किया जा रहे हैं, ताकि पार्किंग के लिए अवैध वसूली नहीं की जा सके। इसके साथ ही मुख्य मार्ग पर लगभग पांच कट पॉइंट बनाए जा रहे हैं, ताकि लेन चेंज कर श्रद्धालु आसानी से अपने वाहन पार्क कर कथा स्थल तक पहुंच सके।
कुबेरेश्वर धाम परिसर में 10 बिस्तरों का आईसीयू होगा –
कुबेरेश्वर धाम परिसर में 10 बिस्तरों का आईसीयू सेंटर बनाया जाएगा जिसमें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। इसके अलावा हेल्थ कैंप भी बनाए जा रहे हैं। इन हेल्थ कैंप में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाई जा रही है। एंबुलेंस की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।
चार खोया-पाया केंद्र बनेंगे –
कुबेरेश्वर धाम में आने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों के बिछड़ने की सूचना के प्रसारण के लिए चार खोया पाया केंद्र बनाए जा रहे हैं। इन केंद्रों में 24 घंटे के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है।
जगह-जगह पीने का पानी उपलब्ध रहेगा –
श्रद्धालुओं को पेयजल के लिए परेशान न होना पड़े इसके लिए जगह-जगह पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को पानी के लिए अधिक दूर चलकर नहीं जाना पड़े। पेयजल आपूर्ति के लिए पंचायत से पर्याप्त संख्या में टैंकर लगाए जाएंगे इसके अलावा सांची दुग्ध संघ से भी टैंकर बुलाए जा रहे हैं। पेयजल व्यवस्था के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी की विभाग द्वारा अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है।
आवश्यक सूचनाओं के बोर्ड और फ्लेक्स लगाए जाएंगे –
कुबेरेश्वर धाम आने वाले श्रद्धालुओं को वाहन पार्किंग से लेकर कथा स्थल तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो इसके लिए जगह-जगह आवश्यक सूचना वाले फ्लेक्स और बोर्ड लगाए जाएंगे। इंदौर, भोपाल जाने वाले वाहनों के लिए मुख्य मार्ग पर डायवर्सन के फ्लेक्स लगाए जाएंगे।
अवैध वसूली रोकने के लिए दल –
कुबेरेश्वर धाम में आने वाले श्रद्धालुओं से किसी तरह की कोई अवैध वसूली न की जाए, इसके लिए खुफिया दल पूरे परिसर में घूम-घूम कर यह देखेगा कि कहीं कोई दुकानदार किसी सामग्री का निर्धारित मूल्य से अधिक तो नहीं ले रहा है या पार्किंग स्थल पर निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूल तो नहीं की जा रही है। अगर ऐसा करते पाया जाएगा तो संबंधित दुकानदार अथवा व्यक्ति के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। कुबेरेश्वर धाम से बस स्टैंड तथा स्टेशन जाने के लिए यात्री वाहनों का किराया निर्धारित किया जाएगा ताकि कुबेरेश्वर धाम आने वाले श्रद्धालुओं से अधिक किराया वसूल नहीं किया जा सके। इसके साथ ही अधिक किराया वसूलने पर इसकी शिकायत जिला परिवहन अधिकारी द्वारा दिए गए नंबर पर की जा सकती है। पार्किंग शुल्क और अधिक किराया वसूल करने पर जिला परिवहन कार्यालय के मोबाइल नंबर 9479925182 पर शिकायत की जा सकेगी। इसके साथ ही कोई भी वाहन चालक नशा कर वाहन न चलाएं इसके लिए चेकिंग भी की जाएगी।
हेलीपैड और मार्ग व्यवस्था –
कार्यक्रम स्थल के समीप हेलीपैड बनाया जा रहा है, ताकि अति विशिष्ट व्यक्तियों के आगमन के समय किसी तरह का कोई व्यवधान न हो। इसके लिए दो वैकल्पिक मार्ग भी बनाए गए हैं। इससे मुख्य मार्ग से श्रद्धालुओं का आवागमन सुगमता से पूरे समय चलता रहेगा।
रुद्राक्ष महोत्सव की व्यवस्था के लिए लगाई अधिकारियों की ड्यूटी –
कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव एवं शिवमहापुराण के दौरान सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा कार्यपालिक दण्डाधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। संपूर्ण व्यस्था प्रभारी सीहोर एसडीएम तन्मय वर्मा को बनाय गया है। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार सीहोर शहर में सीहोर तहसीलदार रिया जैन, जिला प्रबंधक आपूर्ति निगम सुशील पंडित एवं सीहोर दुग्ध संघ प्रबंधक कृपाल दुगारिया की ड्यूटी लगाई गई है। चौपाल चौराहे पर तहसीलदार ऋतु भार्गव, सीहोर उप पंजीयक सहकारी समीतिया सुधीर कैथवास एवं जिला विपणन अधिकारी प्रशांत बामनकर की ड्यूटी लगाई गई है। चौपाल चौराहे से नापलाखेड़ी जोड़ तक श्यामपुर तहसीलदार श्यामनंदन चंदेले, जिला रोजगार अधिकारी श्याम कुमार धुर्वे एवं उप संचालक पशु पालन डॉ. एसकेएस भदौरिया की ड्यूटी लगाई गई है। इसी प्रकार भटोनी जोड (गाँव) से कुबेरेश्वर धाम तक आष्टा नायब तहसीलदार सुश्री चंचल जैन, सीहोर सहायक यंत्री सिंचाई विभाग राहुल बामनिया एवं सीहोर जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ नरेन्द्र लोधी की ड्यूटी लगाई गई है। जगदीश बायो फयूल से आयोजन स्थल तक आष्टा तहसीलदार मुकेश सॉवले, कार्यपालन यंत्री लोस्वायां विभाग प्रवीन सक्सेना एवं सीहोर अन्त्यावसायी कार्यपालन अधिकारी संजीव शुगर धुर्वे की ड्यूटी लगाई गई है। नापलाखेड़ी जोड़ से कुबेरेश्वर पैदल मार्ग तक सीहोर नायब तहसीलदार सिद्धांत सिंगला, जिला श्रम पदाधिकारी सीहोर प्रियंका वंशीवाल एवं सीहोर जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग हिरेन्द्र कुशवाह की ड्यूटी लगाई गई है। इसी प्रकार कथा स्थल पर आष्टा एसडीएम आनंदसिंह राजावत, सीहोर हाथकरधा बीएल शर्मा, सीहोर जिला सहाकारी बैंक महाप्रबंधक पीएन यादव, सीहोर सहाकय संचालक उधान विभाग राजकुमार सगर एवं प्रबंधक खादी ग्रामोधोग राजेन्द्र राजवैध की ड्यूटी लगाई गई है। कुबेरेश्वर धाम (भीतरी परिसर में) भैरुन्दा तहसीलदार सौरभ शर्मा, सीहोर सहायक संचालक मत्सय विभाग प्रियंक श्रीवास्तव एवं सीहोर नापतौल निरीक्षक संतोश बांके की ड्यूटी लगाई गई है। इसी प्रकार व्हीआईपी सेक्टर भैरुन्दा नायब तहसीलदार संदीप गौर, सीहोर उधोग विभाग मनीष अलावा एवं सीहोर जिला पंचायत जिला समन्वयक विकास बघाडे की ड्यूटी लगाई गई है। भोजन शाला में आष्टा नायब तहसीलदार नवल किशोर कटारे, सीहोर खाद्य सुरक्षा अधिकारी सारिका गुप्ता एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारी कीर्ति मालवीय की ड्यूटी लगाई गई है। बलराम पटेल के पेट्रोल पंप से पैदल मार्ग कुबेरेश्वर धाम तक सीहोर नायब तहसीलदार सिद्धांत सिंगला, सीहोर सहा. संचालक, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग महेश यादव एवं सीहोर जिला आबकारी अधिकारी सीएल मधुकर की ड्यूटी लगाई गई है।

महाशिवरात्रि को रात्रि तीन बजे तक किया जाएगा नमक चमक महारुद्राभिषेक
सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी शहर अवधपुरी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भगवान श्री पशुपतिनाथ मंदिर पर आगामी महाशिवरात्रि को ढाई क्विंटल दूध से महारुद्राभिषेक किया जाएगा। इस मौके पर नमक-चमक का भी उपयोग किया जाएगा। इन दिनों महा शिवरात्रि के पावन पर्व को लेकर मंदिर परिसर में सोमवार से पांच दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। मंदिर परिसर में पंडित अखिलेश रजोरिया के मार्गदर्शन में सुबह विशेष अभिषेक किया गया था, मंगलवार को हल्दी आदि से भगवान शिव का अभिषेक किया जाएगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए पंडित श्री राजोरिया ने बताया कि भगवान भोलेनाथ के अभिषेक में ढाई क्विंटल दूध और एक क्विंटल फूलों का उपयोग किया गया। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के फूलों के रस, फलों के रस के साथ बिल्व पत्र, दूध, दही, शहद, शक्कर, घी, संगीत से स्नान भी कराया गया। उन्होंने बताया कि नमक चमक महारुद्राभिषेक में हर चीज की मात्रा 5 गुना अधिक होती है। इस अभिषेक का महत्व सभी अभिषेकम से कई गुना अधिक होता है। इस कारण इसका फल भी सर्व फल के रूप में मिलता है। सोमवार की सुबह पंडित श्री रजोरिया सहित अन्य विप्रजनों की उपस्थिति में भगवान शिव का विशेष अभिषेक किया गया था। वहीं महिला मंडल के द्वारा पहले दिन भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि पशुपति नाथ मंदिर में लगातार पांच दिन भगवान की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। इसके अलावा भव्य रूप से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। इस मौके पर सुबह छह बजे अभिषेक का क्रम शुरू हो जाएगा, इसके पश्चात दोपहर में एक क्विंटल फूलों से बाबा का श्रृंगार, शाम चार बजे से महिला मंडल के द्वारा भजन कीर्तन किया जाएगा। वहीं छह बजे से विशेष दर्शन के पश्चात रात्रि ग्यारह बजे एक दर्जन से अधिक विप्रजनों के द्वारा नमक-चमक के साथ ढाई क्विंटल दूध आदि से भगवान शंकर का महा अभिषेक किया जाएगा।
पंडित श्री राजोरिया ने बताया कि शिवरात्रि तो हर महीने में आती है, लेकिन महाशिवरात्रि सालभर में एक बार आती है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की प्रदोष पर महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस बार आठ मार्च को है। महाशिवरात्रि का महत्व इसलिए है क्योंकि यह शिव और शक्ति की मिलन की रात है। आध्यात्मिक रूप से इसे प्रकृति और पुरुष के मिलन की रात के रूप में बताया जाता है। शिवभक्त इस दिन व्रत रखकर अपने आराध्य का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मंदिरों में जलाभिषेक का कार्यक्रम दिन भर चलता है।

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