Newsआष्टाइछावरइंदौरग्वालियरजबलपुरजावरनसरुल्लागंजबुदनीभोपालमध्य प्रदेशरेहटीविशेषसीहोर

कुबेरेश्वरधाम में गुरु पूर्णिमा पर पहुंचे लाखों श्रद्धालु, ली दीक्षा, बांटी महाप्रसादी

सीहोर में जगह-जगह हुए गुरु पूर्णिमा पर कार्यक्रम आयोजित

सीहोर। बचपन खेल में खोया, जवानी नींद भर सोया, बुढ़ापा देख कर रोया, वही किस्सा पुराना है। हर जन्म में यही होता है। सारा जीवन बीत जाता है अंतिम समय में जब शक्ति समाप्त होती है शरीर में तब जीने का तरीका समझ में आता है, तब व्यक्ति जीना चाहता है, परंतु शक्ति ना होने के कारण सिर्फ पश्चाताप ही कर पाता है और यही सोचता है कि चलो अब तो जीवन बीत गया अगले जन्म में करेंगे और ऐसे ही वह हर जन्म में टालता रहता है और कितने ही जन्म-जन्म बीत जाते हैं और व्यक्ति का मोक्ष नहीं हो पाता, इसलिए सावधान रहें अपने बड़े बुजुर्गों की बातों से लाभ उठाएं, वेदों का अध्ययन करें और सलाह मानें आप का कल्याण हो जाएगा। वैसे से जीवन में चार गुरु रहते हैं, जिसमें माता, पिता, शिक्षक और सद्गुरु जो आपको सन्मार्ग की ओर ले जाता है। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ कुबेरेश्वरधाम पर स्थित गुरु पूर्णिमा महोत्सव के छठवें दिवस अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने भव्य पंडाल में अपने प्रवचन के दौरान कहे। उन्होंने कहा कि हर साल यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर भगवान शिव की कृपा से सत्य कार्य करने और अपने जीवन को सफल बनाए जाने के लिए दीक्षा लेने आते हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि आप सभी से मेरा निवेदन है कि आप जिस भगवान को मानते हैं उसको अपना गुरु बनाओ, क्योंकि भगवान शिव से बड़ा कोई गुरु नहीं है, इसलिए शंकर को आदि गुरु कहा जाता है। मां पार्वती ने भगवान शिव को अपना गुरु बनाया था। उन्होंने गुरु का महत्व बताते हुए कहा कि सद्गुरु या आध्यात्मिक गुरु, का मुख्य उद्देश्य अपने शिष्यों को सेवा और धर्म के मार्ग पर प्रेरित करना और उन्हें इस मार्ग पर चलने में मदद करना है। सद्गुरु, एक मार्गदर्शक के रूप में, शिष्यों को सही दिशा दिखाते हैं और उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान और मुक्ति की ओर ले जाते हैं। गुरुवार अल सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतारे लगी हुई थी, इसके बाद सुबह सात बजे से पंडित श्री मिश्रा ने यहां पर आए श्रद्धालुओं को सामूहिक रूप से देर शाम तक दीक्षा ग्रहण करने के साथ दर्शन, प्रवचन और भगवान की पूजा अर्चना की। अंतिम दिन भंडारे में करीब तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं को प्रसादी का वितरण किया। करीब 12 घंटे से अधिक समय तक चले भव्य आयोजन में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। यहां पर छह दिवसीय कार्यक्रम देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं ने कथा, प्रवचन और दीक्षा प्राप्त की।
भगवान श्री कृष्ण और ऋषि दुर्वासा की कथा का वर्णन –
पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि गुरु आपकी परीक्षा लेते हैं। भगवान श्रीकृष्ण और ऋषि दुर्वासा के बीच एक ऐसा प्रसंग हुआ था, जिसमें एक शिष्य की अपने गुरु के लिए अविश्वसनीय भक्ति दिखती है। कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण अपने गुरु का मान रखने के लिए न केवल रथ का घोड़ा बने, बल्कि अपने मृत्यु के सत्य का ज्ञान होने के बावजूद अपने गुरु के सम्मान की खातिर उस मृत्यु के कारण को अपना लिया था। एक बार दुर्वासा ऋषि अपने शिष्यों के साथ द्वारका नगरी के पास से गुजर रहे थे। राह में उन्होंने अपने शिष्य श्रीकृष्ण से मिलने की इच्छा हुई। उन्होंने अपने शिष्यों को श्री कृष्ण को बुलाकर लाने को भेजा।
संकट के समय गुरु नहीं गुरु मंत्र काम आता –
पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि संकट के समय गुरु नहीं बल्कि गुरु मंत्र काम आता है। शहर में गीता बाई पाराशर रही जो जगह-जगह भोजन बनाने का कार्य करती थीं। उन्होंने श्रीमद भागवत कथा का संकल्प लिया था पर पैसा नहीं था। उन्होंने कथा करवाई, उस समय न भागवत थी न ही धोती कुर्ता। उन्होंने कहा कि पहले आप गुरु दीक्षा लीजिए, गुरु दीक्षा लेने हम इंदौर गोवर्धन नाथ मंदिर गए। वहां से दीक्षा ली। मेरे गुरुजी ने ही मुझे धोती पहनना सिखाई, और उन्होंने छोटी सी पोथी मेरे हाथ में दे दी। वर्तमान में भी उनके मंत्र और उनके आशीर्वाद से मैं धर्म का कार्य कर रहा हूं।

गुरु पूजन के कार्यक्रम आयोजित, जगदगुरु अजय पुरोहित ने दी दीक्षा कई राज्यों से हजारों की संख्या में आए श्रद्धालु –

हर साल की तरह इस साल भी गुरु-शिष्य के पर्व गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार को नगर में कई जगह गुरु पूजन के कार्यक्रम आयोजित किए गए। नगर के सभी मंदिरों और आश्रमों में भक्तों का तांता लगा रहा। इस दौरान शिष्यों ने अपने गुरुओं का आशीर्वाद लेकर मंदिरों में भी पूजा-अर्चना की। गुरुपूर्णिमा पर सुबह से ही कार्यक्रम शुरू हो गए थे, जो देर शाम तक चलते रहे। कार्यक्रम के दौरान गुरुओं ने अपने कई भक्तों को दीक्षा भी दी। इस दौरान विधि विधान के साथ पूजन अर्चन कराई गई। इस मौके पर श्री अयोध्यानाथ पीठाधीश्वर जगदगुरु यशोदानंद महाराज पंडित अजय पुरोहित ने गुरु दीक्षा के साथ श्रीराम रक्षा संजीवनी जल का वितरण किया। इस मौके पर शहर के चाणक्यपुरी स्थित उनके निजी निवास और अवधपुरी स्थित मंदिर में मेले जैसा वातावरण नजर आया।
यशोदानंदन सेवा समिति के सदस्यों ने कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में भक्त शामिल हुए। इसके साथ ही गुरु दीक्षा का आयोजन भी किया गया, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु गुरु दीक्षा लेने के लिए शामिल हुए। सानिध्य में गुरु पूर्णिमा महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान पं. अजय पुरोहित ने अपने शिष्यों को आशीर्वाद दिया और इसके बाद प्रवचन दिए। कार्यक्रम के पश्चात भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा। इस दौरान व्यास पीठ से श्री अयोध्यानाथ पीठाधीश्वर जगदगुरु यशोदानंद महाराज पंडित अजय पुरोहित ने गुरु महिमा के बारे में बताया। इसके साथ ही उन्होंने शिष्य के सामर्थ के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि कई शिष्यों ने गुरुओं की कीर्ति को बढ़ा दिया। हनुमान और सूर्य के गुरु शिष्य उदाहरण के साथ ही उन्होंने शिष्यों के सामर्थ्य के बारे में बताया। इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश सहित उत्तरप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, बिहार, महाराष्ट्र के अलावा अन्य प्रदेशों के श्रद्धालु भी पं. अजय पुरोहित आशीर्वाद और दीक्षा लेने पहुंचे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Nový recept: Jak se zbavit Záchrana rajčat: bojování s letním krupobitím Letní životní trik: Stačí 2 lžíce a vaše boty budou 5 tipů, jak udržovat Uvařte si nadýchané