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मध्यस्थता समाज में शांति और स्थायित्व का आधार है : प्रधान जिला न्यायाधीश श्री चंद

मध्यस्थता समाज में शांति और स्थायित्व का आधार है : प्रधान जिला न्यायाधीश श्री चंद

सीहोर। जिला न्यायालय परिसर स्थित एडीआर सेंटर में मध्यस्थता जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष आरएन चंद ने कहा कि मध्यस्थता विवादों को निपटाने की सरल एवं निष्पक्ष प्रक्रिया है। मध्यस्थता अधिकारी दबाव रहित वातावरण में विभिन्न पक्षों के विवादों का निपटारा करता है। मध्यस्थ पक्षों को मध्यस्थता प्रक्रिया में पक्षकारों के तथ्यों को गोपनीय रखता है। मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरण का निराकरण कराने पर विवाद का अविलम्ब व शीघ्र समाधान होता है। समय और खर्चों की कमी होती है, विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है, सामाजिक सदभाव कायम रहता है, मध्यस्थता से निराकृत प्रकरणों में कोई अपील नहीं होती एवं न्यायशुल्क वापस हो जाता है। इस प्रकार मध्यस्थता समय की आवश्यकता है।
शिविर में विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी सुरेश सिंह ने 13 अगस्त 2022 को आयोजित होने वाली आगामी नेशनल लोक अदालत के बारे में विस्तार से जानकारी दी और लोक अदालत में अपने प्रकरणों का निराकरण कराने की सभी से अपील की। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री मुकेश कुमार दांगी ने स्कूल बेग पॉलिसी 2020 के उपबंधों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इस पॉलिसी के अनुसार वेग का वजन छात्र के वजन का लगभग 10 प्रतिशत से अधिक नही होना चाहिए। सचिव श्री दांगी ने शिविर में उपस्थित समस्त शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के प्राचार्यों को पॉलिसी का कठोरतापूर्वक पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। कार्यक्रम में जॉली कुरियन रोटरी क्लब सीहोर, बॉसी रॉबी बेथेल फॉर रिफयूज वेलफेयर सोसायटी सहित पैरालीगल वालेंटियर्स, पुलिस परामर्श केन्द्र के सदस्य एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी उपस्थित थे।

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