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देश की संसद में करीब आधे सांसद दागी, गंभीर अपराध वाले भी बना रहे कानून

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने जारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली। पूरे देश की जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद देश की संसद में बैठकर कानून बनाते हैं और देश के नीतिगत फैसले लेते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इनमें से 40 फीसदी खुद कानून से खिलवाड करने के मामलों में आरोपी हैं। कई पर इतने गंभीर आरोप हैं कि इन्हें संसद में देख पाना पीडादायक लगता है। ​कोई एक पार्टी नहीं, बल्कि तकरीबन हर पार्टी का कोई न कोई सांसद गंभीर आरोप में अदालतों में केस लड रहा है। चुनाव संबंधी जानकारी का विश्लेषण करने वाली एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और उसकी एसोसिएशन नेशनल इलेक्शव वॉच (एनईडल्ब्यू) की ताजा रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

वर्तमान में 763 सांसद, इनमें 306 पर दर्ज हैं केस
मंगलवार (12 सितंबर) को जारी हुई एडीआर की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देशभर में लोकसभा और राज्यसभा की 776 सीटों में से 763 मौजूदा सांसदों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण करके जानकारी निकाली गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सांसदों ने पिछले चुनाव और उसके बाद उपचुनाव लड़ने से पहले जो हलफनामे दायर किए थे, उनसे डेटा निकाला गया है. एडीआर की एनालिसिस (विश्लेषण) के मुताबिक, 763 में से 306 (40 फीसदी) मौजूदा सांसदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 194 (25 फीसदी) मौजूदा सांसदों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध आदि से संबंधित मामले शामिल हैं।

हर पार्टी में कोई न कोई दागी
किस पार्टी में आपराधिक मामले वाले सांसद कितने है, इसे लेकर भी रिपोर्ट में दावा किया गया है। इसमें बताया गया है कि 385 में से 139 (36 फीसदी) सांसद भाजपा के हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज है, वहीं कांग्रेस में 81 सांसदों में 43 (53 फीसदी) सांसदों पर क्रिमिनल केस हैं। तृणमूल कांग्रेस के 36 सांसदों में 14 (39 फीसदी) सांसदों पर ऐसे मामले दर्ज हैं। राजद के 6 सांसदों में से 5 (83 फीसदी) सांसदों, सीपीआई-एम के 8 में से 6 (75%) सांसद, आम आदमी पार्टी के 11 में से 3 (27%) सांसद, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 31 में से 13(42%) सांसद और एनसीपी के 8 में से 3(38%) सांसदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

गंभीर आपराधिक मामले वाले सांसद
भाजपा के 385 में से 98 (25%) सांसदों ने, जबकि कांग्रेस के 81 में से 26 (32%) सांसदों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के 36 में से 7 (19%), आरजेडी के 6 में से 3 (50%), सीपीआई-एम के 8 में से 2 (25%), आम आदमी पार्टी के 11 में से 1 (9%), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 31 में से 11 (35%) और एनसीपी के 8 में से 2 (25 फीसदी) सांसदों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

इतने गंभीर मामले
रिपोर्ट के मुताबिक, 11 मौजूदा सांसदों ने अपने खिलाफ हत्या (भारतीय दंड संहिता धारा-302) से संबंधित मामले घोषित किए हैं। 32 मौजूदा सांसदों ने हत्या के प्रयास (आईपीसी धारा-307) के संबंधित मामले घोषित किए हैं। 21 मौजूदा सांसदों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले घोषित किए हैं। 21 सांसदों में से 4 सांसदों ने रेप (आईपीसी धारा-376) से संबंधित मामले घोषित किए हैं।

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