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भैरूंदा सिविल अस्पताल में लापरवाही पर लापरवाही, फिर भी हो रही वाहवाही…

- जननी सुरक्षा योजना सहित महिलाओं को लड्डू की नहीं मिल रही राशि

भैरूंदा। सीहोर जिले का स्वास्थ्य महकमा एक के बाद एक लापरवाही कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी इन जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने के बजाए उनकी वाहवाही की जा रही है। पिछले दिनों भैरूंदा सिविल अस्पताल के एक कारनामे के कारण एक युवती की जान पर बन आई। यहां पर एक युवती को एक माह बाद डेंगू पॉजीटिव बताकर जान से खिलवाड़ किया गया तो वहीं अब कई महीनों से जननी सुरक्षा योजना की राशि सहित महिलाओं को लड्डू की राशि भी नहीं मिल रही है। मामला भैरूंदा सिविल अस्पताल से जुड़ा हुआ है। दरअसल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई गई है। सिविल अस्पताल भैरूंदा में ग्राम पंचायत बालागांव की महिला राधिका पति सतीश कुमार की डिलेवरी 4 माह पहले कराई गई थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण जननी सुरक्षा योजना सहित लड्डू की राशि अब तक नहीं मिल सकी है। महिला द्वारा बार-बार कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद परेशान होकर इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की गई है। अब जिम्मेदारों द्वारा सीएम हेल्पलाइन की शिकायत वापस लेने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा है।
लड्डुओं के लिए दी जाती है सहायता राशि –
विभागीय जानकारी के अनुसार शासकीय अस्पताल में डिलेवरी कराने वाली महिलाओं को सरकार द्वारा जननी सुरक्षा योजना के तहत लड्डू की सहायता राशि प्रदान की जाती है, लेकिन भैरूंदा सिविल अस्पताल ऐसा है, जहां अधिकारियों की लापरवाही के कारण महिला को राशि नहीं मिल पाई है। ये महिला बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट-काटकर परेशान हो गईं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले भी जननी सुरक्षा योजना के तहत दी जाने वाली राशि में लापरवाही बरतने की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। इसके बाद भी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई। इस बार मामला सीएम हेल्पलाइन तक पहुंचने के बाद देखते हैं अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाती है या सिर्फ राशि देकर मामले को ठंडा कर दिया जाता है।
पहले भी कई बार आ चुकी हैं शिकायतें –
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले भी जननी सुरक्षा योजना के तहत दी जाने वाली राशि में लापरवाही बरतने की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। इसके बाद भी कभी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई। इस बार मामला सीएम हेल्पलाइन तक पहुंचने के बाद देखते हैं अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाती है या सिर्फ राशि देकर मामले को ठंडा कर दिया जाता है।
ये बड़ी लापरवाही भी आई थी सामने, नहीं हुई कार्रवाई –
भैरूंदा विकासखंड की ग्राम पंचायत ससली के गांव नारायणपुरा में युवती प्राची पंवार पिता केदार पंवार को बुखार आने पर भैरूंदा के सिविल अस्पताल में दिखाया गया। यहां पर डॉक्टरों ने डेंगू की जांच के लिए लिखा। इसके बाद परिजनों ने 28 सितंबर को डेंगू एलाइजा की जांच कराई। जांच के बाद अस्पताल से बताया गया कि डेंगू की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद परिजन भी निश्चिंत हो गए, लेकिन 22 अक्टूबर को युवती प्राची के परिजनों के पास मलेरिया विभाग से फोन आया कि उसकी जांच रिपोर्ट पॉजीटिव है। इस लापरवाही के कारण युवती की जान को खतरा हो सकता था, लेकिन वह तो ईश्वर की कृपा से स्वस्थ हो गई। इस मामले में जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की लापरवाही सामने आई थी तो वहीं अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर व स्टॉफ की लापरवाही एवं कार्यप्रणाली भी उजागर हुई है। यहां के डॉक्टर एवं अन्य स्टॉफ आए दिन मरीजों के साथ ऐसी लापरवाही कर रहे हैं, लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं हो रही है। पूरा स्वास्थ्य महकमा अपनी कारगुजारियों के कारण चर्चाओं में है। लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसे मामले आए दिन सामने आ रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद ताबड़तोड़ मलेरिया इंस्पेक्टर सुनील भल्लावी सहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्राची के गांव नारायणपुरा में पहुंचे और निरीक्षण किया। वहां पर बड़ी मात्रा में डेंगू का लार्वा भी पाया गया है। अब इस लापरवाही के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए।
इस मामले में भैरूंदा एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी एवं दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

 

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