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Sehore News : पचामा फैक्ट्री हादसा: जांच दल नहीं पता लगा पाया क्यों हुआ विस्फोट, अब फारेंसिक जांच से ही होगा खुलासा!

- अवैध तरीके सेे संचालित हो रही थी फैक्ट्री, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी नहीं थी अनुमति

सीहोर। पचामा स्थित आयशा इंडस्ट्रीज में हुए हादसे के बाद बनाई गई जांच समिति यह पता नहीं लगा सकी है कि फैक्ट्री में विस्फोेट किन कारणों से हुआ था। इसके लिए अब जांच समिति ने मांग उठाई है कि मामले की फारेंसिक जांच हो, तभी स्थिति का पता चल सकेगा। इधर जांच में यह भी सामने आया है कि आयशा इंडस्ट्रीज ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कोई अनुमति प्राप्त नहीं की। इस संबंध में फैक्ट्री के जिम्मेदार कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सके। सूत्रों की मानेें तोे अब आयशा इंडस्ट्रीज हादसे की जांच फाॅरेंसिक जांच टीम को सौंपी जाएगी। फिलहाल जिम्मेेदार अधिकारी इस मामले मेें बोलने को तैैयार नहीं हैं।
पिछले दिनोें पचामा इंडस्ट्रीज क्षेत्र में संचालित आयशा फैक्ट्री में धमाका हुआ था। इस धमाकेे के बाद जहां क्षेत्र में दहशत फैल गई थी तोे वहीं इस हादसे में एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के पिताजी सहित एक अन्य महिला की भी मौत हो गई थी। घटना के बाद कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर सहित अन्य अधिकारियों ने मौके पर जाकर स्थिति देेखी थी एवं इस मामले की जांच के लिए 12 सदस्यीय जांच दल भी गठित किया गया था, लेकिन जांच दल यह पता लगाने में सफल नहीं हुआ कि विस्फोट किन कारणों से हुआ था।
्नहीं थीं प्रदूषण नियंत्रण बोेर्ड से अनुमति-
उद्योेग संचालित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति जरूरी है, लेकिन आयशा इंडस्ट्रीज के मालिकों ने बोर्ड से कोई अनुमति नहीं ली। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री अवैध तरीके से संचालित की जा रही थी। इसके अलावा जांच में यह भी सामनेे आया हैै कि संचालकों द्वारा फैक्ट्री ंसंचालन के लिए जरूरी अन्य औैपचारिकताएं भी अधूरी थीं। इसके बाद भी धड़ल्ले से फैक्ट्री चलाई जा रही थी।
अन्य संचालित फैक्ट्रियों की भी नहीं हुई जांच-
इस घटना के बाद कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने जांच दल बनाकर निर्देश दिए थे कि जांच दल आयशा इंडस्ट्रीज केे अलावा अन्य संचालित फैक्ट्रियों की भी जांच करेेगा कि इनमेें क्या-क्या कमियां हैं। हालांकि अब तक आयशा इंडस्ट्रीज की ही जांच पूरी नहीं हो सकी है। ऐसे में अन्य फैक्ट्रियों की जांच होे, यह संभव भी नहीं दिखाई दे रहा है। फिलहाल आयशा फैक्ट्री में जान गंवा चुकेे दोे लोगों केे परिवार को न्याय की उम्मीद है।
इन्हें सौैंपी थी जांच की जिम्मेदारी-
कलेक्टर द्वारा जांच समिति बनाई गई थी, जिसमें एसडीएम अमन मिश्रा, सीएसपी निरंजन सिंह राजपूत, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग देवास की उप संचालक माधुरी बरवा, उघोग केन्द्र के महाप्रबंधक अशोक श्रीवास्तव, जिला आपूर्ति अधिकारी शिवकुमार तिवारी, जिला श्रम पदाधिकारी प्रियंका बंशीवाल, बिजली कंपनी के अधीक्षण यंत्री सीके पवार, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री आरजी शाक्य, जिला नापतौल निरीक्षक संतोष कुमार बाके, विद्युत सुरक्षा विभाग के सहायक यंत्री राजेश श्रीवास्तव, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल के क्षेत्रीय अधिकारी बृजेश शर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी भावना ठाकुर को शामिल किया गया है।
इनका कहना है-
हादसे के बाद जांच दल गठित किया गया था। सभी को अलग-अलग बिंदुओें पर जांच करनी थी। कुछ जांच रिपोर्ट आ गई हैै औैर कुछ बिंदुओें पर जांच चल रही है। जांच पूरी होने केे बाद ही स्थिति सामनेे आ पाएगी।
– अमन मिश्रा, एसडीएम, सीहोर

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