सुमित शर्मा, सीहोर।
मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर इस समय हर तरफ प्रचार-प्रसार का जोर-शोर है। सीहोर जिले में भी भाजपा, कांग्रेस, बसपा सहित निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने के लिए मैदान में हैं। हमेशा त्रिकोणीय मुकाबला देखने वाले सीहोर विधानसभा में इस बार सियासत भी बदली हुई नजर आ रही है। इस बार सीहोर विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के बीच में कांटे का मुकाबला है। भाजपा से विधायक सुदेश राय एवं कांग्रेस से शशांक सक्सेना प्रत्याशी है। बीएसपी ने भी यहां से कमलेश दोहरे को टिकट देकर मैदान में उतारा है। हालांकि इस बार चुनाव से पहले बड़ा उलटफेर भी सीहोेर की सियासत में देखनेे कोे मिला है। पिछले कई चुनावों से सीहोर विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला बनाने वाले सन्नी महाजन ने अपना समर्थन सुदेश राय को दे दिया है। सन्नी महाजन पिछले कई चुनावों से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरते रहे हैं और उनका एक अच्छा खासा वोट बैंक भी है। वे सीहोर के मुकाबले को त्रिकोणीय बनाते रहे हैं, लेकिन इस बार चुनाव से पहले उन्होंने विधायक सुदेश राय को समर्थन देकर उनको मजबूत कर दिया है। इधर टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे सीहोर के कद्दावर नेता जसपाल सिंह अरोरा ने भी भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन की है। उनके कांग्रेस में आने से पूर्व विधायक रमेश सक्सेना एवं उनके बेटे प्रत्याशी शशांक सक्सेना को भी ताकत मिली है। जसपाल सिंह अरोरा का भी सीहोर विधानसभा में खासा वर्चस्व है। वे यहां से टिकट के प्रबल दावेदारों में शुमार थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। इसके बाद से ही वे पार्टी संगठन से नाराज चल रहे थे और आखिरकार उन्होंने भाजपा को छोड़ दी।
दमदार नजर आ रहे हैं भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशी-
सीहोर विधानसभा क्षेत्र में इस बार भाजपा और कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी दमदार नजर आ रहे हैं। विधायक सुदेश राय तीसरी बार मैदान में हैं। वे पहली बार वर्ष 2013 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीते थे और 2018 में उन्हें भाजपा ने टिकट दिया था। इस बार भी वे भाजपा प्रत्याशी है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक रमेश सक्सेना के बेटे शशांक सक्सेना को प्रत्याशी बनाया है। रमेश सक्सेना भी चार बार सीहोेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं। पहली बार वे निर्दलीय जीतेे थेे और तीन बार भाजपा के टिकट पर जीतकर विधायक बने। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की और इस बार उनके बेटे को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है। शशांक सक्सेना जिला पंचायत में सदस्य भी हैं। दोनों ही युवा प्रत्याशी हैं और दोनों का ही क्षेत्र में खासा वर्चस्व भी है।
हाथी भी दिखा रहा ताकत-
इधर सीहोर विधानसभा सीट से बसपा ने कमलेश दोहरे को अपना प्रत्याशी बनाकर उतारा है। कमलेश दोहरे सरकारी सेवा छोड़कर राजनीति में आए हैं और वे लगातार सीहोर विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण करके अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। सीहोर विधानसभा में भाजपा, कांग्रेस, बसपा सहित 10 प्रत्याशियोें ने अपने नामांकन पत्र जमा किए हैं। यहां पर बसपा का हाथी लगातार दौड़ लगा रहा है। बसपा मुकाबले को काफी हद तक त्रिकोणीय बनाने में जुटी हुई है। वे लगातार सीहोर विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्र का दौरा करके अपनी स्थिति का मजबूत करने में जुटे हुए हैं।
फैक्ट फाइल-
– सीहोर विधानसभा: 221526 कुल मतदाता
– पुरूष मतदाता: 112755,
– महिला मतदाता: 108764
– अन्य मतदाता: 7
– जेण्डर रेशो 965
– इपी रेशो 62.49
– पीडब्ल्यूडी मतदाता 4630
– 18-19 वर्ष के 10430
– 20-29 वर्ष के 60338,
– 80 वर्ष से अधिक के 3088 मतदाता है।