Newsदेशराजनीतिक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी हिदायत: भारत और इंडिया विवाद पर कुछ न बोलें मंत्री

मंत्री परिषद की बैठक में कुछ शर्तों के साथ सनातन धर्म पर बोलने की इजाजत

नई दिल्ली। देश में इस समय दो विवाद तेजी से जोर पकड रहे हैं। एक तरह इंडिया का नाम भारत किए जाने पर लगातार
बयानबाजी हो रही है, वहीं सनातन धर्म को लेकर की गई टिप्पणी में भी राजनीतिक कटाक्ष मर्यादा का स्तर पार करने लगे हैं। इन मुद्दों पर अनाप शनाप बयानों से पार्टी को नुकसान न हो इसकी चिंता करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ​मंत्रियों को हिदायत दी है कि वे कुछ भी न बोलें। हालांकि सनातन धर्म पर बयान देने से पहले कुछ शर्तें लगा दी हैं। सूत्रों के अनुसार बुधवार को हुई मंत्री परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री ने यह हिदायत दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साथ ही अपने मंत्रियों से कहा कि अधिकृत व्यक्ति के अलावा कोई भी मंत्री जी-20 की बैठक पर न बोले। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके अलावा बस पूल इस्तेमाल करने की विशेष हिदायत दी है। सूत्रों के अनुसार, पीएम ने कहा है कि 9 तारीख को आयोजित रात्रिभोज में हिस्सा लेने वाले मंत्री अपनी गाड़ियों से संसद भवन परिसर पहुंचे और बसों में बैठकर वेन्यू तक जाएं।

निमंत्रण पत्र को लेकर हुआ विवाद
इसके निमंत्रण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ के तौर पर संबोधित किया गया है. विपक्षी दलों ने ‘प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ लिखे जाने पर आपत्ति जताई है। विपक्ष ने दावा किया कि केंद्र सरकार विपक्षी गठबंधन इंडिया से डरकर देश का नाम बदलने में जुटी है।

सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन ने दिया था बयान
मंत्रियों को पीएम मोदी की ओर से सनातन धर्म विवाद पर बोलने की छूट मिली है। दरअसल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम में सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, डेंगू और मलेरिया से करते हुए इसे खत्म किए जाने की बात कही थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button