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रेहटी के शासकीय अस्पताल को अब ’ईलाज’ की जरूरत!

- दो-दो एम्बुलेंस अस्पताल में खड़ी रही, पांच घंटे तक प्रसूता और परिजन इंतजार करते रहे, फिर किराए का निजी वाहन करके घर पहुंचे

रेहटी। कभी बेहतर व्यवस्थाओं को लेकर वाहवाही लूटने वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेहटी इस समय वेंटीलेटर पर है। अब इस शासकीय अस्पताल को ही इलाज की सख्त जरूरत है। आए दिन यहां पर नए-नए कारनामें सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक कारनामा पिछले दिनों भी सामने आया, जब यहां पर भर्ती प्रसूता को घर जाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई। दो-दो एम्बुलेंस अस्पताल में खड़ी रही। प्रसूता के परिजनों ने कई बार एम्बुलेंस को फोन लगाए, लेकिन न तो फोन उठाया गया और न ही उन्हें एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई। पांच घंटे के इंतजार के बाद प्रसूता एवं उनके परिजन किराए का निजी वाहन बुलाकर घर पहुंचे। इसको लेकर एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। यह स्थिति पूरे सिस्टम को आईना दिखाने के लिए पर्याप्त है।
एक तरफ प्रदेश की भाजपा सरकार लाड़ली बहना योजना चलाकर महिलाओं को साधने में जुटी हुई है। उनके लिए जननी सुरक्षा योजना जैसी कारगर योजना चलाई जा रही है, लेकिन इन योजनाओं का लाभ ही महिलाओं को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसका ताजा उदाहरण बुधनी विधानसभा के रेहटी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला। यहां पर 22 अगस्त को भोलाराम निवासी खजूरी तहसील रेहटी की धर्मपत्नी सीमा को डिलेवरी हुई। इसके बाद जब उनकी छुट्टी हुई तो उन्होंने 108 एम्बुलेंस को बुक कराया। दो-दो एम्बुलेंस अस्पताल में खड़ी रही, लेकिन भोलाराम एवं उनकी पत्नी को यह उपलब्ध नहीं हो सकी। बताया जा रहा है कि एम्बुलेंस वाले खजूरी जाने को तैयार नहीं है। यहां पर जाने के लिए वे अलग से पैसों की मांग करते हैं। करीब पांच घंटे इंतजार करने के बाद भोलाराम ने निजी गाड़ी किराए पर की और अपनी धर्मपत्नी, नवजात एवं मां को लेकर घर पहुंचे।
लगातार सामने आ रही लापरवाही-
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेहटी की लापरवाही लगातार सामने आ रही है। कभी यहां पर डॉक्टरों की उपलब्धता नहीं रहती है तो कभी यहां पर दवाइयों का टोटा हो जाता है। रेहटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 100 से ज्यादा गांव जुड़े हुए हैं और हर दिन बड़ी संख्या में मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। इसी तरह कई बार दुर्घटनाओं के मामले भी यहां पर आते हैं, लेकिन ज्यादातर दुर्घटनाओं में प्राथमिक इलाज के बाद होशंगाबाद, भोपाल एवं सीहोर के लिए रेफर कर दिया जाता है।

इनका कहना है-
अस्पताल में प्रसूता की डिलेवरी के बाद छुट्टी हुई थी, लेकिन घर तक पहुंचाने के लिए उन्हें एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी थी। मामले की जांच करवा रहे हैं।
– डॉ. अश्विनी दायमा, प्रभारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेहटी

रेहटी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मामला सामने आया है, जिसमें एक प्रसूता को गाड़ी उपलब्ध नहीं हो सकी। दरअसल उस समय गाड़ी किसी अन्य मरीज के लिए बुक थी, इसके कारण उन्हें एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी। एक गाड़ी बाईबोड़ी की थी, जबकि एक गाड़ी होशंगाबाद जिले की थी। गाड़ी की उपलब्धता नहीं होने के कारण दूसरे मरीज को इंतजार करना पड़ा। हालांकि वे अपनी व्यवस्था से घर पहुंच गए। कई बार एक साथ ज्यादा मरीजों की छुट्टी होने से यह स्थितियां निर्मित हो जाती हैं। आगे से ऐसी स्थितियां न बने, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
– जितेंद्र राजपूत, जिला प्रबंधक 108 एम्बुलेंस, सीहोर

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