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सीहोर : नेशनल लोक अदालत में हुआ 2593 प्रकरणों का निराकरण, 8 करोड़ 42 लाख से अधिक की राशि हुई जमा

- वर्ष की प्रथम नेशनल लोक अदालत आयोजित

सीहोर। जिला एवं तहसील स्तर पर नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सतीश चंद्र शर्मा द्वारा किया गया। प्रधान जिला न्यायाधीश श्री शर्मा ने कहा कि नेशनल लोक अदालत सुलभ और सस्ते न्याय का एक अच्छा माध्यम है। इससे समय और पैसा भी बचता है। अधिकांश प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से कराया जाना चाहिए। यह हमारे समाज के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है कि, हम सभी अपने विवाद न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से निराकृत करें। इसमें लोक अदालत एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है, क्योंकि लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के त्वरित निराकरण से पक्षकारों का न्यायिक प्रक्रिया के प्रति विश्वास बढ़ता है, जिससे और अधिक न्याय प्राप्ति के लिए इच्छुक पक्षकार अपने वाद लेकर न्यायालय के समक्ष आने के लिए प्रेरित होते हैं। न्यायालय परिसर में बैंक, नगर पालिका, विद्युत मण्डल एवं बीएसएनएल के स्टालों का निरीक्षण किया गया। आमजन की समस्याओं को सुनकर त्वरित यथोचित निराकरण के निर्देश दिए गए। प्रधान जिला न्यायाधीश श्री शर्मा द्वारा राजीनामा करने वाले पक्षकारों को फूल माला एवं पौधे प्रदाय कर प्रोत्साहित किया गया। प्रधान जिला न्यायाधीश श्री शर्मा द्वारा सत्यसांई यूनिवर्सिटी के विधि संकाय के छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र भी वितरित किए गए। कार्यक्रम में विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने नेशनल लोक अदालत को प्रकरण निराकरण का सबसे सार्थक तरीका बताते हुए सभी को इसे अपनाने का आव्हान किया गया तथा अधिक-से-अधिक प्रकरणों का लोक अदालत के माध्यम से निराकरण के लिए कहा। कुटुम्ब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश सुमन श्रीवास्तव ने कहा गया कि लोक अदालत में पक्षकार आते दो पक्षों की तरह है, किन्तु जाते समय वह एक होकर जाते हैं। यही लोक अदालत की सबसे उल्लेखनीय बात है। यह एकमात्र तरीका है, जिससे विवाद का हमेशा के लिए समाधान संभव है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मुकेश कुमार दांगी ने नेशनल लोक अदालत आयोजन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही वर्ष 2023 में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पीड़ित प्रतिकर योजनाओं, विधिक सहायता एवं सलाह, नेशनल लोक अदालत के अंतर्गत प्राप्त किए गए लक्ष्यों तथा अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी के माध्यम से रिहा बंदियों के संबंध में जानकारी दी गई।

2593 प्रकरणों का निराकरण हुआ, समझौता राशि 8,42,84,492 हुई जमा –
नेशलन लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए 22 खंडपीठें गठित की गई है। खंडपीठों में नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराए जाने के लिए न्यायालय एवं उपभोक्ता फोरम में लंबित कुल 5400 प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 555 प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर होकर समझौता राशि 5,80,75,720 रुपए जमा कराई गई। इसी प्रकार नेशनल लोक अदालत की खंडपीठ के समक्ष कुल 17279 प्रिलिटिगेशन प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 2038 प्रकरणों का निराकरण होकर समझौता राशि 2,62,08,772 रुपए जमा कराई गई। नेशनल लोक अदालत में कुल 2593 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें रूपए 8,42,84,492 समझौता राशि जमा हुई।

अलग-अलग दंपतियों को हार-फूल माला पहनाकर किया विदा-
आयोजित नेशनल लोक अदालत में दीक्षा कुशवाह एवं अरविंद कुशवाह द्वारा कुटुम्ब न्यायालय सीहोर में पारस्परिक सहमति के आधार पर तलाक के लिए मामला प्रस्तुत किया गया था। दोनों का विवाह माह मई 2022 में संपन्न होकर उनका 1 पुत्र भी है। पति-पत्नि के मध्य छोटी-मोटी पारिवारिक बातों को लेकर मतभेद हो गए, जो कि विवाद में परिवर्तित होकर तलाक की स्थिति निर्मित हो गई थी। प्रकरण में पारिवारिक मामला तथा छोटे बच्चे के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय द्वारा समझाइश के लिए लीगल एड डिफेंस कांउसिल सीहोर को भेजा गया। लीगल एड डिफेंस काउंसिल्स राजेन्द्र कुशवाह द्वारा प्रयास किया गया तथा समझाईश के पश्चात् पति-पत्नि एक साथ रहने के लिए सहमत हो गए। इस प्रकार एक तलाक की कगार पर पहुंच चुके रिश्ते को नेशनल लोक अदालत ने पुर्नजीवित कर दिया। एक-दूसरे को फूलमाला पहनाकर प्रकरण में राजीनामा कर दोनों पक्ष खुशी-खुशी घर लौटे। इसी प्रकार कुटुम्ब न्यायालय में चल रहे एक अन्य प्रकरण पूजा वि. मंगल सिंह में पति-पत्नि का वर्ष 2015 में विवाह हुआ था। उनके दो बच्चे थे। पत्नि द्वारा घरेलू विवादों के कारण शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान होकर पति के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराया तथा भरण-पोषण का आवेदन भी प्रस्तुत किया गया था। लोक अदालत में समझाईश के पश्चात् दोनों पक्षों ने राजीनामा कर साथ जाने पर सहमति व्यक्त की। एक-दूसरे को फूलमाला पहनाकर प्रकरण में राजीनामा कर दोनों पक्ष खुशी-खुशी घर लौटे। नेशनल लोक अदालत में भारी संख्या में प्रकरणों के निराकरण में पक्षकारों एवं अभिभाषक की उत्सुकता देखी गई। अधिकांश पक्षकार अपने प्रकरण का निराकरण समझौते के माध्यम से होने से चेहरे पर मुस्कान लेकर विदा हुए। राजीनामा करने वाले सभी पक्षकारों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पौधे भी वितरित किए गए। कार्यक्रम में प्रथम अपर जिला न्यायाधीश संजय कुमार शाही, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अर्चना नायडू बोडे, जिला रजिस्ट्रार निधु श्रीवास्तव, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम यादव उपस्थित रहे।

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