
सीहोर। सीहोर जिले में राजनीतिक गतिविधियां इस समय तेज हो गईं हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योेंकि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में संगठनात्क गतिविधियां चल रही हैं। भाजपा-कांग्रेस में जिलाध्यक्ष को लेकर कवायद तेज हो गई है एवं इसके लिए कई तरह केे समीकरण भी बनने लगेे हैं। भारतीय जनता पार्टी सीहोर के जिलाध्यक्ष बनने के लिए जहां वर्तमान जिलाध्यक्ष की प्रबल दावेदारी मानी जा रही है तोे वहीं कई अन्य पूर्व जिलाध्यक्ष भी इसके लिए अपनी-अपनी दावेदारी जता रहे हैैं। इधर कांग्रेस पार्टी में भी संगठनात्मक चुनाव की सुगबुगाहट केे बीच वर्तमान जिलाध्यक्ष डॉ. बलवीर सिंह तोेमर सहित कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि कौन अध्यक्ष पद की कुर्सी पर आसीन हो पाता है और किसको निराशा हाथ लगेगी?
वर्ष-2023 में विधानसभा चुनाव एवं वर्ष-2024 मेें लोकसभा चुनाव है। उससे पहले भाजपा और कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां होेनी है। जिलाध्यक्ष के उपर चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी होेगी। इसकेे लिए संगठनात्मक स्तर पर जिलाध्यक्ष के नाम पर कवायद तेज हो गई हैै। हालांकि सीहोेर जिला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला है, इसलिए यहां केे जिलाध्यक्ष का बहुत कुछ दारोमदार उन पर होगा तोे वहीं कांग्रेस भी किसी युवा नेता पर जिलाध्यक्ष का दांव खेल सकती है।
भाजपा मेें इन दिग्गज नेताओं की दावेदारी-
भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष रवि मालवीय की नियुक्ति 5 दिसंबर 2019 को हुई थी। यानी उनका कार्यकाल इस वर्ष दिसंबर में समाप्त होे जाएगा। उससे पहले संगठन ने यहां के जिलाध्यक्ष को लेकर कवायद तेज कर दी है। सीहोेर जिले मेें भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए जहां वर्तमान जिलाध्यक्ष रवि मालवीय की प्रबल दावेदारी रहेगी तोे वहीं पूर्व जिलाध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता सीताराम यादव भी अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं। सीताराम यादव का नाम सीहोर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के लिए भी था। अब जिलाध्यक्ष केे लिए सीताराम यादव की प्रबल दावेदारी है। वे पहले भी जिलाध्यक्ष पद पर रहकर अपनी उपयोगिता साबित कर चुके हैैं। उनके कार्यकाल में भाजपा ने सीहोेर जिले की सभी विधानसभा एवं लोकसभा सीटें जीती थी। संगठनात्मक गतिविधियां भी बेहतर थीं। जिलाध्यक्ष केे लिए पूर्व जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रघुनाथ सिंह भाटी का नाम भी है। वे बुदनी विधानसभा से आतेे हैं, साथ ही उनकी संगठनात्मक क्षमता भी किसी सेे छिपी नहीं है। उनका जिलाध्क्षीय पहले का कार्यकाल भी बेेहतर रहा। उन पर भी संगठन विश्वास जता सकता है। उनके अलावा सीहोेर से नरेश मेवाड़ा, आष्टा से भारत सिंह पटेल, ललित नागौरी के नाम भी सामने आ रहे हैं। हालांकि ललित नागौरी एवं भारत सिंह पटेल की निष्क्रियता उनके लिए संकट बन सकती है।
कांग्रेस खेल सकती है युवा चेहरे पर दांव-
कांग्रेस खेेमेे मेें भी संगठनात्मक चुनाव कोे लेकर तैैयारियां जोरोें पर हैं। कांग्रेस मेें सबसेे पहले उनकेे राष्ट्रीय अध्यक्ष केे चुनाव होेंगे। उसकेे बाद प्रदेश अध्यक्ष एवं जिलाध्यक्षों कोे लेकर कवायद होगी। फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष केे चुनाव कोे लेकर विधानसभावार प्रतिनिधि बनाए गए हैं। कांग्रेस में जिलाध्यक्ष के लिए जहां कई वरिष्ठ नेताओें के नाम सामनेे आ रहे हैं तोे वहीं कई युवा चेहरे भी इस दौड़ मेें है। कांग्रेस के वर्तमान जिलाध्यक्ष डॉ. बलवीर सिंह तोमर जिलाध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार हैं तोे वहीं युवा नेताओें में अर्जुुन शर्मा निक्की, राजीव गुजराती, द्वारका जाट, महेश राजपूत, केशव चौहान, राहुल यादव, हरपाल ठाकुर की भी प्रबल दावेदारी सामने आ रही है। दरअसल कांग्रेस में युवा नेतृत्व तेजी से आगे आ रहा है। ऐसे मेें नेतृत्व की बागडोर भी किसी युवा केे हाथोें में सौंपी जा सकती है।