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सीहोर : पंडित प्रदीप मिश्रा संग मनाई महादेव की होली, जमकर हुई हंसी-ठिठोली

महादेव की होली में निकाला भव्य चल समारोह, नारी शक्ति के साथ केसरिया रंग में डूबे शहरवासी

सीहोर। नगर में नगरवासियों ने पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ जमकर महादेव की होली मनाई। इस दौरान जहां खूब रंग-गुलाल उड़ाया गया तो वहीं सभी ने एक-दूसरे को होली की बधाइयां, शुभकामनाएं दीं। इस दौरान जमकर हंसी, मजाक ठिठोली भी होती रही। महादेव की होली के अवसर पर नगर में भव्य जूलूस निकाला गया। इसमें महिलाओं, पुरूषों एवं युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। महादेव की होली चल समारोह में मशीन से गुलाल उड़ाया गया। इस मौके पर महाकाल की तर्ज पर डमरू पार्टी, कुबेरेश्वधाम के ढोल बाजे और भगोरिया नृत्य करने वाले भीलों की टीम आकर्षण का केन्द्र थी। सुबह साढ़े दस बजे महादेव की होली के अवसर पर पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा चमत्कारेश्वर मंदिर में पूजा की गई।
नबाव की होली की जगह अब महादेव की होली-
सीहोर में होली का त्यौहार पांच दिनों तक मनाया जाता है। वर्षों से सीहोर में होली के अगले दिन नबाव की होली खेलने का प्रचलन था। वर्षों से नगरवासी नबाव की होली मनाते आ रहे थे, लेकिन गत वर्ष पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर नगरवासियों ने नबाव की होली की जगह महादेव की होली मनानी शुरू की। अब दो वर्षों से लगातार महादेव की होली मनाई जा रही है। इसी कड़ी में इस वर्ष भी पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ नगरवासियों ने महादेव की होली खेली। इससे पहले पंडित प्रदीप मिश्रा नगर के मनकामेश्वर महादेव मंदिर सहित चमत्कालेश्वर महादेव, गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, बड़ा बाजार स्थित पिपेलश्वर महादेव मंदिर, नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, प्राचीन मनकामेश्वर महादेव सहित अन्य शिवालयों में पहुंचे। यहां पर उन्होंने भगवान भोलेनाथ पर जल अर्पित किया, उन्हें गुलाल लगाया और पूजा-पाठ की।
नगरभर में घूमे पंडित मिश्रा, जगह-जगह हुआ स्वागत-
महादेव की होली खेलने के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा सुबह शिवालयों में पहुंचे। इसके बाद वे नगरभर में घूमे। इस दौरान जगह-जगह उनका स्वागत-सत्कार किया गया, गुलाल उड़ाया गया। इस दौरान नगरवासियों ने उनकी भव्य अगवानी की। हर तरह रंग-गुलाल ही नजर आ रहा था। पंडित प्रदीप मिश्रा नगर के जिस क्षेत्र में भी गए वहां पर लोगों ने रंग-गुलाल एवं फूलों से उनका स्वागत किया।
एक लौटा चंदनयुक्त जल करें अर्पित-
होली को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि सभी नगरवासी, जिलेवासी, प्रदेशवासी और देशवासी अपने-अपने घर, गांव, नगर में जहां पर शिव मंदिर हो वहां पर भगवान शिव को एक लौटा चंदन युक्त जल समर्पित करें। महादेव की होली को लेकर छावनी होली उत्सव समिति सहित अन्य होली समितियों ने भी तैयारियां की। अब पंडित प्रदीप मिश्रा आष्टा, इछावर सहित जिले के अन्य स्थानों पर भी जाकर महादेव की होली मनाएंगे। उन्होंने सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रंगों का यह पर्व होली सभी के जीवन में भी ऐसे ही रंग भरे। साथ ही उन्होंने सभी से होली का पर्व बेहद शांति, सद्भाव के साथ मनाने की अपील की है।
शनिवार को आष्टा में भव्य रूप से मनाई जाएगी महादेव की होली-
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि सनातन धर्म के अंदर होली के पावन त्यौहार का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन मथुरा वृंदावन और वाराणसी समेत पूरा देश होली के रंग में रंगीन हो जाता है। धार्मिक ग्रंथों में भी होली के पावन पर्व का उल्लेख किया। इसी को देखते हुए सीहोर और आष्टा में होली का पर्व भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने महादेव की होली मनाए जाने का संदेश दिया है। यह दूसरा साल है, गुरुवार को सीहोर शहर में होली का पर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया गया। अब शनिवार को सुबह दस बजे भागवत भूषण श्री मिश्रा आष्टा में होली का महोत्सव मनाने जाएंगे। इसके लिए आष्टावासियों ने भव्य तैयारियां की हैं।
नमक चौराहे पर मनाई केसरिया होली –
शहर के छावनी स्थित नमक चौराहे पर प्रतिवर्षनुसार इस साल भी केसरिया होली महोत्सव का आयोजन किया गया। इसमें सभी क्षेत्रवासियों ने नई पीले टी-शर्ट पहनकर गुलाल, पानी और फूलों की वर्षा कर उत्सव मनाया। नमक चौराहा में होली खेलने का अलग ही अंदाज है। यहां सिर्फ केसरिया रंग से ही होली खेली जाती है। बच्चे, युवा व बुजुर्ग सिर्फ केसरिया रंग से ही होली खेलते हैं। इस अलग अंदाज की वजह यहां दूर-दूर से युवा होली खेलने आते हैं। इससे जुदा बुजुर्गों को भी विशेष रूप से आमंत्रित कर उन्हें न केवल सम्मानित किया जाता है, बल्कि बुजुर्गों की जोड़ियों के रूप में होली खिलाकर पुराने जमाने की स्मृतियों को यादों को एक बार फिर से ताजा करा दिया जाता है। समिति के आनंद गांधी बताते हैं कि मोहल्ले में रहने वाले जो लोग बाहर चले गए हैं उन्हें भी आमंत्रण भेजकर केसरिया रंग से होली खेलने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस साल भी यहां पर बच्चे से लेकर बुजुर्गों ने पूरे उत्साह के साथ शाम चार बजे तक होली का उत्सव मनाया।

 

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