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सीहोर : जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से एक दिन पहले रिसोर्ट में ठहरे कांग्रेस के सदस्यों को पुलिस ने उठाया

- कांग्रेस सदस्य बिजेंद्र उइके की किडनेपिंग की सूचना पर खजूरी पुलिस नंदन रिसोर्ट से ठहरे कांग्रेस के 5-6 सदस्यों को थाने ले गई

सीहोर। सीहोर जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन से एक दिन पहले नाटकीय घटनाक्रम हुआ। इसमें खजूरी पुलिस ने फंदा के पास एक रिसोर्ट में ठहरे कांग्रेस के सदस्यों को वहां से उठाया और पुलिस थाने ले गई। यहां पर सबके बयान दर्ज किए गए उसके बाद उन्हें छोड़ा गया। बताया जा रहा है कि अफवाह फैली थी कि जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 15 से विजयी हुई कांग्रेस समर्थित बिजेंद्र उइके की किडनेपिंग की गई है। इस सूचना के बाद सीहोर जिले की पुलिस सहित भोपाल जिले की पुलिस भी हरकत में आई। भोपाल जिले की खजूरी पुलिस ने फंदा के पास स्थित नंदन रिसोर्ट में ठहरे कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत के विजयी सदस्यों को उठाया और खजूरी थाने ले जाकर पूछताछ की एवं उनके बयान दर्ज किए गए। हालांकि इस मामले में बिजेंद्र उइके ने बताया कि उनकी कोई किडनेपिंग नहीं की गई है। वे कांग्रेस पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं एवं उन्हें जनता ने चुनकर भेजा है। वे कांग्रेस पार्टी के साथ ही हैं। कांग्रेस के सदस्यों ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा सरकार में होने का लाभ उठा रही है और जबरन दबाव बनाया जा रहा है।
सीहोर जिला पंचायत का अध्यक्ष कौन होगा, इस पर शुक्रवार को फैसला होेगा, लेकिन अध्यक्ष कौन बनेगा इस पर भी अब तक संशय बरकरार है। हालांकि भाजपा-कांग्रेस दोनों दल दावा कर रहे हैं कि अध्यक्ष पद पर उनका समर्थित प्रत्याशी ही बैठेगा। इसको लेकर जोड़-तोड़ की राजनीति भी चलती रही। अध्यक्ष पद के निर्वाचन से एक दिन पहले कई तरह के जोड़-तोड़ की सूचना भी मिलती रही। शाम को तो कांग्रेस के सदस्यों को पुलिस ने उठा ही लिया। हालांकि बाद में उनके बयान दर्ज करके उन्हें छोड़ दिया गया।
भाजपा का पलड़ा भारी-
सीहोर जिला पंचायत के 17 वार्डों में हुए चुनाव में इस बार 9 प्रत्याशी भाजपा समर्थित जीतकर आए हैं तो वहीं 7 प्रत्याशी कांग्रेस समर्थित जीते हैं। एक प्रजातांत्रिक पार्टी समर्थित प्रत्याशी जीता है। फिलहाल सदस्यों की बात करें तोे भाजपा का पलड़ा भारी है। हालांकि कांग्रेस भी दावा कर रही है कि उसके पास पर्याप्त सदस्य हैं और अध्यक्ष पद पर उनका ही अधिकार होगा।
बैठकों का दौर जारी, हो रही जोड़-तोड़-
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद का निर्णय निर्विरोध हो। इसके लिए लगातार बैठकों का दौर भी जारी है। भाजपा और कांग्रेस दोनोें ही दल अपने-अपने हिसाब से रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। वरिष्ठ नेताओें के साथ बैैठकों का दौर जारी हैै तोे वहीं जोड़-तोड़ कोे लेकर भी कवायद चल रही है। भाजपा का दावा है कि उनके समर्थित 9 प्रत्याशी हैं, जबकि कांग्रेस के पास 7 उनके समर्थित प्रत्याशी हैैं एवं कांग्रेस दावा कर रही है कि प्रजातांत्रिक दल के प्रत्याशी के अलावा भाजपा के दो अन्य सदस्य भी उनके संपर्क में हैं। यदि यह स्थिति बनी तोे कांग्रेस अध्यक्ष पद ले जा सकती है। फिलहाल जोड़-तोड़ और बैठकों का दौर जारी है।
अनारक्षित है अध्यक्ष पद-
सीहोर जिला पंचायत का अध्यक्ष पद इस बार अनारक्षित घोषित हुआ था। इसके बाद चुनाव मैदान में भी कई दावेदार आए। सीहोर जिले के सभी 17 वार्डों में भाजपा-कांग्रेस सहित निर्दलीय प्रत्याशियोें ने भी चुनावी मैदान संभाला और अंत तक किला भी लड़ाया। सबसे ज्यादा मुकाबला भाजपा समर्थित प्रत्याशियोें के बीच में ही रहा। एक-एक वार्ड से भाजपा समर्थित कई उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे और इसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ा। जिन वार्डोें में भाजपा समर्थित ज्यादा उम्मीदवार थे, उन वार्डोें में ही भाजपा की हार हुई है। जिला पंचायत सदस्य के लिए भाजपा के कई कद्दावर नेताओें ने अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन किसी की भी किस्मत जोर नहीं मार पाई।
वरिष्ठ नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर-
जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव के बाद अब अध्यक्ष पद को लेकर भी भाजपा सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। ये वरिष्ठ नेता अध्यक्ष पद कोे लेकर कवायद में जुटे हुए हैं। सांसद रमाकांत भार्गव, जिलाध्यक्ष रवि मालवीय, गुरूप्रसाद शर्मा, रघुनाथ सिंह भाटी, पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत, विधायक सुदेश राय, करण सिंह वर्मा, रघुनाथ सिंह मालवीय, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा सहित अन्य दिग्गज नेता जहां भाजपा के लिए मैदान में उतरे हुए हैं तोे वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, जिलाध्यक्ष बलवीर सिंह तोेमर के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित अन्य दिग्गज नेता भी कांग्रेस खेमे की बागडोर संभाले हुए हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो अध्यक्ष पद को लेकर पूरी स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी है, बस अब तोे फिल्म के रिलीज होने का इंतजार किया जा रहा है।
ये हो सकते हैं भाजपा-कांग्रेस के समीकरण-
भाजपा और कांग्रेस दोेनों ही अपने-अपने दावे कर रहे हैैं कि अध्यक्ष पद पर उनकी पार्टी का समर्थित प्रत्याशी बैैठेगा। दरअसल भाजपा के पास वर्तमान में 9 सदस्य हैं। भाजपा खेमे से अध्यक्ष पद के लिए सबसे प्रबल दावेदारी कांग्रेस छोेड़कर भाजपा में आए गोपाल इंजीनियर की है। चुनाव से पहले भाजपा ने उनकी पत्नी कोे जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया था। अब भी उनकी ही दावेदारी पुख्ता है। इधर कांग्रेस खेमे में सबसे प्रबल दावेदारी अध्यक्ष पद के लिए रमेश सक्सेना के पुत्र शशांक सक्सेना की सामने आ रही है। यदि कांग्रेस जोड़-तोेड़ करके सदस्य अपने पक्ष में करती है तो भी अध्यक्ष का पद कांग्रेस अपने पास ही रखेगी औैर शशांक सक्सेना इसके प्रबल दावेदार हैं।
इधर वार्ड नंबर 7 पर फंस गया पेंच-
इधर जिला पंचायत के वार्ड नंबर 7 को लेकर पंचायत चुनाव में गणितीय त्रुटि के कारण पराजित प्रत्याशी विजय घोषित किए जाने और 92 मत के स्थान पर 10 मत अंकित किए जाने वाली लापरवाही को लेकर वार्ड नंबर 7 से रामसभा कैलाशचंद्र निवासी मुगली ने अपने समर्थकों के साथ कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर को पंचायत राज निर्वाचन अधिनियम धारा 84 गणितीय त्रुटि दुरुस्त करने को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है। इस संबंध में क्षेत्रवासियों का कहना है कि जिला पंचायत निर्वाचन अधिकारी द्वारा हारे हुए प्रत्याशी को विजय घोषित किया गया। जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 7 से अवंतिका सुनील अरेला चुनाव चिन्ह तीर कमान, कृष्णा धर्मेन्द्र पेंटर चुनाव चिन्ह दो पत्तियां, ममता दिनेश धनवाल चुनाव चिन्ह उगता सूरज, नीतू राहुल परमार चुनाव चिन्ह पतंग, पवित्रा, चुनाव चिन्ह छाता, रामकला जितेन्द्र सोलंकी चुनाव चिन्ह गाड़ी, रामसभा चुनाव चिन्ह लालटेन, सागरबाई चुनाव चिन्ह फावड़ा और बेलचा एवं सुगन बाई चुनाव चिन्ह बिजली का बल्व के साथ चुनाव मैदान में थे। वार्ड नंबर 7 में 77 मतदान केंद्र थे, जिसमें पोलिंग क्रमांक 116 ग्राम भैरुपुर से आवेदनकर्ता रामसभा बाई को 92 वोट मिले। सागर बाई को मात्र 10 वोट मिले थे। इसका प्रमाण पत्र निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्रत्याशी को दिया था, लेकिन गणितीय त्रुटि के कारण टेबुलेशन में रामसभा पत्नी कैलाशचंद्र को 10 वोट उसके नाम के आगे लिखा गए, जोकि दोषपूर्ण है। इससे विजेता प्रत्याशी पराजित हो गई, जबकि उन्हें मतगणना का जो परिणाम दिया गया है, उसमें 92 मत मिलना दशार्या गया है। वहीं अवंतिका फरेला बेदाखेडी जिसे 8657 मत मिले हैं, उसे विजेता घोषित किया गया तथा विजय प्रमाण पत्र भी दिया गया। जबकि रामसभा बाई को गलत वोट अंकित करने के कारण 8640 वोट मिलना बताया गया है, जबकि उक्त त्रुटि को सही किया जाए तो रामसभा कैलाशचंद्र को 8722 वोट प्राप्त होते हैं और वही विजय घोषित होना चाहिए। इस लापरवाही को दूर करने के लिए बड़ी संख्या में क्षेत्रवासियों के साथ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है। इसमें सारणीकरण दुरुस्त कर रामसभा कैलाशचंद्र को जिसे 8722 मत प्राप्त होने के कारण विजय घोषित कर प्रमाण पत्र प्रदान करने की मांग की गई है।
जिला पंचायत चुनाव में निर्वाचित उम्मीदवार
क्र. विजेता प्रत्याशी           पार्टी समर्थित
1. शशांक सक्सेना                  कांग्रेस
2. राजेन्द्र उर्फ राजू राजपूत      कांग्रेस
3. रुखसार अनस खां              कांग्रेस
4. बनारस गौरी शंकर पटेल     भाजपा
5. रचना सुरेंद्र मेवाड़ा             कांग्रेस
6. जीवन मदन सिंह मंडलोई   भाजपा
7. अवंतिका फरेला                भाजपा
8. गोपाल इंजीनियर              भाजपा
9. कमल देवी सिंह चौहान         प्रजातांत्रिक पार्टी
10. संगीता लखन सिंह मालवीय भाजपा
11. सुरेश चंद्र वर्मा                   भाजपा
12. रेव लक्ष्मण बाई                 कांग्रेस
13. कमलेश बद्री प्रसाद पटेल     कांग्रेस
14. नामिता रघुवीर चौहान        भाजपा
15. बिजेंद्र उइके                      कांग्रेस
16. जलज चौहान                    भाजपा
17. उमा ओमप्रकाश                भाजपा

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