SEHORE POLICE : पुलिस कप्तान श्री शुक्ला ने ली वर्चुअल बैठक, तीन बिंदुओं पर विशेष फोकस

सीहोर। जिले में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए पुलिस कप्तान दीपक कुमार शुक्ला ने आज एक महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में जिले के सभी पुलिस राजपत्रित अधिकारी और थाना प्रभारी शामिल हुए। बैठक का मुख्य फोकस सीएम हेल्पलाइन, यातायात के विशेष अभियान और डायल 112 जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं की समीक्षा और आवश्यक दिशा निर्देश देना था। इस बैठक में एएसपी सुनीता रावत, सभी एसडीओपी, सीएसपी, डीएसपी अजाक, थाना प्रभारीगण और प्रभारी यातायात ने भाग लिया।
इन बिंदुओं पर विशेष फोकस
सीएम हेल्पलाइन का विशेष अभियान: पुलिस अधीक्षक ने 18 सितंबर तक चलने वाले एक विशेष अभियान पर जोर दिया। इसके तहत वर्ष 2021, 2022 और 2023 के लंबित सीएम हेल्पलाइन शिकायतों का प्राथमिकता से निराकरण करने का निर्देश दिया गया है।
यातायात अभियान: 8 से 22 सितंबर तक चलने वाले 15.दिवसीय विशेष यातायात अभियान की समीक्षा की गई। इस दौरान तेज गति से वाहन चलाने, बिना हेलमेट, बिना फिटनेस/परमिट और शराब पीकर वाहन चलाने सहित 11 निर्धारित बिंदुओं पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
बालिका गुमशुदगी और गंभीर मामले: सीएम हेल्पलाइन में दर्ज नाबालिग गुमशुदा बालिकाओं के मामलों और अन्य गंभीर व संदिग्ध श्रेणी के प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के लिए कहा गया।
अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रकरण: अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंधित लंबित विवेचनाधीन मामलों में राहत राशि के लिए आवश्यक कागजात शीघ्र भेजने का निर्देश दिया गया, ताकि प्रभावितों को समय पर सरकारी सहायता मिल सके।
पॉक्सो और महिला अपराध: पॉक्सो और महिला संबंधी अपराधों के उन मामलों की समीक्षा की गई, जिनका 60 दिनों की समय सीमा के भीतर निराकरण किया जाना है। सभी अधिकारियों को निर्धारित समय में इन मामलों को निपटाने का निर्देश दिया गया।
लोक अदालत की तैयारी: 13 सितंबर को आयोजित होने वाली लोक अदालत के लिए जारी किए गए समन और नोटिसों की तामीली को प्राथमिकता पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए, ताकि अधिक से अधिक मामलों का निपटारा हो सके।
डायल 112 का प्रभावी क्रियान्वयन: सभी अधिकारियों को डायल 112 की सेवा का नियमित रूप से निरीक्षण करने और इसके प्रभावी संचालन की समीक्षा करने के लिए कहा गया। यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि तकनीकी और मानव संसाधन विधिवत रूप से उपलब्ध और कार्यरत हों।