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स्मार्ट मीटर की स्मार्टनेस… जलने के बाद भी बिजली सप्लाई, उपभोक्ताओं को बिलों के झटके, विभाग बता रहा विशेषता

बिजली कंपनी की मनमानियों के आगे बेबस हुई सीहोर की जनता, फूट रहा गुस्सा

सीहोर। बिजली कंपनी द्वारा घरों में लगाए जा रहे हैं स्मार्ट मीटर की स्मार्टनेस भी अब सामने आ रही है। इन स्मार्ट मीटर की खास बात यह है कि इनके जलने के बाद भी इनसे बिजली सप्लाई जारी है और इसके बिलों का झटका उपभोक्ताओं को लग रहा है। इधर बिजली विभाग स्मार्ट मीटरों की विशेषता बताकर अपनी वाहवाही करा रहा है तो वहीं आम उपभोक्ता स्मार्ट मीटरों के कारण परेशान है और खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
सीहोर नगर सहित जिलेभर में विरोध के बावजूद घरों में सही सलामत बिजली मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। बिजली उपभोक्ताओं का आरोप है कि यह स्मार्ट मीटर सीधा-सीधा जनता के साथ धोखा है। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जब बिजली सप्लाई बंद की जाती है, तब भी करीब एक घंटे तक यह स्मार्ट मीटर चालू रहते हैं। ये तथाकथित ‘स्मार्ट’ मीटर सिर्फ उनकी जेब काटने का नया जरिया बन रहे हैं। एक उपभोक्ता ने बताया कि उनके घर के स्मार्ट मीटर जल गया है, बावजूद घर में बिजली सप्लाई जारी है। उपभोक्ता सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कंपनी उनके सही-सलामत पुराने मीटरों को बदलकर इन नए स्मार्ट मीटरों को क्यों थोप रही है? क्या यह सरकारी पैसे की खुली बर्बादी नहीं है। जनता का स्पष्ट कहना है कि यदि उनके पुराने मीटर खराब थे तो कंपनी को लिखित में इसकी जानकारी देनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, जिससे इन नए मीटरों की जरूरत पर ही सवाल खड़े हो गए हैं।
लोग बोले, गाढ़ी कमाई पर डाका –
लोगों का आरोप है कि ये स्मार्ट मीटर बिजली आपूर्ति बंद होने के एक घंटे बाद तक भी चालू रहते हैं और अनावश्यक रूप से बिजली की रीडिंग बढ़ाते रहते हैं। यह उपभोक्ताओं के साथ सीधा धोखा और उनकी गाढ़ी कमाई पर डाका डालने जैसा है। सीहोर की जनता का मानना है कि ये मीटर केवल उनकी जेब पर भारी पड़ रहे हैं, जिससे आर्थिक बोझ कई गुना बढ़ गया है। इन मीटरों की विश्वसनीयता पूरी तरह संदेह के घेरे में है और इन्हें लगाना पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। बता दें उपभोक्ता लक्ष्मण भगवती परसैया व आयुदी बाई के यहां करीब दो महीने पहले ही मीटर लगे थे, जो जल गए। उन्होंने बताया कि घर के पास लगी डीपी में गिलहरी टकराने से फाल्ट हुआ था, कुछ मिनटों बाद ही मेरे मीटर में आग लग गई, जिससे वह पूरी तरह जल गया। बिजली कंपनी के अधिकारी श्री यादव जी को फोन लगाकर जानकारी दी, जिस पर कर्मचारी आए और वास्तविकता देखकर गए। बाद में बिजली विभाग के अधिकारी ने कहा कि यदि मीटर जला है तो यह उपभोक्ता की ही जिम्मेदार है। हैरत की बात तो यह है कि स्मार्ट मीटर के जल जाने के बाद भी घर में बिजली सप्लाई जारी है।
मेंटेनेंस के नाम पर लूट और अघोषित कटौती का खेल –
स्मार्ट मीटरों की मनमानी के साथ-साथ विद्युत वितरण कंपनी की अघोषित बिजली कटौती ने भी जनता का चैन छीन लिया है। कंपनी द्वारा मॉनसून मेंटेनेंस के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। जब कंपनी साल में दो बार मेंटेनेंस करती है तो फिर दिन-रात होने वाली बिजली कटौती किस बात का संकेत है। यह कंपनी के गैर जिम्मेदाराना रवैये और उसकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। सीहोर के विभिन्न राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन कई बार इन मुद्दों को उठा चुके हैं, लेकिन विद्युत वितरण कंपनी अपनी तानाशाही और मनमानी छोड़ने को तैयार नहीं है। जनता का आक्रोश अब चरम पर है और यह ज्वालामुखी कभी भी फूट सकता है। यदि जिला प्रशासन ने जल्द ही विद्युत वितरण कंपनी के खिलाफ कोई ठोस और सख्त कार्रवाई नहीं की तो सीहोर की आम जनता सडक़ों पर उतरकर विशाल जन आंदोलन करने को मजबूर होगी।
इधर विभाग बता रहा विशेषता, हर 15 मिनट में मिलती है खपत की जानकारी –

मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उप महाप्रबंधक ने बताया कि आरडीएसएस योजना अंतर्गत सीहोर संभाग में लगभग 67,051 स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से लगभग 13,680 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं एवं शेष मीटर लगाए जा रहे हैं। कंपनी द्वारा कुल स्मार्ट मीटर की संख्या में 5 प्रतिशत स्मार्ट मीटरों में चेक मीटर भी स्थापित किए जाते हैं, ताकि स्मार्ट मीटर की कार्यप्रणाली को चेक किया जा सके। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा जिले के ग्राम निपानिया में 331 घरों में स्मार्ट मीटर लगाए गए, जिनमें से 31 चेक मीटर भी शामिल हैं। जब ग्राम निपानिया में स्मार्ट मीटर एवं चेक मीटर की जांच की गई तो सभी चेक मीटर एवं स्मार्ट मीटर दर्ज खपत में समानता पाई गई है। उन्होंने बताया कि ग्राम निपानिया में स्मार्ट मीटर लगाने से पहले अधिकतर घरों में स्वीकृत विद्युत भार के आधार पर अनुमानित खपत के बिल दिए जा रहे थे। स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को वास्तविक खपत के बिल दिए गए हैं। इसके साथ ही वर्तमान में जो बिल दिए जा रहे हैं उनमें शासन द्वारा दी जा रही सब्सिडी का लाभ भी उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर के कई लाभ है। इससे वर्तमान टैरिफ के अनुसार 25 पैसे यूनिट की छूट है। इसके साथ ही सुरक्षा राशि से भी छूट है। प्रत्येक बिल भुगतान पर 0.5 प्रतिशत की छूट है तथा घरेलू श्रेणी छूट की अधिकतम सीमा नहीं है। स्मार्ट मीटर से बिजली खपत की जानकारी हर 15 मिनट में मोबाइल पर प्राप्त होती है।

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