’आवारा गौवंश’ को ’निराश्रित’ किया, अब ’आश्रय’ की दरकार…
- सड़कों पर बैठने वाले पशु हो रहे दुर्घटनाओं के शिकार, अब लाड़कुई में डंपर ने कुचली दो गाय

सीहोर। सरकार ने सड़कों पर बैठने वाले आवारा पशुओं को तो निराश्रित कर दिया है, लेकिन इनके आश्रय की चिंता अब तक नहीं हुई है। यही कारण है कि इन निराश्रित पशुओं को खुली सड़कों पर रहना पड़ रहा है, जिसके चलते इनकी आए दिन दुर्घटनाओं से मौतें भी हो रही हैं। अब जिले के लाड़कुई में रेत के डंपर ने दो गायों को कुचल दिया। इससे उनकी मौत हो गई। घटना रात को करीब 11 से 12 बजे के बीच की बताई जा रही है। इसके बाद सुबह से लाड़कुई में गौ भक्तों ने विरोध में चक्काजाम करते हुए धरना-प्रदर्शन भी किया। ग्रामीणों की मांग है कि सरकार निराश्रित गायों के लिए गौ शाला बनवाएं। चक्काजाम, धरना-प्रदर्शन की खबर लगते ही भैरूंदा एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी, एसडीओपी दीपक कपूर, थाना प्रभारी घनश्याम दांगी सहित पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची। इधर कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल शर्मा ’हनुमानजी’ भी लाड़कुई पहुंचे एवं उन्होंने भी चक्काजाम, धरना-प्रदर्शन को समर्थन दिया। बाद में अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को समझाईश दी गई एवं आश्वासन भी दिया गया कि जल्द ही इसके लिए कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद ग्रामीणों ने चक्काजाम खत्म किया।
तीन घंटे तक चलता रहा प्रदर्शन, चक्काजाम-
लाड़कुई में डंपर द्वारा गाय एवं उसके बछड़े को टक्कर मारने के बाद पहले गाय ने दम तोड़ा। गंभीर रूप से घायल हुए बछड़े का ग्रामीणों ने इलाज किया, लेकिन बाद में उसने भी दम तोड़ दिया। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने चक्काजाम एवं प्रदर्शन किया, जो करीब तीन घंटे तक चलता रहा। हालांकि इस मामले में किसी ने भी थाने में एफआईआर दर्ज नहीं कराई, जिसके कारण कोई मामला दर्ज नहीं हो सका।
लगा रहता है सड़कों पर निराश्रित गौवंश का जमघट –
सीहोर जिले में सड़कों पर गौवंश का जमघट लगा रहता है। सीहोर से इछावर, लाड़कुई, भैरूंदा, रेहटी, बुधनी सहित अन्य स्थानों पर मुख्य मार्गों में गायों के झुंड के झुंड बैठे रहते हैं। इसके कारण जहां वाहनों चालकों को परेशानियां आती हैं तो वहीं लोग भी दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं। सबसे ज्यादा खराब स्थिति बुधनी विधानसभा क्षेत्र में हैं, जहां के नगरीय क्षेत्रों में मुख्य मार्ग पर निराश्रित गौवंश बैठा रहता है।
वाहनों की लगी लंबी लाईन-
ग्रामीणों द्वारा चक्काजाम करने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी लाइनें लग गईं। इनमें ज्यादातर डंपर ही थे। यहां पर सबसे ज्यादा आवाजाही डंपरों की ही होती है। दोनों तरफ लंबी लाइन इन डंपरों की लग गई। इसके अलावा दो पहिया एवं चार पहिया वाहन भी फंसे रहे। ग्रामीणों का कहना है कि डंपर चालक रात में सरपट डंपर दौड़ाते हैं, लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं की जाती है। ऐसे में आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।
ये बोले जिम्मेदार-
इस मामले में भैरूंदा एसडीएम मदनसिंह रघुवंशी ने कहा कि घटना पर वाहन चालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और शीघ्र ही गौशाला के लिए जमीन आवंटित की जाएगी। थाना प्रभारी घनश्याम दांगी ने कहा कि इस मामले में किसी ने भी एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। इधर कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल शर्मा हनुमानजी ने कहा है कि आए दिन गौवंश की दुर्घटनाओं में मौत हो रही है। डंपर चालक रात में शराब पीकर सरपट डंपरों को दौड़ा रहे हैं। इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। खुले आसमान के नीचे गौवंश रहने को मजबूर है, इनके लिए गौशालाओं की व्यवस्थाएं कराई जाए, ताकि इन्हें आश्रय मिले। सरकार ने आवारा पशुओं को निराश्रित तो कर दिया है, लेकिन सिर्फ नाम बदलने से काम नहीं चलेगा, इनके लिए आश्रय की भी व्यवस्था होनी चाहिए।