दावा पर्याप्त खाद का, फिर भी घंटोें लाईन में लग रहे हैं किसान!
खाद लेने के लिए सीहोर की ढाबला समिति पर पहुंचे एक बुजुर्ग किसान की हुई हार्टअटैक से मौत

सीहोर। एक तरफ शासन-प्रशासन द्वारा लगातार दावा किया जा रहा है कि यूरिया सहित अन्य खाद की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में है। इस दावे के बाद भी किसानों को दिन-दिन भर खाद के लिए लाइनों में लगना पड़ रहा है। इसके बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है। इधर सीहोर जिले के नजदीकी ग्राम रामाखेड़ी के एक बुजुर्ग किसान शिवनारायण मेवाड़ा की खाद लेने केे दौरान हाईअटैक से मौत हो गई। बुजुर्ग किसान सुबह करीब 10 बजे अपनेे घर गांव रामाखेड़ी से समीपस्थ ढाबला सोसायटी में खाद लेने के लिए निकले थे। पहले तो वे कई घंटों तक लाइन में लगेे रहे। हालांकि उन्हें करीब 2 बजे सोसायटी द्वारा खाद का परमिट दे दिया गया था, लेकिन खाद लेने के लिए लंबी लाइन लगी थी, इसलिए वे खाद नहीं उठा पाए। बाद में जब वे गोदाम से खाद उठाने के लिए जा रहे थे, तभी रास्ते में उन्हें दिल का दौरा पड़ गया और उनकी मौत हो गई।
नहीं है खाद की कमी-
कृषि विभाग के उप संचालक केके पांडे ने बताया कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित ढाबला, जनपद सीहोर पर रामाखेड़ी निवासी 65 वर्षीय किसान शिवनारायण आत्मज मूलचंद 15-20 मिनट समिति कार्यालय के पास चबूतरे पर बैठे रहे। इसके बाद उनके द्वारा 2-4 बोरी यूरिया की मांग पर समिति के कर्मचारी ने उन्हें 4 बोरी का परमिट काट कर दे दिया। किसान शिवनारायण पर्ची लेकर समिति के गोदाम पर खाद लेने जा रहा था, तभी रास्ते में गोदाम से लगभग 100 से 200 मीटर की दूरी पर किसान को अटैक आने से वह गिर गए और उनकी मृत्यु हो गई। उप संचालक कृषि श्री पांडे ने जानकारी दी कि समिति कार्यालय पर परमिट लेने के लिए 15 से 20 किसान उपस्थित थे एवं गोदाम पर खाद लेने वालों की संख्या 5-10 थी। ढाबला समिति में 14 नवंबर 2022 को इफको द्वारा यूरिया 25 मीट्रिक टन एवं दिनांक 17 नवंबर 2022 को चंबल द्वारा 25 मीट्रिक टन यूरिया प्रदाय किया गया था, जिसका वितरण समिति द्वारा किया जा रहा था। उक्त समिति को पिछले वर्ष रबी सीजन में 93.600 मीट्रिक टन एवं इस रबी सीजन में अब तक 176.4 मीट्रिक टन यूरिया प्रदाय किया गया हैं। किसान शिवनारायण को समिति द्वारा 11 अक्टूबर 2022 को परमिट नंबर 10534 पर 9185 रुपए का 10 बोरी सुपर, डीएपी, बोरोन, 3 नवंबर 2022 को परमिट क्रमांक 11327 पर 1335 रुपए का 5 बोरी यूरिया एवं 18 नवंबर को 11697 परमिट पर 1068 रुपए का 4 बोरी यूरिया प्रदाय किया गया था।
इतनी बताई जा रही जिले में खाद की उपलब्धता-
जिले में रासायनिक उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता है। वर्तमान में जिले में रबी फसलों की बुआई का कार्य प्रगति पर है, जिससे बेसल डोज के रूप में डीएपी, एनपीके एवं एसएसपी तथा जिन किसानों द्वारा माह अक्टूबर में गेहूं की बोनी कर दी गई है, उन्हें प्रथम सिंचाई के साथ यूरिया की आवश्यकता होगी। कृषि विभाग के उप संचालक केके पांडे ने जानकारी दी कि रबी वर्ष 2022-23 के लिए वर्तमान में जिले में कुल यूरिया 2813, डीएपी 5052, एसएसपी 2902 एवं 1346 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है। विपणन संघ के गोदाम में 1460 मीट्रिक टन यूरिया, 1892 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है। इसी प्रकार 108 सहकारी समितियों में 478 मीट्रिक टन यूरिया, 2499 मीट्रिक टन डीएपी, 609 मीट्रिक टन एनपीके शेष है। इस प्रकार जिले में पर्याप्त मात्रा में रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता हैं। आवश्यकतानुसार सभी सहकारी समितियों रासायनिक उर्वरक विपणन संघ द्वारा भंडारित कराया जा रहा है। जिले में किसानों को उचित दामों में सुगमता पूर्वक उपलब्ध कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें सभी निजी एवं सहकारी उर्वरक विक्रय केन्द्रों पर राजस्व एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी समक्ष में खाद वितरण के लिए लगाई गई है। डिफाल्टर किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए जिले में 20 नगद विक्रय केन्द्र स्थापित किए गए हैं। साथ ही विपणन संघ के गोदाम, कृषि उपज मंडी एवं मध्यप्रदेश राज्य उद्योग विकास निगम के वितरण केन्द्र के समक्ष जिले में निजी विक्रेताओं के 23 काउंटर भी खोले गए हैं।



