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तुलावटियों का दर्द: शिवराज सरकार के वादे को भूली मंडी

सीहोर। कृषि उपज मंडियों में काम करने वाले तुलावटी मजदूर इन दिनों अपने रोजगार को लेकर चिंतित हैं। मंडी बोर्ड द्वारा 62 वर्ष की उम्र में तुलावटियों को काम से हटाया जा रहा है। तुलावटियों का कहना है कि जब सरकार उन्हें कर्मचारी नहीं मानती तो रिटायरमेंट की उम्र की बाध्यता किस बात की?
कृषि उपज मंडी सीहोर के तुलावटियों ने बताया कि मंडी बोर्ड ने 62 वर्ष से अधिक उम्र के तुलावटियों को काम नहीं करने देने का आदेश है। तुलावट बाबूलाल ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा, जब हमें कर्मचारी जैसी कोई सुविधा वेतन, पेंशन नहीं मिलती तो फिर रिटायरमेंट किस बात का। मण्डी प्रबंधन स्वस्थ लोगों को भी मजबूरन काम छोडऩे पर मजबूर कर रहा है।
शिवराज सिंह चौहान का वादा भूली सरकार
एक अन्य तुलावट सरजू प्रसाद ने याद दिलाते हुए कहा कि पहले ऐसा कोई नियम नहीं था। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वादे का जिक्र किया, जब उन्होंने मंडी चौपाल का गठन कर कहा था कि तुलावटियों और हमालों के लिए उम्र की कोई बाध्यता नहीं होगी। लेकिन वर्ष 2014 से मंडी बोर्ड ने यह आदेश लागू कर दिया। हाल ही में काम से हटाए गए मानसिंह ठाकुर ने बताया कि वह पूरी तरह स्वस्थ होने के बावजूद उन्हें हटा दिया गया, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। उन्होंने मंडी बोर्ड से काम, पेंशन या दुकान आवंटित करने की मांग की।

पुरानी योजनाएं भी बंद
रिटायर हो चुके तुलावट अजमेरी खान ने बताया कि पहले हम्माल और तुलावटियों के लिए मेधावी छात्र योजना, अंत्येष्टि सहायता और विवाह योजना जैसी कई योजनाएं थीं, जो अब बंद कर दी गई हैं। मंडी प्रबंधन भी उनकी कोई मदद नहीं करता। इस संबंध में कृषि उपज मंडी सीहोर के सचिव नरेंद्र महेश्वरी ने बताया कि यह मंडी बोर्ड का नियम है और इसका पालन किया जा रहा है।

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