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ये योजनाएं हो सकती हैं आपके लिए उपयोगी

सीहोर। प्रदेश शासन के जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जनजातीय वर्ग के हितग्राहियों को स्वरोजगार स्थापित करने के लिय मध्यप्रदेश आदिवासी वित एवं विकास निगम के माध्यम से तीन योजनाओं भगवान बिरसा मुंडा स्वरोजगार योजना, टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित पोषण योजना लागू की गई है। योजना संबंधी अधिक जानकारी के लिए कार्यालय कलेक्टर जिला संयोजक, जनजातीय कार्य विभाग सीहोर में कार्यालयीन समय सम्पर्क कर सकते हैं।
भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना –
भागवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत विनिर्माण गतिविधियों के लिए 50 लाख रूपए तक तथा सेवा, व्यवसाय गतिविधियों के लिए 25 लाख रूपए तक परियोजनाएं स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है। इसके लिए परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। योजना अंतर्गत हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित, शेष ऋण पर 5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज अनुदान तथा बैंक ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 7 वर्षों तक (मोरेटोरियम अवधि सहित) निगम द्वारा वहन किए जाने का प्रावधान है। योजना में इच्छुक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण भी प्रदान किए जाने का प्रावधान है। योजना का क्रियान्वयन शासन द्वारा निर्धारित समस्त पोर्टल के माध्यम से किया जाना प्रावधानित है तथा पोर्टल पर उक्त योजना मुख्यमंत्री उद्यम कांति योजना से समन्वित होगी। जिला स्तर पर योजना का क्रियान्वयन सहायक आयुक्त, जिला संयोजक, शाखा प्रबंधक मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम एवं महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के माध्यम से किया जाएगा।
जरूरी दस्तावेज एवं योग्यता : भागवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति कक्षा 8वीं उत्तीर्ण एवं उम्र 18 से 45 वर्ष हो। इसके अलावा जाति प्रमाण पत्र (एसडीएम द्वारा जारी स्थाई हो), मूल निवासी प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, समग्र आईडी, फोटो, कोटेशन, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, वाहन हेतु वैध ड्रायविंग लायसेंस, पेन कार्ड हो। आवेदनकर्ता किसी बैंक अथवा किसी वित्तीय संस्था का डिफाल्टर न हो और केन्द्र सरकार की किसी अन्य स्वरोजगार योजना का हितग्राही न हो। आवेदनकर्ता अपना आवेदन बेवसाईड समस्त पोर्टल एमपी ऑनलाईन में आवेदन करने के पश्चात् आवेदन की एक प्रति समस्त दस्तावेज के साथ कार्यालय में जमा करें।
टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना-
टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत ऐसे अनुसूचित जनजाति के सदस्य जो आयकरदाता नहीं हो, जिनकी उम्र 18 से 55 वर्ष के मध्य हो, उन्हें सभी प्रकार के स्वरोजगार गतिविधियों के लिए 10 हजार से रुपए एक लाख रूपए तक की परियोजनाओं के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण दिलवाकर हितग्राही को 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान तथा बैंक ऋण शुल्क, प्रचलित दर पर अधिकतम 5 वर्षों के लिए दिए जाने का प्रावधान है। योजना का क्रियान्वयन शासन द्वारा निर्धारित समस्त पोर्टल के माध्यम से किया जाना प्रावधानित है। जिला स्तर पर योजना का क्रियान्वयन सहायक आयुक्त, जिला संयोजक, शाखा प्रबंधक मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास एवं महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के माध्यम से किया जाएगा।
आवश्यक दस्तावेज एवं योग्यता : टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के लिए आवेदन के लिए जाति प्रमाण पत्र (एसडीएम द्वारा जारी स्थाई हो), मूल निवासी प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, समग्र आईडी, फोटो, कोटेशन, बैंक पास बुक हो। आवेदक की उम्र 18 से 55 के बीच हो। यदि अंक सूची हो तो संलग्न करे। आवेदनकर्ता आयकर न दाता हो। आवेदनकर्ता किसी बैंक अथवा किसी वित्तीय संस्था का डिफाल्टर न हो और केन्द्र सरकार की किसी अन्य स्वरोजगार योजना का हितग्राही न हो।
मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना-
मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना के तहत मुख्यतः अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए विभिन्न लाईन विभागों अथवा जिला कलेक्टरों के माध्यम से प्राप्त होने वाले ऐसे विशेष परियोजना प्रस्तावों जो कि लाईन विभागों की प्रचलित किसी भी योजना, परियोजना में किया जाना संभव न हो, तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए किया जाना अंत्यत उपयोगी एवं आवश्यक हो, को वित्त पोषण के लिए अधिकतम रुपये 2 करोड तक की संपूर्ण परियोजना लागत राशि शासन द्वारा अनुदान के रूप में प्रदान किये जाने का प्रावधान है। योजना में आजीविका, स्वरोजगार, कौशल उन्नयन संर्वधन एवं नवाचार संबंधी परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर वित्त पोषण किए जाने का प्रावधान है। परियोजना अंतर्गत कम से कम 50 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जनजाति वर्ग के होना अनिवार्य है।

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