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सरकार की मुहिम को ठेंगा, करोड़ों की सरकारी जमीन पर कब्जा करके बना लिए मकान

सीहोर जिले की रेहटी तहसील स्थित ग्राम पंचायत चकल्दी का मामला

सीहोर। एक तरफ प्रदेश में राजस्व भूमि, सरकारी भूमि से कब्जा हटाने की मुहिम चलाई जा रही है। कब्जाधारियों को नोटिस दिए जा रहे हैं, लेकिन सीहोर जिले की रेहटी तहसील स्थित ग्राम पंचायत चकल्दी में करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन पर कब्जा जमाकर इसके प्लाट बेच दिए गए। अब इन प्लाटों पर मकान भी बनाए जा रहे हैं।
कभी चंपावती नगरी के नाम से प्रसिद्ध चकल्दी अब भी चर्चाओं में है। अब यहां की चर्चाएं अपनी प्रसिद्धि के लिए कम, लेकिन अवैध कार्यों के लिए ज्यादा हो रही है। दरअसल ग्राम पंचायत चकल्दी में छोटे जंगल की करीब 55-60 एकड़ जमीन पर पहले तो अवैध तरीके से कब्जा जमाया गया और उसके बाद यहां पर प्लाट बेच दिए गए। अब जिन लोगों ने यहां पर प्लाट लिए हैं वे पक्के निर्माण कार्य भी कर रहे हैं। इसके कारण जहां सरकारी खजाने को चूना लगाया जा रहा है, वहीं सरकार की मुहिम को भी धत्ता बताया जा रहा है।
सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे की चल रही मुहिम-
प्रदेशभर में सरकारी जमीनों पर कब्जा जमा कर बैठे लोगों को हटाने के लिए सरकार की मुहिम भी चल रही है। इसके लिए कब्जाधारियों को नोटिस दिए जा रहे हैं, लेकिन चकल्दी में जिम्मेदारों की मिलीभगत से सब कुछ हो रहा है। बताया जा रहा है कि यहां पर मिलीभगत से अवैध कब्जाधारियों ने करोड़ों के प्लाट बेच डाले हैं। अब इन पर वे मकान भी तान रहे हैं, लेकिन इसको लेकर उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। खानापूर्ति के लिए कुछ कब्जाधारियों को नोटिस जारी किए गए हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों के अब भी कब्जे बरकरार हैं।
तहसीलदार की सख्ती से रुके निर्माण कार्य-
ग्राम पंचायत चकल्दी में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत तहसीलदार रेहटी से भी की गई थी। इसके बाद तहसीलदार केएल तिलवारी की सख्ती से निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों को इसमें नोटिस भी दिए गए हैं, लेकिन यहां पर कई लोगों के अवैध कब्जे हैं, जिनमें से सिर्फ कुछ को ही नोटिस दिए गए हैं, जबकि सभी को नोटिस दिए जाना चाहिए था।
मुख्य मार्ग पर है ये सरकारी जमीन-
चकल्दी की यह सरकारी जमीन चकल्दी से लाड़कुई जाने वाले मुख्य मार्ग के दोनों तरफ हैं। इस बेशकीमती जमीन पर सरकारी योजनाओं के भवन बनने चाहिए थे, लेकिन अवैध कब्जाधारियों ने सड़क के दोनों तरफ के प्लाट बेचकर पहले तो लाखों-करोड़ों के वारे-न्यारे कर लिए और अब कब्जा भी नहीं हटा रहे हैं। इसी सरकारी जमीन पर गौशाला भी बनाई गई है, लेकिन गौशाला के लिए भी पर्याप्त मात्रा में जमीन नहीं है। गौवंश को खुले में घूमने-फिरने के लिए यहां पर पर्याप्त जमीन नहीं है।
बिल्डर ने भी किया सरकारी जमीन पर कब्जा-
इसी मार्ग पर एक निजी जमीन पर बिल्डर द्वारा कॉलोनी बनाई जा रही है, प्लाट भी बेचे जा रहे हैं, लेकिन कॉलोनी का मुख्य द्वार सरकारी जमीन पर बना दिया। दरअसल मुख्य मार्ग के दोनों तरफ सरकारी जमीन है और बिल्डर द्वारा भी इस पर निर्माण कार्य करवा दिया गया है।
इनका कहना है-
सरकारी जमीन पर कब्जों को लेकर तहसील कार्यालय में शिकायत की गई है। अब तक शिकायत पर कोई निराकरण नहीं किया गया है। सरकारी जमीन पर पक्के निर्माण कार्य किए गए हैं।
– मनोहर वारिग, सरपंच प्रतिनिधि, ग्राम पंचायत चकल्दी

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