
सीहोर। युवाओं में नशे की लत और फास्टफूड के दीवाने बच्चे बीमारियों को न्यौता दे रहे हैं। बच्चों को बचपन से ही तेज नमक और तली चीजें खाने की आदत पड़ जाती है। इससे आने वाले समय में डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं युवा शराब और अन्य नशे का सेवन करते है, जिससे शरीर में गंभीर रोग होते हैं। उक्त विचार शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र में विश्व लिवर दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल में पदस्थ वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीके चतुवेर्दी ने कहे।
उन्होंने कहा कि लिवर शरीर का जरूरी आर्गन है जो कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है, विषैले पदार्थ को फिल्टर करता है, डाइजेशन में मदद करता है और संक्रमण को कंट्रोल करता है। शराब पीने से लिवर की कोशिकाएं डैमेज होती है। हालांकि लिवर खुद अपने आपको रिकवर कर लेता है, लेकिन अगर कोई अधिक शराब पीता है तो उसकी ये क्षमता भी खत्म हो जाती है। मानव शरीर में दिमाग के बाद सबसे महत्वपूर्ण अंग लिवर को माना जाता है। भोजन के पाचन से लेकर उससे पोषक तत्वों के अवशोषण और रक्त को साफ करते हुए उसमें रसायनों के संतुलन को बनाए रखने जैसा महत्वपूर्ण कार्य लिवर का ही होता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को रोजाना लिवर को स्वस्थ रखने वाले उपाय करते रहने की सलाह देते हैं, क्योकि इस अंग में होने वाली छोटी से भी समस्या का असर पूरे शरीर की सेहत को प्रभावित कर सकता है। लेकिन बदलती जीवन शैली और नशा विशेषकर शराब पीने की आदत लिवर को भी बीमार कर रहा है। इसमें सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है, जिन्हें लिवर संबंधित बीमारियां अपनी गिरफ्त में ले रही हैं। प्रतिवर्ष लिवर संबंधित बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, इसमें 20 से 45 उम्र के मरीज सबसे ज्यादा है। इनमें मद्यपान करने वाले लोग ज्यादा हैं, जो चिंता का विषय है। कार्यक्रम के दौरान विशेष रूप से डॉ. विवेक बजाज, जितेन्द्र तिवारी, नटवर कुशवाहा, राकेश शर्मा आदि शामिल थे।