राजनीतिक

कोरोना के कहर के बीच बंगाल में चुनाव कराने की तैयारी में आयोग, जारी किए नए गाइडलाइन्स

 कोलकाता।
पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में खतरनाक वृद्धि देखने को मिली है। इसके बावजूद राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में चार नगर पालिकाओं में चुनाव 22 जनवरी को तय कार्यक्रम के अनुसार होंगे। हालांकि, पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका चुनाव प्रचार के दौरान और मतदान के दिन कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पालन करने की आवश्यकता है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “निकाय चुनावों की तारीखों में कोई बदलाव नहीं होगा। डब्ल्यूबीएसईसी ने कुछ कोविड-19 प्रोटोकॉल जारी किए हैं। ये भारत के चुनाव आयोग द्वारा अप्रैल 2021 में विधानसभा चुनाव के दौरान जारी किए गए दिशानिर्देशों के समान हैं।”

दिशानिर्देशों के मुताबिक, उम्मीदवारों द्वारा किसी भी प्रकार के रोड शो, बाइक और साइकिल रैलियों पर रोक है। डोर-टू-डोर प्रचार के दौरान उम्मीदवार अपने साथ चार अन्य व्यक्तियों और सुरक्षा गार्डों को ले जा सकते हैं। खुले स्थानों में राजनीतिक दल की बैठकों को अधिकतम 500 व्यक्तियों के साथ अनुमति दी गई है। सम्मेलन हॉल में आयोजित बैठकों में केवल 200 व्यक्तियों को अनुमति दी जाएगी। साथ ही मतदान के दिन से 72 घंटे पहले चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा।

WBSEC ने दिसंबर के अंत में चुनावी तारीखों की घोषणा की थी। 22 जनवरी को आसनसोल, बिधाननगर, सिलीगुड़ी और चंदननगर सहित राज्य के चार नगर निकायों में वोटिंग होगी। मतगणना 25 जनवरी को होगी।
 

आपको बता दें कि बंगाल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 6000 से अधिक मामले सामने आए। इसके साथ ही सकारात्मकता दर लगभग 20% थी। इसका अर्थ यह है कि प्रत्येक पांच नमूनों में से एक कोरोना पॉजिटिव पाया गया। आपको यह भी बता दें कि अप्रैल 2021 में भारत के चुनाव आयोग को उस समय मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था,  जब पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों के बाद कोविड -19 मामलों की दैनिक गिनती खतरनाक रूप से बढ़ गई थी।

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के बाद मई 2021 में प्रतिदिन 20,000 से अधिक मामलों की संख्या चरम पर पहुंच गई थी। बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, “हमें वास्तव में संदेह है कि लोग कोविड -19 के डर से घरों से निकलेंगे और मतदान करेंगे। मुझे नहीं पता कि राज्य चुनाव आयोग इतने सारे प्रतिबंधों के बीच चुनाव क्यों और कैसे कराएगा। अगर लोग वोट देने नहीं आते हैं और वोटिंग प्रतिशत गिरता है तो मुझे नहीं लगता कि इसे एक सफल चुनाव माना जाएगा।”

पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार को स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया है। साथ ही कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या को भी सीमित कर दिया है। वहीं, दिल्ली और मुंबई से उड़ानों को प्रतिबंधित करके 15 जनवरी तक के लिए कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं।

ममता सरकार में मंत्री और टीएमसी नेता शोभनदेव चटर्जी ने कहा, “चुनाव निश्चित रूप से होंगे। अगर गाइडलाइंस का पालन किया जाता है, तो मुझे लगता है कि डरने की कोई बात नहीं है। बीजेपी के दिमाग में सिर्फ एक ही चीज है और वह है आलोचना। लेकिन आपने उन्हें कभी भी सड़कों पर उतरते हुए और लोगों को कोविड -19 मानदंडों के बारे में जागरूक करने के लिए सक्रिय रूप से भाग लेते हुए नहीं देखा होगा।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button