राजनीतिक

बातचीत अविभाजित त्रिपुरा की शर्त पर होगी – हिमंता बिस्व सरमा 

अगरतला । असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी टिपरा मोथा के बीच बातचीत अविभाजित त्रिपुरा की शर्त पर होगी। इस सप्ताह इस पूर्वोत्‍तर राज्य में बीजेपी की सत्‍ता में वापसी के बाद सरमा का त्रिपुरा का यह पहला दौरा था। असम के मुख्यमंत्री ने  संवाददाताओं से बातचीत में कहा, यह एक महान जीत है और पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति भरोसे की पुनर्पुष्टि है। त्रिपुरा के कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत की और हम उनके आभारी हैं। हम त्रिपुरा के महान लोगों के प्रति बेहद आभार व्यक्त करते हैं।
बीजेपी और आदिवासी-आधारित पार्टी (टिपरा मोथा) के बीच बातचीत फिर से शुरू करने की संभावना के बारे में  सरमा ने कहा कि यह फिर से शुरू हो सकती है लेकिन शर्त यह है कि टिपरा मोथा को अलग राज्‍य की मांग को छोड़ना होगा। सरमा, टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योग किशोर देबबर्मा के साथ कई दौर की बातचीत कर चुके हैं। बता दें, ग्रेटर टिपरालैंड की मांग प्रद्योत देबबर्मा के चुनाव अभियान की केंद्रबिंदु रही है। इस अहम चुनाव से पहले उन्‍होंने कहा था, हमारी पार्टी सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी सीपीएम-कांग्रेस गठबंधन से समान दूरी बनाए हुए है।।। मैं ग्रेटर टिपरालैंड के लिए कोई समझौता करने के लिए तैयार नहीं हूं। 
उन्होंने कहा, त्रिपुरा एकजुट रहेगा और केंद्र या राज्य सरकार के स्तर पर जो कुछ भी करने की आवश्यकता होगी, किया जाएगा। यह मेरा विचार है। गौरतलब है कि बीजेपी शुरुआत में टिपरा मोथा तक पहुंची थी, लेकिन दोनों पक्षों के बीच बातचीत विफल रही जब आदिवासी पार्टी, राज्य की अपनी मांग पर अड़ी रही और बीजेपी सहमत नहीं हुई। यहां तक कि गृह मंत्री ने स्थानीय समुदायों के लिए ग्रेटर टिपरालैंड की मांग पर बातचीत के लिए क्षेत्रीय पार्टी टिपरा मोथा को आमंत्रित किया था, लेकिन प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मा ने कहा कि जब तक हमें भारत सरकार से लिखित में आश्‍वासन नहीं मिलता है कि हमारी मांगों को संवैधानिक रूप से पूरा किया जाएगा, मैं कोई भी गठबंधन नहीं करूंगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button