रेहटी। बुधनी विधानसभा में चल रही किसानों से धान तुलाई में जमकर मनमानी की जा रही है। तुलाई सेंटरों पर मानक धान को भी अमानक बताकर रिजेक्ट किया जा रहा है। इसके कारण किसान भी परेशान हो रहे हैं। धान खरीदी में मनमानी का मामला रेहटी तहसील के वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के कैप का भी सामने आया। यहां पर किसान एसएमएस मिलने के बाद जब अपनी उपज लेकर पहुंचे तो उनकी धान नहीं ली गई। किसानों से कहा गया कि वे बाद में आएं। इससे किसान नाराज हो गए। किसानों ने ख़रीदी केंद्र पर जिम्मेदारों से बात भी की, लेकिन किसानों की बातों को नहीं सुना गया। इससे नाराज होकर किसान सड़क पर आ गए और चक्काजाम कर दिया।
लाल धान बताकर कर रहे रिजेक्ट-
मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के बोरी स्थित कैप पर जब किसान अपनी उपज लेकर पहुंचे तो वहां के सर्वेयरों ने लाल धान बताकर रिजेक्ट करना शुरू कर दिया। सर्वेयर ने एक के बाद एक ट्राली को रिजेक्ट कर दिया। इसके कारण किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया। जब वेयर हाउस प्रबंधक और सर्वेयर ने किसानों की नहीं सुनी तो किसान भड़क गए और इसके बाद उन्होंने अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़क पर खड़े कर दिए। किसानों ने सड़क के दोनों तरफ और बीच में ट्रैक्टर-ट्रॉली फंसा दिए। इसके कारण थोड़ी देर में दोनों तरफ से आने वाले वाहन रूक गए और देखते ही देखते वाहनों की लंबी कतार लगने लगी।
तहसीलदार और थाना प्रभारी पहुंचे-
किसानों द्वारा किए गए चक्काजाम की सूचना जब रेहटी तहसीलदार केएल तिलवारी और थाना प्रभारी अरविंद कुमरे को मिली तो वे किसानों के पास पहुंचे और उनकी समस्या सुनीं। उन्होंने किसानों को समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन किसान अपनी जिद पर अड़े रहे। काफी देर तक मशक्कत करने के बाद देर शाम किसानों ने चक्काजाम खोला। किसानों से कहा गया है कि उनकी सभी धान खरीदी जाएगी।
सेमरी में भी चल रही है धांधली-
इधर सेमरी स्थित अनादि वेयर हाउस पर भी धान खरीदी में कई तरह की गड़बड़ियों की शिकायत मिल रही है। वहां भी किसानों को परेशान किया जा रहा है। अनादि वेयर हाउस पर पिछले तीन-चार दिनों से धान की खरीदी बंद की हुई है। इसके कारण वहां पर किसानों की भीड़ भी जमा हो गई है। किसान दूर-दूर से उपज लेकर वेयर हाउस पर पहुंच रहे हैं, लेकिन उनकी तुलाई नहीं हो पा रही है। सर्वेयर द्वारा किसानों की धान को लाल बताकर रिजेक्ट किया जा रहा है।
जिम्मेदारों ने नहीं उठाया फोन-
इस मामले में चर्चा करने के लिए बोरी कैप के प्रबंधक सहित अन्य जिम्मेदारों से चर्चा करनी चाही तोे उन्होंने फोन नहीं उठाया। एक तरफ अधिकारी मनमानी कर रहे हैं तो दूसरी तरफ वे कोई जबाव देने कोे भी तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में अधिकारियों की यह स्थिति है तोे प्रदेश के अन्य स्थानों का क्या हाल होगा।
इनका कहना है-
किसानों की मानक धान को भी अमानक बताकर रिजेक्ट किया जा रहा है। नियमानुसार तीन प्रतिशत तक लाल धान खरीदी जाती है, लेकिन यहां पर एक दाना भी लाल दिख रहा है तो उसको रिजेक्ट किया जा रहा है। किसान परेशान है और उपर से उनको इस तरह से परेशान किया जा रहा है यह उचित नहीं है।
– सुनील गौर, प्रदेश प्रवक्ता, राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ