सीहोर। 50 वर्षों से अवैध जमीन पर कब्जा करके खेती कर रहे किसानों से प्रशासन ने जमीन मुुक्त कराई। बुधनी तहसील के जर्रापुर में स्थित करीब 52 एकड़ जमीन पर किसानों ने गेहूं की फसल लगाई थी। सरकार ने यह जमीन एक फूड प्रोसेसिंग कंपनी को दी है। कंपनी यहां पर फूड प्रोसेसिंग का प्लांट लगाएगी।
बुधनी तहसील के ग्राम जर्रापुर में 52 एकड़ सरकारी जमीन पर 50 वर्षों से अधिक समय से किसान खेती कर रहे हैं। कई किसानों की तीन-तीन पीड़ियां इस जमीन पर खेती करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही है, लेकिन अब प्रशासन ने इस जमीन पर जेसीबी चलवा दी। इस वर्ष भी किसानों ने यहां पर गेहूं की फसल लगा दी थी, लेकिन प्रशासन ने उनकी फसल पर जेसीबी चलवाकर खेत खाली करवा दिया।
नोटिस दिया, लेकिन नहीं हटाया था कब्जा-
ग्राम जर्रापुर स्थित सरकारी जमीन पर से कब्जा हटाने के लिए बुधनी तहसीलदार आशुतोष शर्मा द्वारा 21 अक्टूबर 2021 कोे नोटिस जारी किया गया था। नोटिस के माध्यम से किसानों को इस जमीन पर से कब्जा हटाने का आदेश दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी किसानों ने अपना कब्जा नहीं छोड़ा। इधर किसानों का कहना है कि प्रशासन द्वारा नोटिस बाद में भेज गए, तब तक वे गेहूं की बोवनी कर चुके थे। किसानों का कहना है कि उन्हें नोटिस चार दिन पहले मिले हैं, जबकि तहसील कार्यालय द्वारा 21 अक्टूबर को ही नोटिस जारी कर दिए गए थे।
प्रशासन कोे करना पड़ा विरोध का सामना-
जमीन पर से कब्जा हटाने गए एसडीएम शैलेंद्र हनोतिया, तहसीलदार आशुतोष शर्मा, थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारियों को किसानों के विरोध का सामना भी करना पड़ा। खेती पर कब्जाधारी परिवार की महिलाओं ने आकर विरोध किया। महिलाओं का कहना था कि उनके परिवार के भरण-पोषण का यह जमीन ही माध्यम है। यदि सरकार यह जमीन उनसे ले लेगी तो वे अपनेे बच्चों को क्या खिलाएंगी। इसी तरह कई किसानों ने भी विरोध जताया। हालांकि एसडीएम ने विरोध कर रहे लोगोें को समझाईश दी और उनसे कहा कि यह जमीन सरकारी है और सरकार ने इसे फूड प्रोसेसिंग कंपनी को आवंटित कर दी है। उन्होंने यह भी कहा कि पट्टे की जमीन पर से कब्जा नहीं हटाया जाएगा। एसडीएम ने किसानों को पांच एकड़ जमीन देने की बात भी कही।
इनका कहना है-
किसानों द्वारा 52 एकड़ जमीन पर कब्जा करके खेती की जा रही थी। इस जमीन को मुक्त कराया गया है। यह जमीन फूड प्रोसेसिंग के लिए एक कंपनी को आवंटित की जा चुकी है। कंपनी द्वारा अब इस पर कार्य शुरू किया जाना है, इसकेे लिए जमीन को कब्जे से मुक्त कराकर कंपनी को सौैंपी जाएगी।
– शैलेंद्र हनोतिया, एसडीएम, बुधनी