जीत के लिए बदली सीट, जानें चुनाव क्षेत्र बदलने के पीछे प्रत्याशियों और दलों की रणनीति
लखनऊ
यह जरूरी नहीं, पिछली बार जहां से जीते वहीं से इस बार भी कामयाबी हासिल हो। शायद सीट बदलने से किस्मत चमक जाए और विधानसभा जाने की मंजिल मिल जाए। कुछ ऐसा ही मंजर इस बार देखने को मिल रहा है। सीट बदल कर प्रत्याशी जनता के बीच पहुंच रहे हैं। इसमें पिछली बार जीतने वाले व हारने वाले दोनों शामिल हैं।
पर बड़े दलों की चिंता दूसरी है। टिकट बांटने में संतुलन साधने के लिए वह दावेदारों की सीट बदल रहे हैं। इसका मकसद पार्टी में संभावित भितरघात की संभावना को कम करना है। बड़े दलों में टिकट के लिए एक अनार सौ बीमार जैसी स्थिति है। जहां ऐसी स्थिति है व दावेदार ज्यादा हैं, वहां तय प्रत्याशी को दूसरी जगह लड़ने भेजा जा रहा है। अवतार सिंह भडाना को लें। पिछली बार वह भाजपा प्रत्याशी के तौर पर मीरापुर सीट से जीते थे। इस बार रालोद में शामिल हुए तो सपा रालोद गठबंधन ने उन्हें जेवर से प्रत्याशी बना दिया। भाजपा विधायक राधा कृष्ण पिछली बार गुन्नौर से जीते थे। उन्हें अपने टिकट कटने का अंदेशा हो गया था। वह सपा में शामिल हो गए। सपा ने उन्हें गुन्नौर की बजाए पास की आवंला से मैदान में उतार दिया है। बिल्हौर से भगवती सागर भाजपा के टिकट पर चुने गए थे। उन्होंने भी पालाबदल किया और अब सपा ने उन्हें बिल्हौर से प्रत्याशी नहीं बनाया बल्कि घाटमपुर से टिकट दे दिया। सपा के याशिर शाह अखिलेश सरकार में मंत्री रहे हैं। वह पिछला चुनाव बहराइच की मटेरा सीट से जीते थे। इस बार सपा ने उनकी सीट बदल कर बहराइच सदर कर दी है।
जीत के लिए सीट बदलने की रणनीति
सपा के दो प्रत्याशी अरविंद सिंह गोप व फरीद महफूज किदवई दोनों पिछली बार विधानसभा चुनाव हार गए थे। इस बार अखिलेश यादव ने इन दोनों की सीटें बदल दीं। गोप पिछली बार रामनगर से लड़े थे। इस बार सपा ने दरियागंज से प्रत्याशी बनाया है। फरीद महफूज किदवई पिछली बार कुर्सी सीट से लड़े थे। इस बार उन्हें रामनगर लड़ने के लिए भेजा गया है इस तरह कुर्सी सीट बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को दी गई। कानपुर में सीसामऊ और कानपुर कैंट यह दोनों सीटें भाजपा के लिए बड़ी चुनौती हैं। कानपुर कैंट से भाजपा के सलिल विश्नोई पिछला चुनाव हार गए। वह अभी भाजपा उपाध्यक्ष व एमएलसी हैं। इस बार उन्हें कैंट से उतारने की तैयारी थी लेकिन कई दावेदारों के कारण भाजपा ने सलिल विशनोई को सीसामऊ से उतार दिया जबकि सीसामऊ से भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी अब कैंट से चुनाव लड़ेंगे।