बिहार में AAP मॉडल दोहराएंगे प्रशांत किशोर? जानिए क्यों आसान नहीं है उनकी राह
पटना
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर जल्द ही बिहार से सुराज अभियान की शुरुआत करेंगे। यह जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी है। उन्होंने लिखा है कि मुद्दों, सुराज के मार्ग और गुड गवर्नेंस को समझने के लिए असली हीरो जनता के बीच जाने का समय आ गया है। इसकी शुरुआत बिहार से होगी। वह 4 या 5 मई को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। दो दिन गैर राजनीतिक लोगों के साथ मंत्रणा करेंगे। प्रशांत ने यह साफ नहीं किया है कि वह किसी पार्टी का गठन करेंगे या उनका अभियान फिलहाल गैर राजनीतिक होगा। वैसे अगर इस अभियान के पीछे अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर राजनीति में कदम रखने की महत्वाकांक्षा है, तो बिहार में उनकी राह आसान नहीं होगी।
अभी एक हफ्ते पहले तक प्रशांत किशोर (पीके) के कांग्रेस में जाने की चर्चा थी। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव की कार्ययोजना भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के समक्ष रखी। 26 अप्रैल को उन्होंने ट्वीट कर बताया कि कांग्रेस में शामिल होने और चुनाव की जिम्मेदारी लेने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वह बिहार कांग्रेस की कमान अपने हाथों में चाहते थे। इस पर सहमति नहीं बनी। प्रशांत किशोर 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के रणनीतिकार के बतौर काम कर चुके हैं।
प्रशांत किशोर की अपने गृह प्रदेश बिहार को लेकर सियासी महत्वाकांक्षा पहले भी सामने आती रही है। जब तक वह नीतीश कुमार के रणनीतिकार और परामर्शी रहे, उस दौरान संवाद के दौरान जदयू के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी इसे महसूस किया। जदयू में यह धारणा बनने लगी थी कि वह नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी बनना चाहते हैं। दो साल पहले जब जदयू से उन्हें निकाला गया तो उनकी प्रतिक्रिया थी- मेरे नीतीश कुमार की पार्टी में रहने और वहां से निकाले जाने के बाद जदयू की हालत की तुलना करके देखे जाने की जरूरत है।