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काशी की ‘लंका’ में शिव के साथ हुआ कैसा सुलूक? 2 साल पहले BHU कैंपस से ले गई पुलिस ने अब माना, वो जिंदा नहीं

वाराणसी

वाराणसी (काशी) के लंका थाने पर 2 साल पहले बीएचयू स्‍टूडेंट शिव कुमार त्रिवेदी के साथ हुए सुलूक को लेकर उसके पिता, भाई और परिवार के सभी सदस्‍यों के मन में जाने कितने सवाल उमड़-घुमड़ रहे हैं। एक परिवार जिसने अपने 22 साल के होनहार बेटे को बीएचयू में पढ़ने के लिए भेजा, उसके लिए किसी भी तरह इस सच पर संतोष करना मुश्किल हो रहा है कि अब वो बेटा इस दुनिया में नहीं है। एक रात डॉयल-112 नंबर पर फोन कर बुलाई गई पुलिस उसे कैंपस से उठाकर ले जाती है। लंका थाने के सुपुर्द करती है और फिर 2 साल तक शिव का कुछ पता नहीं चलता। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में सीबीसीआईडी ने रिपोर्ट पेश कर बीएचयू वाराणसी के लापता छात्र की मौत की जानकारी दी है।

पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि छात्र मानसिक तौर पर बीमार था। उसे लंका थाने लाया गया था। उसी रात वह निकल गया था और तीसरे दिन ही एक तालाब के पास लावारिस लाश बरामद हुई थी, जिसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। फोटो के आधार पर पिता ने उसे पहचाना। उसके बाद डीएनए टेस्ट कराया गया। जिससे पता चला कि लावारिस लाश लापता छात्र की थी।

 

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