राज्य

एड्स पीड़ित सहानुभूति नहीं, विधिक अधिकार की सक्षमता चाहता है – न्यायाधीश वर्मा

रायपुर
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर एव एड़स नियंत्रण समिति के संयुक्त तत्वाधान में एचआईवी/एड्स एवं उसके अधिनियम 2017 पर विशेष जागरूकता अभियान का आयोजन न्यू सर्किट हाउस में किया गया। उक्त आयोजन विशेष रूप से नालसा की स्कीम तश्करी और वाणिज्यिक यौन, शोषण पीड़ितों के लिए विधिक सेवाएॅ के तहत एचआईवी/एड्स से पीड़ित व्यक्तियों के प्रति सामाजिक परिदृश्य से किस प्रकार के व्यवहार किया जाना है तथा उन्हें विधिक रूप से किस प्रकार सशक्त किया जाना है उस उद्देश्य हेतु आयोजित किया गया।

उक्त कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के पैनल अधिवक्ता तथा पैरालीगल वॉलेटियर उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ0 अजय कुमार सिंह क्षेत्रिय सह संयोजक छ0ग0 राज्य एड़स नियंत्रण समिति रायपुर, मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। डॉ0 सिंह द्वारा अपने वक्तव्य में एड्स से बचाव के उपायों के साथ यह भी बताया कि एड़स के पीड़ित व्यक्तियों के प्रति सामाजिक रूप से एक जागरूता फैलायी जानी चाहिए। जागरूकता के माध्यम से यह संदेश लोगों तक पहुंचाया जाना चाहिए कि एडस कोई छूआछूत की बीमारी नही है और सतत् उपचार लेकर एचआईवी/एड्स पीडित़ व्यक्ति अपने सामान्य जीवन को जी सकते है। उन्होंने यह भी बताया कि, छ0ग0 राज्य एड़स नियंत्रण समिति रायपुर, तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर किस प्रकार इस विषय को लेकर संपूर्ण जिले में विधिक जागरूकता कार्यक्रम कर रहा है।

कार्यक्रम के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर की ओर से पेनल अधिवक्ता थनवार राम साहू द्वारा एड़स पीड़ितों के विधिक अधिकार, शिक्षा के अधिकार, रोजगार के अधिकार, मूल अधिकार तथा स्वास्थ्य के अधिकारों के संबंध में कानूनी प्रावधानों की जानकारी प्रदान की गयी । उन्होंने यह भी बताया कि, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के माध्यम से ऐसे पीड़ित व्यक्तियों को नि:शुल्क विधिक सहायता प्राप्त होता है।

कार्यक्रम के संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर अरविंद कुमार वर्मा द्वारा कहा गया कि एड़स पीड़िता इस देश की संपदा है जो सहानुभूति के पात्र नहीं है क्योंकि वह भी हमारी तरह सक्षम व्यक्ति है बस उन्हें उनके अधिकारों की प्रति जागरूक करना हमारा कर्तव्य है और इसके साथ ही साथ हमारा यह भी कर्तव्य है कि, ऐसे पीड़ित व्यक्तियों को समाज की मुख्य धारा में लाकर उनके सतत उत्थान के लिए कार्य करें । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर सदैव इस कार्य हेतु प्रतिबद्ध है।

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